Sunday, 16 December 2012

christmas


            राजाओं का राजा बालक येसु का जन्म दिवस मनाने की तैयारी जोरों पर
जी हां, राजाओं का राजा बालक येसु का जन्म दिवस 25 दिसंबर को मनाने की तैयारी जोरों पर है। अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के द्वारा क्रिसमस मिलन समारोह मनाया गया। मौके पर सासंद शत्रुध्न कुमार सिन्हा के द्वारा दिया गया कम्बलों को गरीब लोगों के बीच में वितरण किया गया। इस अवसर पर सामाजिक,राजनीति,धार्मिक आदि पर भाषण किये गये। मंत्री वृषम पटेल,विधायक ग्लेन गोलस्टेन,आयोग की उपाध्यक्षा पद्मश्री सुध वर्गीस,सामाजिक नेता आदि भी आये। सभी ने एक भारत बनाने पर जोर दिये। हम अनेकता में एकता में निवास करते हैं,उसको दिखाने का प्रयास किया गया। हिन्दु राष्ट्रपति हैं। मुस्लिम उप राष्ट्रपति हैं। सिख प्रधानमंत्री हैं। ईसाई रक्षा मंत्री हैं। इससे क्या होता है? आम लोग गरीबी के दलदल में फंसे हुए हैं।
  झारखंड का बंटवारा 15 नवम्बर 2000 को हुआ। यहां के प्रतिनिधित्व करने वाले झारखंड में चले गये। झारखंड क्षेत्र में एंग्लो-इंडियन समुदाय की संख्या अधिक है। इसी कारण से बिहार के एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोग बेहाल हो गये। इनके प्रतिनिधि बिहार विधान सभा में मनोनीत नहीं हो पा रहे हैं। कारण जनसंख्या बतायी जाती है। खैर,वजह साफ है। मगर दीघा विधान सभा की विधायिका पूनम देवी ने आश्वासन दी है कि हम लोगों का प्रयास जारी है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से वार्ता की गयी है। उनका सकारात्मक सोच है। वह कभी भी घोषणा कर सकते हैं। उनके घोषणा होने से एंग्लो-इंडियन और ईसाई समुदाय का प्रतिनिधित्व बिहार विधान सभा में मिल जाएगा।
   यह रही एंग्लो-इंडियन समुदाय की बात है। मूल रूप से धरती के पुत्र भी आक्रोशित हैं। धरती पुत्रों की कामना है कि किसी तरह से अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष बन जाए। यहां पर खुब राजनीति है। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद को अल्पसंख्यकों के अग्रज को दे दिया जाता है। स्थायी तौर पर दे दिया गया है। वहीं उपाध्यक्ष पद को रोटेशन बना दिया गया है। इस रोटेशन पद्धति पर अल्पसंख्यकों के अनुजों के बीच में बांट दिया है। कभी धार्मिक कभी भाषाई अल्पसंख्यकों को तोहफा के रूप में दिया जाता है। धार्मिक अल्पसंख्यक के नाम पर ईसाई और सिख काबिज हो जाते हैं। भाषाई अल्पसंख्यक के नाम पर बंगला भाषाई को तोहफा दे दी जाती है।
  धार्मिक अल्पसंख्यक के नाम पर ईसाई को लेकर सरकार राजनीति करती है। सरकार के द्वारा सिर्फ संस्था के प्रतिनिधि मिशनरियों को ही उपाध्यक्ष पद थमा दिया जाता है। ईसाई समुदाय के आम लोगों में खास व्यक्तियों को महरूम छोड़ दिया जाता है। इसको लेकर धरती पुत्रों में आक्रोश व्याप्त है।
  बहरहाल, इससे परे ईसाई समुदाय क्रिसमस के मूड में गये हैं। क्रिसमस कैरोल सॉग पेश किया जा रहा है। कुर्जी चर्च के गीत मंडली के द्वारा ईसाईयों के द्वार-द्वार पर जाकर क्रिसमस कैरोल सॉग पेश किया जा रहा है। इसके साथ ही अंग्रिम न्यू ईयर 2013 की शुभकामनाएं दे रहे हैं। इस बीच आम लोग नये कपड़े बनवा रहे हैं। घरों का रंग-रोगन कर रहे हैं। वहीं चर्च के द्वारा धार्मिक तौर पर तैयारी कर रखा है। पापस्वीकार और अर्द्धरात्रि मिस्सा पूजा का आयोजन किया गया है। 24 दिसम्बर को होली फैमिली अस्पताल में 9 बजे से, सेक्रेट हार्ट चर्च में 11 बजे, नोट्रेड्रम कॉन्वेन्ट में 11 बजे, एक्स.टी.टी.आई. में 11.30 बजे, आई.जी.आई.एम.एस.में 11.30 बजे और संत मेरीज एकेडमी में 10.30 बजे से पवित्र मिस्सा होगा। प्रेरितों की रानी  ईश मंदिर में 10.30 से 11.30 बजे तक कैरोल गायन होगा। पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा के द्वार मध्य रात्रि मिस्सा पेश किया जाएगा।

अल्पसंख्यक ईसाई कलयण संघ के अध्यक्ष एस.के. लौरेंस ,सचिव एम्ब्रोस पैट्रिक,अभिषेक पैट्रिक,पूर्जा शर्मा,रंजीत कुमार, माग्रेट मार्टिन,इग्नेशियस हेम्ब्रम,आलबर्ट जौन, एग्नेस जेर्मी, कुन्दन साह,रिचर्ड रंजन, जोवाकिम टोप्पनों,राजू साह आदि उपस्थित थे।








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