Saturday 22 October 2022

गांवघर के लोग खुले में शौच नहीं करेंगे

 विशम्भरपुर.बेतिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विशम्भरपुर पंचायत में निर्मित लोहिया स्वच्छता अभियान,अपशिष्ट  प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन हो गया है. इस अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी मिलकर किया.


मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में लोहिया स्वच्छता अभियान के माध्यम से देश के हर गांव में रहने वालों घरों में शौचालय निर्माण किया जा रहा है.ऐसा करने से गांवघर के लोग खुले में शौच नहीं करेंगे.इससे गांव में स्वच्छता कायम होगा.इसके लिए सरकार कृतसंकल्पित है.

   

इस उद्घाटन कार्यक्रम में विधायक उमाकांत सिंह, स्थानीय मुखिया संतोष कुमार कुशवाहा, संदीप कुमार श्रीवास्तव,  मानुबाबू कुशवाहा, अमित चौबे, कमल मुखिया, चंद्रमा सिंह, चंद्रशेखर सिंह, दीपू कुशवाहा आदि लोग उपस्थित रहे.

        सामाजिक कार्यकर्ता राहुल कुमार ने कहा कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले के 40 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है. इन सभी चयनित 40 ग्राम पंचायतों के मुखिया तथा पंचायत सचिव के लिए पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षण हॉल में एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजित किया गया था. जिसका उद्घाटन डीडीसी संजय कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर किया था.मौके पर निदेशक डीआरडीए सह प्रभारी जिला पंचायती राज पदाधिकारी विवेक सुगंध, एलएसबीए के जिला समन्वयक सुजित कुमार एवं जिला सलाहकार असीम आनंद मौजूद थे.   

इस क्रम में जिला सलाहकार असीम आनंद ने मुखिया एवं पंचायत सचिव को बताया कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत विगत वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले के कुल 38 पंचायत का चयन किया गया था.जहां ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के तहत हर घर से कचड़ा का उठाव आरंभ कर दिया गया है अथवा वहां कार्य प्रगति पर है.इसी प्रकार इस वित्तीय वर्ष में कुल 40 पंचायतों में कार्य आरंभ होना है.इसमें 15 वें वित्त के टाइड मद से 30 प्रतिशत राशि खर्च की जानी है. जबकि शेष 70 प्रतिशत राशि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत खर्च किया जाना है.जिसके माध्यम से पंचायत में एक स्थान पर वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट तैयार किया जाना है. इसके लिए जमीन चिह्नित कर सीओ के माध्यम से एनओसी प्राप्त कर कार्य आरंभ किया जाना है. जिस पर मनरेगा योजना के माध्यम से कार्य किया जाना है. जहां स्वच्छता कर्मी प्रत्येक दिन हर घर से कचड़ा का उठाव कर संग्रह करेंगे तथा वहां से ठोस अपशिष्ट को अलग किया जाएगा. इसके अलावा तरल अपशिष्ट के निष्पादन के लिए तरल जंक्शन चैंबर, सामुदायिक सोख्ता आदि का निर्माण कराया जाएगा.




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