Wednesday, 4 May 2022

प्रबोध जन सेवा संस्थान के सचिव सुमन सौरभ ने सदर अस्पताल के अधीक्षक को पत्र लिखे

 

जमुई.आउटसोर्सिंग पहली बार 1980 के दशक में उपयोग किया गया था. उसके बाद आउटसोर्सिंग का 1990 के दशक में तेजी से उपयोग किया गया.अब इसे हर आकार के व्यवसाय और लगभग हर उद्योग में उपयोग किए जाने वाले लागत में कटौती के उपाय के रूप में स्वीकार किया जाता है. अब आउटसोर्सिंग को जमुई जिले  में लागू किया जा रहा है.यहां पर विभिन्न पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाली हुई है.इसको लेकर प्रबोध जन सेवा संस्थान के सचिव सुमन सौरभ ने सदर अस्पताल के अधीक्षक को पत्र लिखे हैं.इस पत्र में लिखा गया है कि जो बहाल किए गए हैं.उन सभी कर्मियों का शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच करने की जरूरत है.पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश की घोर अवहेलना की गयी है.बिना किसी विज्ञापन के ही कर्मचारियों को बहाल कर लिया गया है.इसके आलोक में सदर अधीक्षक से अनुरोध किया गया है कि आप निष्पक्ष जांच करवाएं यह प्रबोध जन सेवा संस्थान की मांग की है.पत्र मिलते ही सत्यता की जांच के लिए सुगबुगाहट शुरू हो गई है.


प्रबोध जन सेवा संस्थान के सचिव सुमन सौरभ ने कहा कि सदर अस्पताल के साथ-साथ जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाली है, उसमें अनियमितता का मामला सामने आया है. आगे सचिव ने कहा कि कुछ समय पूर्व एक ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें पैसे की बात कही जा थी.जो जांचोपरांत ऑडियो सत्य भी पाया गया है.

वही,सचिव ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से होने वाली बहाली को लेकर विज्ञापन ना निकाले जाने पर घोर चिंता जाहिर की है.सरकारी आदेश का पालन नहीं किया गया है.अवर प्रादेशिक नियोजनालय के माध्यम से रिक्त पदों को नहीं भरा गया.और तो और अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित भी नहीं किया गया.सरकारी आदेश का माखौल उड़ाकर आउटसोर्सिंग बहाली पर चिंता जताते हुए उन्होंने सदर अधीक्षक से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है.इसके साथ ही गलत तरीके से हुए चुनाव को रद्द करते हुए विज्ञापन निकालकर बहाली करने की अपील की है.इधर,आउटसोर्सिंग बहाली का मामला जिले वासियों में चर्चा का विषय बन गया है.

वहीं संस्थान के मुख्य कानूनी सलाहकार अधिवक्ता संतोष कुमार ने कहा कि बहाली प्रक्रिया विश्वसनीय तभी मानी जाती है जब विज्ञापन निकाल सलेक्शन का कोई भी प्रोसेस अपनाया जाता है.बिना किसी प्रोसेस के नियुक्त करना संदेह के घेरे में है.संस्थान के सहयोगी पटना से पीयूष शर्मा गोरे व आलोक कुमार ने कहा जमुई सिविल सर्जन महोदय यदि निष्पक्ष तौर पा जांच करें तो कई भ्रष्ट लोगों का चेहरा बेनकाब हो जाएगा.संस्थान के जमुई जिला समन्वयक ऋषभ भारती ने भी कहा मुझे उम्मीद है हमारी संस्था ने जिस मुद्दे को उठाया है वो बहुत ही गंभीर है जिसे सिविल सर्जन महोदय गंभीरता से जरूर लेंगे.

आलोक कुमार

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