और 14 माह के बाद घर लौट आ गयीं पनपतिया देवी
ऐसा लग रहा था कि जिस प्रकार भगवान राम जी 14 साल के वनवास के बाद घर लौटे थे उसी तरह पनपतिया देवी 14 माह के बाद घर लौट आयी हैं। मिठाई बांटी गयी। खुशी की आंसू बहने लगी।
उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत पटना सदर क्षेत्र में पड़ता है। इसके गंगस्थली में महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। गंगा टावर अपार्टमेंट के सामने और एल0सी0टी0घाट स्थित अपने घर से पनपतिया देवी दशहरा घूमने गयी थीं। उसी समय से लापता हो गयी थीं। वह 14 माह के बाद घर वापस लौट आयी हैं।
मुसहरी में रहने वाली देवंती देवी ने बताया कि उसके देवर जीतू मांझी के संग पनपतिया की शादी हुई थीं। कुछ साल पहले देवर की मौत हो गयी है। इसके बाद देवरानी अकेली रहती थीं। साल 2011 में लंका दहन देखने गांधी मैदान गयी थीं। उसके बाद लापता हो गयी थीं। काफी खोजने के बाद भी पता नहीं लगा। इस बाबत फेसबुक पर देवरानी की तस्वीर अपलोड की गयी। उससे भी फायदा नहीं हुआ। इस बीच पता चलने के बाद पालीगंज और अरवल मार्ग से खोज घर देवरानी को घर लाया गया। एल0सी0टी0घाट स्थित घर आने के बाद देवरानी काफी खुश लग रही थीं। ऐसा लग रहा था कि जिस प्रकार भगवान राम जी 14 साल के वनवास के बाद घर लौटे थे उसी तरह पनपतिया देवी 14 माह के बाद घर लौट आयी हैं। मिठाई बांटी गयी। खुशी की आंसू बहने लगी।
ऐसा लग रहा था कि जिस प्रकार भगवान राम जी 14 साल के वनवास के बाद घर लौटे थे उसी तरह पनपतिया देवी 14 माह के बाद घर लौट आयी हैं। मिठाई बांटी गयी। खुशी की आंसू बहने लगी।
उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत पटना सदर क्षेत्र में पड़ता है। इसके गंगस्थली में महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। गंगा टावर अपार्टमेंट के सामने और एल0सी0टी0घाट स्थित अपने घर से पनपतिया देवी दशहरा घूमने गयी थीं। उसी समय से लापता हो गयी थीं। वह 14 माह के बाद घर वापस लौट आयी हैं।
मुसहरी में रहने वाली देवंती देवी ने बताया कि उसके देवर जीतू मांझी के संग पनपतिया की शादी हुई थीं। कुछ साल पहले देवर की मौत हो गयी है। इसके बाद देवरानी अकेली रहती थीं। साल 2011 में लंका दहन देखने गांधी मैदान गयी थीं। उसके बाद लापता हो गयी थीं। काफी खोजने के बाद भी पता नहीं लगा। इस बाबत फेसबुक पर देवरानी की तस्वीर अपलोड की गयी। उससे भी फायदा नहीं हुआ। इस बीच पता चलने के बाद पालीगंज और अरवल मार्ग से खोज घर देवरानी को घर लाया गया। एल0सी0टी0घाट स्थित घर आने के बाद देवरानी काफी खुश लग रही थीं। ऐसा लग रहा था कि जिस प्रकार भगवान राम जी 14 साल के वनवास के बाद घर लौटे थे उसी तरह पनपतिया देवी 14 माह के बाद घर लौट आयी हैं। मिठाई बांटी गयी। खुशी की आंसू बहने लगी।
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