Wednesday 6 January 2016

बांसकोठी के गेट नम्बर -95 के 200 से अधिक परिवार परेशान

लोहे के पाइप में रबड़ का पाइप डालकर खींचना पड़ता है पानी

अबतक आश्वासन का ही पानी पीने को बाध्य हैं लोग


पटना।पटना सदर प्रखंड के पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत में है बांसकोठी। औघोगिक प्रशिक्षण संस्थान के बगल में दक्षिण तरफ और औघोगिक प्रशिक्षण संस्थान के छात्रावास परिसर में जलापूर्ति केन्द्र है। छात्रावास परिसर वाले जलापूर्ति केन्द्र में जलमिनार भी निर्मित है। यह कहना उचित होगा कि ग्रामीण लोगों को वरदान है। एक ग्राम पंचायत में दो जलापूर्ति केन्द्र रहना। मगर बांसकोठी के गेट नम्बर-95 के लोगों को जलापूर्ति केन्द्र अभिशाप साबित लग रहा है। एक साल जलापूर्ति कर देने का आश्वासन दिया जा रहा है। जो कोरा सिद्ध हो रहा है। यहां के 200 से अधिक परिवार के लोग आश्वासन का ही पानी पीने को बाध्य हैं।


इस क्षेत्र के जलापूर्ति केन्द्र के ऑपरेटर हैं कृष्णा बाबूः औघोगिक प्रशिक्षण संस्थान के बगल वाले जलापूर्ति केन्द्र के ऑपरेटर हैं कृष्णा बाबू हैं। बात यह है कि पीएचईडी द्वारा गली (राह) में भूगर्भ मुख्य पाइप लगा दिया गया। इस भूगर्भ पाइप से लोगों को खुद के घरों के सामने तक पाइप संयोजन करना था। बतौर नक्शा बनाने और पीएचईडी का शुल्क है एक हजार रू0। वहीं मुख्य राह से घर के सामने तक पाइप संयोजन करने की मजदूरी 12 से 16 सौ है। एक घर पीछे 22 से 26 सौ रू0 पड़ता था।

बहुत ही खुशी से जलापूर्ति पाइप का संयोजन कराएंः जबतक बांसकोठी की मिट्टी वाली गली थी तबतक लोग मनमौजी थे। पॉकेट में मनी आने के बाद ही मुख्य पाइप से घर के सामने तक पाइप संयोजन कराते रहे। जब मिट्टी वाली गली को पक्कीकरण करने की चर्चा होने लगी,तब लोगों ने मुख्य मार्ग से घर के सामने तक पाइप का संयोजन करवाने लगे। 22 से 26 सौ रू0व्यय करके विभागीय और मजदूरी खर्च देकर घर के सामने पाइप का संयोजन ऑपरेटर कृष्णा से करा लिए।


घर के सामने पाइप संयोजन करवाने से खुशी और पानी नहीं मिलने से मिला गमः मोहम्मद जैयनूल जी का कहना है कि हमलोग घर के सामने पाइप संयोजन करने से खुश हो गए। बस नल खोलकर पानी भरना था। आसानी से झरना में खड़ा होकर स्नान करना था। जो इस तरह हुआ ही नहीं। मुख्य पाइप से घर के सामने संयोजन करने वाले पाइप में पानी आया ही नही। हमलोगों ने पानी की समस्या को लेकर पटना-दीघा- दानापुर मुख्य मार्ग को बांसकोठी के सामने जाम कर दिया। आश्वासन मिला और पूरा नहीं होने के बाद दूसरी बार रोड जाम कर दिए। टायर में आग लगाकर बवाल काटा गया। तब भी समस्या का समाधान न हो सका। हमलोग 1 साल से आश्वासन का पानी पीने को बाध्य हैं।


लोहे के पाइप में रबड़ का पाइप डालकर खींचना पड़ता है पानीः यहां के निवासी है राम ईश्वर चौधरी। श्री चौधरी के पुत्र विक्की कुमार ने घर से रबड़ का पाइप ले आया। घर के सामने लोहे के पाइप में लगी क्री को खोला। लोहे के पाइप में रबड़ का पाइप डालघर मुंह से पानी खींचना शुरू कर दिया। इससे क्षणिक और चुल्लूभर ही पानी आता है।


घर के अंदर से खिड़की से गुस्से से लाल महिलाओं ने कहाः हमलोग परेशान है। 1 साल से पाइप संयोजन करा रखा है। जो शोभा की वस्तु बन गयी है। वहीं सरकार के द्वारा चापाकल भी गाढ़ा नहीं गया है। इसके चलते पड़ोसी के कुआं और चापाकल से पानी लाते हैं। मांगकर पानी लाने के बाद ही घरेलू कार्य और स्नान किया जाता है।


जानकार कहते हैं कि औघोगिक प्रशिक्षण संस्थान परिसर से बांसकोठी का मुख्य पाइप का संयोजन किया गया है। जो बिन्द टोली जाने वाली सड़क से पाइप दौड़ाया गया है। एक स्कूल के पास ऑपरेटर कार्य कर रहा था। इस बीच पाइप में बोरा डालकर पानी को रोका। ऑपरेटर ने बिना बंद किए गए बोरा को निकाले ही पाइप से पाइप को जोड़ दिया। इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। कई बार ऑपरेटर से कहा गया तो उसका कहना है कि पानी के प्रेशर बढ़ाने से पानी मिलने लगा। जो हो नहीं रहा है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर  बगीचा, दीघा घाट,पटना।



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