पटना.हर कामयाब आदमी के पीछे औरत का हाथ होता है.इसी तर्ज पर संत पिता फ्रांसिस ने धर्माध्यक्षों के परिषद में दो महिलाओं की नियुक्ति की घोषणा की है जो नये धर्माध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया में शामिल होंगे.ऐसे करने के बाद जल्द ही पटना महाधर्मप्रांत के बक्सर और पूर्णिया धर्मप्रांत को बिशप मिल जाएगा.दोनों धर्मप्रांतों में बहुत दिनों से बिशप का पद रिक्त खाली है.इस बिशप पद के अभिलाषी निराश हो रहे हैं.
बहरहाल संत पापा फ्राँसिस ने अपनी यह बात पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही है, जिसमें वाटिकन में महिलाओं की उपस्थिति; नया प्रेरितिक संविधान प्रेदिकाते एवंजेलियुम एवं दिकास्तेरीस (वाटिकन कार्यालय) को भविष्य में एक लोकधर्मी पुरुष या महिला को दिया जा सकता है.
संत पापा ने साक्षात्कार में कहा, ‘मैं किसी भी तरह के अवसर के लिए खुला हूँ. इस समय, राज्यपाल के पास एक उपराज्यपाल है.अब दो महिलाएँ धर्माध्यक्षों के धर्मसंघ जायेंगी, धर्माध्यक्षों का चुनाव करने के आयोग में.इस तरह, चीजें और अधिक खुल जायेंगी.‘ पोप ने सिस्टर पेत्रीनि को वाटिकन राज्यपाल का महासचिव नियुक्त किया है.
तब संत पापा ने कहा कि वे भविष्य में कुछ विभागों जैसे लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन के लिए गठित परिषद में लोकधर्मियों की नियुक्ति की संभावना देखते हैं. संत पापा ने याद किया कि पिछले साल वाटिकन राज्य प्रशासन में दूसरे पद पर, सिस्टर रफाएला पेत्रीनि की नियुक्ति की थी एवं उन्हें इस पद पर पहली महिला के रूप में नियुक्त किया था.इससे पहले, जनवरी 2020 में संत पापा फ्राँसिस ने फ्रांचेस्का दी जोवन्नी को वाटिकन विदेश सचिवालय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों में उप-सचिव नियुक्त किया था.
अब आसार होने लगा है कि पटना महाधर्मप्रांत के बक्सर और पूर्णिया धर्मप्रांत में जल्द ही बिशप नियुक्त हो जाएंगे.काथलिक चर्च का संगठन सुदृढ़ और केंद्रीभूत है. इसके परमाध्यक्ष रोम के बिशप हैं जो संत पीटर के उत्तराधिकारी माने जाते हैं। (दे. पोप)। जहाँ कहीं भी काथलिक ईसाइयों का कोई समुदाय है, वहाँ उनके आध्यात्मिक संचालन के लिए रोम की ओर से अथवा रोम के अनुमोदन से एक बिशप की नियुक्ति की जाती है.बिशप की अधीनता में पुरोहित विभिन्न स्थानों पर रहकर ईसाइयों को उपदेश दिया करते हैं और संस्कार प्रदान करते हैं.
आलोक कुमार
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