केन्द्र
सरकार
की
नयी
नीति
की
मार
19,242 एड्स रोगियों को
राज्य
के
9 सीसीसी
को
बंद
करके
‘अप्रैल
फूल’
मनाने
का
मुक्कमल
तैयारी
·
सर्वाधिक मुजफ्फरपुर में 3885, होली फैमिली,
भागलपुर में 2850 और
नवजीवन,कुर्जी (पटना) में 2809
केन्द्र
सरकार के
निशाने पर
एड्स मरीज
आ गये
हैं। इस लिये केन्द्र सरकार
ने पहली
अप्रैल को
एड्स मरीजों
के साथ‘अप्रैल फूल’
मनाने का
निश्चय किया
है। समाज
और परिवार
से वहिष्कृत
रोगियों को
अधिक सुविधाएं
देने के
बदले सुविधाओं
के ही
‘पर’ कतर
दिया गया है।
राष्ट्रीय एड्स कंट्रोल प्रोग्राम(एनएसीपी) के फेज-3 के तहत प्रदेश में 2007 से ही कम्युनिटी केयर सेंटर (सीसीसी) संचालित है। पांच साल के बाद केन्द्र सरकार की नई नीति के तहत एनएसीपी के चौथे फेज में सीसीसी के बदले में केयर एंड सपोर्ट सेंटर (सीएससी) का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के चलते राज्य के 9 सीसीसी बंद करके 1 अप्रैल 2013 को
‘अप्रैल फूल’मनाया जाएगा। इस फैसले से 2007 से प्रदेश के 9 कम्युनिटी केयर सेंटर में 19,242 रहकर इलाज करवाने वाले एड्स मरीज डाक्टर और नर्स की सुविधाओं से 1 अप्रैल 2013 से महरूम हो जाएंगे। इस समय एड्स मरीज होली फैमिली, भागलपुर में 2850, साथी, छपरा में 1792, सीड्स, दरभंगा में 1647, जीवन ज्योति,गया में 1611, लाइफलाइन, कटिहार में 900, मधुबनी में 1364, मुजफ्फरपुर में 3885,नवजीवन,कुर्जी (पटना) में 2809 और नई आशा, मोकामा में 2384 रहकर इलाज करवा रहे हैं।
केन्द्र सरकार की नई नीति के कारण बड़ी संख्या में एड्स मरीज पहली अप्रैल से बिना देखभाल के रह जाएंगे। प्रदेश में ऐसे एचआइवी ग्रसितों की संख्या 19,242 है जो 9 कम्युनिटी केयर सेंटर (सीसीसी) से निबंधित हैं। सह सभी सीसीसी 31 मार्च को बंद हो जाएंगे। पहली अप्रैल से आरंभ हो रहे राष्ट्रीय एड्स कंट्रोल प्रोग्राम(एनएसीपी) के चौथे फेज में सीसीसी के बदले केयर एंड सपोर्ट सेंटर (सीएससी) का प्रावधान रखा गया है। सीएससी में एड्स मरीजों की देखभाल नहीं बल्कि उनकी काउंसिलिंग की जाएगी।
एनएसीपी के फेज - 3 के तहत प्रदेश में 2007 से ही सीसीसी चल रहे है। इन्हें ग्लोबल फंड से कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस आफ इंडिया (सीबीसीआइ) नामक संस्था के माध्यम से राशि मिलती है। सीबीसीआइ के राज्य संयोजक दिवाकर ने बताया कि सीसीसी की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी। पहली अप्रैल से सीएमसी शुरू करने की योजना है। दरभंगा में सीसीसी चला रही संस्था सोशियों इकोनोमिक एंड एजुकेशनल डेंवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) के कार्यापालक निदेशक दीपक मिश्रा ने कहा कि अभी एड्स मरीजों को इन केन्द्रों पर डाक्टर एवं नर्स की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाने के कारण एड्स मरीज अन्य बीमारियों के भी बहुत जल्द शिकार हो जाते हैं। सीसीसी पर इन गरीब मरीजों को ऐसी बीमारियों के लिए मुफ्त दवा दी जाती है,उनकी देखभाल की जाती है। उन्हें पौष्टिक आहार भी दिया जाता है। नए खुलने वाले सीएससी में उन्हें डाक्टर.नर्स की सुविधा नहीं मिलेगी। केवल काउंसिलिंग की जाएगी और यह देखा जाएगा कि वे समय पर दवा खा रहे हैं या नहीं।
सीसीसी मरीजों की संख्या
1. होली फैमिली,
भागलपुर 2850
2. साथी, छपरा 1792
3. सीड्स, दरभंगा 1647
4. जीवन ज्योति, गया 1611
5. लाइफलाइन, कटिहार 900
6. मधुबनी 1364
7. मुजफ्फरपुर 3885
8. नवजीवन, कुर्जी (पटना) 2809
9. नई आशा,
मोकामा 2384
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