Wednesday 30 March 2022

आज 12 जनपथ के बंगले से बेदखल कर दिये गये

1989 में जीत के बाद वह वी पी सिंह की कैबिनेट में पहली बार शामिल किए गए और उन्हें श्रम मंत्री बनाया गया.एक दशक के भीतर ही वह एच डी देवगौड़ा और आई के गुजराल की सरकारों में रेल मंत्री बने. इसके साथ 1989 से 31 साल तक 12 जनपथ के बंगले में रहे. आज बंगले से बेदखल कर दिये गये. पेश है आलोक कुमार और स्वीटी माइकल की रिपोर्ट ...

नयी दिल्ली.देश के 6 प्रधानमंत्रियों के साथ अलग-अलग सरकार के कैबिनेट में बतौर मंत्री रामविलास पासवान काम किये थे.लुटियन दिल्ली के 12 जनपथ के बंगले में करीब 31 सालों तक रहे.रामविलास पासवान से पहले 12 जनपथ पर कांग्रेस की नेता मोहसिना किदवई रहा करती थीं. इधर ही दिल्ली के पहले उपराज्यपाल आदित्य नाथ झा रहे थे. अब 12 जनपथ देश के नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित हुआ है. पर अब 12 जनपथ पर रामविलास पासवान की धड़ प्रतिमा स्थापित कर दी गई है. इसलिए कहा जा रहा है कि वहां पर उनका स्मारक बनाने की कोशिश हो रही है. पर यह हो नहीं सकता क्योंकि केन्द्र सरकार ने फैसला ले लिया है कि अब लुटियन दिल्ली के किसी बंगले को स्मारक में तब्दील नहीं किया जाएगा.


लुटियन दिल्ली के बंगले को छोड़कर बाहर किसी अन्य जगह पर जाकर रहना कोई आसान काम नहीं है. असल में, लुटियन जोन का बंगला खाली करने के लिए बहुत साहस चाहिए. जन्नत जैसा है लुटियन जोन. दिल्ली की तपिश में जब सूरज देवता आग उगलते हैं, तब भी लुटियन दिल्ली के 26 किलोमीटर में फैले हरे-भरे क्षेत्र में मीठी बयार ही बहती है. इधर की हर सड़क के दोनों तरफ लगे घने दरख्तों की भारी-भरकम टहनियां सड़क के एक बड़े भाग को अपने आगोश में ले लेती हैं. इसके चलते सूरज की किरणें नीचे जाने से पहले ही रोक ली जाती हैं. इनकी मीठी बयार गर्मी में भी खुशनुमा अहसास देती हैं.

लुटियन दिल्ली में मुख्य रूप से इमली, अमलतास, जामुन,बरगद वगैरह के पेड़ लगे हैं. पर शायद सबसे ज्यादा जामुन है. सफदरजंग रोड,सुनहरी बाग, राजाजी मार्ग, कुशक रोड, त्यागराज मार्ग, मोतीलाल नेहरु मार्ग में जामुन हैं. अकबर रोड और तीन मूर्ति मार्ग पर इमली के पेड़ हैं. अकबर रोड के पीछे कुछ अमलतास भी हैं. पृथ्वीराज रोड, औरंगजेब रोड, तीस जनवरी मार्ग, कृष्ण मेनन मार्ग पर नीम हैं. तो बाबा खड़क सिंह मार्ग,तिलक मार्ग, फिरोजशाह रोड, तीन मूर्ति मार्ग इमली के पेड़ों से लबरेज है. जाहिर है, अब पासवान परिवार के लिए यहां से जाना आसान नहीं है.

मालूम हो कि एक बार फिर दिल्ली के जनपथ रोड़ स्थित 12 जनपथ का सरकारी बंगाल सुर्खियों में है. क्योंकि ये बंगला लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बंगला था.लोजपा के संस्थापक और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान  कई सप्ताह से यहां के एक अस्पताल में भर्ती थे. हाल ही में उनके हार्ट की सर्जरी हुई थी. गुरुवार 20 अक्तूबर 2020 को शाम छह बजकर पांच मिनट (06ः05 शाम) पर उन्होंने अंतिम सांस ली लेकिन उनके निधन के बाद इस बंगले में उनके बेटे और सांसद चिराग पासवान  रह रहे थे. लेकिन कैबिनेट मंत्री न होने के कारण ये बंगला उन्हें आवंटित नहीं किया जा सका.

लिहाजा सरकार ने उन्हें बंगले को खाली करने का कहा था. वहीं अब ये बंगाल कैबिनेट में फेरबदल के बाद रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया गया है. लेकिन इस बंगले में रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कुछ समय पहले ही अपने पिता की मूर्ति स्थापित करवाई है. जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है. क्योंकि किसी सरकारी बंगले में किसी की प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती है. 

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