मुख्यमंत्री ने हरित क्रांति के जनक, महान कृषि वैज्ञानिक डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की
भारत के हरित क्रांति के जनक, महान कृषि वैज्ञानिक डॉ॰ एम॰एस॰ स्वामीनाथन जी का निधन दुःखद। उन्हें भारत के हरित क्रांति का पिता भी कहा जाता है। वे महान कृषि वैज्ञानिक थे। देश के नाजुक वक्त में उन्होंने कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए। 1960 के दशक में डॉ॰ एम॰एस॰ स्वामीनाथन जी ने अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग और दूसरे कई वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेहूं की उच्च पैदावार वाली किस्म का बीज विकसित किया था, जिससे भारत खाद्यान्न मामले में आत्मनिर्भर बन गया था। उनके निधन से मुझे गहरा दुःख पहुंचा है। यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।
पटना । मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने भारत के हरित क्रांति के जनक, महान कृषि वैज्ञानिक डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुये उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपने शोक-संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन को भारत के हरित क्रांति का पिता भी कहा जाता है, वे महान कृषि वैज्ञानिक थे।
देश के नाजुक वक्त में उन्होंने कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किये, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुयी। 1960 के दशक में डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन ने अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग और दूसरे कई वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेहूं की उच्च पैदावार वाली किस्म का बीज विकसित किया था, जिससे भारत खाद्यान्न मामले में आत्मनिर्भर बन गया था ।
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन को वर्ष 1967 में पद्मश्री, वर्ष 1972 में पद्म भूषण और वर्ष 1989 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के कार्यों की सराहना सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर में होती रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के निधन के समाचार से उन्हें गहरा दुख हुआ है । यह देश के लिये अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
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