Thursday 23 February 2017

जोरशोर से प्रयास जारी



पटना। धीरे-धीरे त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत का अस्तित्व खत्म कर दिया जा रहा है। इसका प्रमाण पटना सदर प्रखंड अन्तर्गत 5 ग्राम पंचायत है। दीघा क्षेत्र के पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत और पश्चिमी ग्राम पंचायत। इसी तरह मैनपुरा क्षेत्र के पूर्वी मैनपुरा ग्राम पंचायत, पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत और उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत। अब मुख्यिया और मुखिया पति का राज समाप्त हो रहा है। इसी तरह सरपंच और सरपंच पति का जमाना जाने वाला है। सदस्य और सदस्य पति। पंच और पंच पति का चलन समाप्त हो जाएगा।

इन 5 पंचायतों को 3 वार्ड में विभक्त कर दिया गया है। अब यह क्षेत्र पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल में चला गया है। नूतन राजधानी अंचल ने क्षेत्र को तीन वार्ड में विभक्त कर दिया है। वार्ड नम्बर-22 , वार्ड नम्बर-22बी और वार्ड नम्बर-22 सी। विजयी प्रत्याशी को वार्ड काउंसिलर (पार्षद) कहा जाएगा। ग्राम पंचायत से वार्ड बनते ही वार्ड काउंसिलरों की बाढ़ गयी है। अभी से ही कमर कस लिये हैं। अब वार्ड काउंसिलर चुनाव की तिथि घोषणा शेष है। भावी प्रत्याशी पोस्टर टांगने लगे हैं। खुद को योग्य प्रत्याशी मान रहे हैं। भले ही घोषित वार्ड के सदस्य भावी प्रत्याशियों को जातने और ही पहचानते हैं। कुकुरमुत्ते की तरह लगे पोस्टरों में आने के बाद ही भावी वार्ड प्रत्याशियों को वार्ड सदस्य पहचानने लगे हैं।

बताते चले कि त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के समय भी विजयी महिलाओं को घर के अंदर ही रहना पड़ता था। विजयी महिलाओं के विजयी पति कहकर शासन चलाते थे। सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के लोग चाहते हैं कि महिलाएं ही नेतृत्व करें। महिला वार्ड पार्षद को चाहिए कि खुद वे ही नेतृत्व करें। पति को किनारे ही रखे। मगर यह संभव नहीं दिख पड़ता है। अभी जितने भी महिलाएं प्रत्याशी बनी हैं उनमें अधिकांश महिलाओं के पति विजयी पत्नी का शासक बन चुके हैं।


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