Friday 25 March 2022

नफरत-हिंसा और उन्माद की ताकतों को शिकस्त दे

 गया.उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद भाजपा अब यूपी मॉडल को बिहार में भी लागू करने को तत्पर है. यह नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती है. हमने देखा कि यहां कैसे भाजपा पूरी तरह से मुकेश सहनी की पार्टी को खा गई. उसे अब नीतीश कुमार का मुखौटा नहीं चाहिए, लेकिन भाजपा यह जान ले कि बिहार की जनता उसकी इस साजिश को कभी कामयाब नहीं होने देगी. यहाँ बुलडोजर राज नहीं चलने दिया जायेगा. नफरत-हिंसा और उन्माद की ताकतों को शिकस्त देने के लिए आज पूरे देश में नया क्रांतिकारी उभार पैदा करना होगा. उक्त बातें आज गया के माड़नपुर के एमएसवाई रिसॉट में पार्टी के 11वें बिहार राज्य सम्मेलन के अवसर पर आयोजित खुले सत्र को संबोधित करते हुए माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने कही.

खुले सत्र में माले महासचिव के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता, अन्य वाम दल के नेता और प्रबुद्ध नागरिकों की व्यापक पैमाने पर भागीदारी हुई. वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, प्रभात कुमार चैधरी, उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी रामजी राय, यूपी के राज्य सचिव सुधाकर यादव, केन्द्रीय पर्यवेक्षक जनार्दन प्रसाद, सीपीआई-एम के राज्य सचिव ललन चैधरी, सीपीआई के जिला सचिव सीताराम शर्मा, एसयूसीआई के राज्य सचिव अरूण सिंह, फारवर्ड ब्लॉक के अमेरिका महतो, पीयूसीएल के राज्य सचिव सरफराज समेत गया के जान माने अधिवक्ता फैयाज हाली ने भी खुले सत्र को संबोधित किया.


माले महासचिव ने आगे कहा कि भगत सिंह ने जो सपना देखा था और जिस बात के लिए कुर्बानी दी थी, आज उन सपनों पर हमला हो रहा है. संविधान में समाजवाद, सबके लिए बराबरी, न्याय की गारंटी की बात है, उन मूल्यों पर हमला हो रहा है. लोकतंत्र और संविधान को बचाना ही वामपंथ को मजबूत करना है, लेकिन इसके लिए हमें लड़ना होगा और पूरे देश का फिर से पुर्ननिर्माण करना होगा. हमें वामपंथ को मजबूत बनाते हुए महागंठबंधन को धारदार बनाना होगा. इसकी धार ऐसी होनी चाहिए जिसमें मॉब लिंचिंग, दलितों के उत्पीड़न, अपराध आदि के खिलाफ लड़ने की ताकत हो.


सीपीएम के राज्य सचिव ललन चैधरी ने कहा कि साम्प्रदयिक जहर फैलाने वाली ताकतों को पीछे धकेलने की दिशा में उन्हें उम्मीद है कि भाकपा-माले का यह राज्य सम्मेलन एक बड़ा पड़ाव साबित होगा. सीपीआई के जिला सचिव सीताराम शर्मा ने कहा कि माले ने 2020 के चुनाव में वामपंथ को एक नई धार दी, इसका हम अभिनन्दन करते हैं. आज पूरा देश बिहार की ओर और माले के राज्य सम्मेलन की ओर देख रहा है कि यहां से क्या दिशा निकलती है.


खुले सत्र में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, धीरेंद्र झा, राजाराम सिंह, मीना तिवारी, शशि यादव, नंदकिशोर प्रसाद सहित प्रोफेसर मनोरंजन सिंह, गया के जानेमाने अधिवक्ता प्रो. फैयाज हाली, डॉ. बीपी नलिन, प्रो. पिंटू कुमार, गया जिला सचिव निरंजन कुमार सहित बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी, आम लोग तथा ग्रामीण गरीबों ने भाग लिया.

’मुख्य झलकियां’

’पंडित यदुनन्दन शर्मा को श्रद्धाजंलि’ - किसान आंदोलन के प्रखर नेता व स्वतंत्रता सेनानी पंडित यदुनन्दन शर्मा के नियामतपुर आश्रम में श्रद्धांजलि कार्यक्रम. माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, मीना तिवारी, शशि यादव, रामाधार सिंह आदि उपस्थित थे.

गया शहर में कोतवाली स्थित 1942 के शहीदों, डॉ भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया गया और श्रद्धांजलि दी गई.

उसके बाद सम्मेलन स्थल पर तमाम शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और हिरावल के संतोष झा ने शहीद गीत के जरिये क्रांतिकारी व किसान आंदोलन के तमाम शहीदों को श्रद्धांजलि दी. 

भाकपा-माले के पूर्व राज्य सचिव रामजतन शर्मा और बृजबिहारी पांडेय के नाम पर सभागार और पवन शर्मा व अरविंद कुमार सिंह के नाम पर मंच का नामकरण किया गया है.

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