पटना
जिले के
पालीगंज प्रखंड
में प्रगति
ग्रामीण विकास
समिति/एकता
परिषद के
द्वारा कार्य
किया जाता
है। इस
प्रखंड का
प्रखंड समन्वयक
बाबूलाल चौहान
हैं। इस
प्रखंड कई
पंचायतों के
लोगों ने
कहा कि
महात्मा गांधी
नरेगा में
कार्य किये
थे। मनरेगा
में कार्यरत
श्रमिकों को
काम देने
के बाद
मजदूरी का
दाम नहीं
दिया जा
रहा था।
इसकी शिकायत
प्रगति ग्रामीण
विकास समिति
के कार्यकर्ताओं
से की
गयी। उनकी
शिकायतों पर
एक कार्यक्रम
तय किया
गया कि
प्रखंड के
कार्यक्रम पदाधिकारी
के कार्यालय
में जाकर
मजदूरी संबंधी
शिकायत की
जाए। स्वतंत्र
दिवस की
पूर्व संध्या
पर 14 अगस्त
2012 को कार्यक्रम पदाधिकारी
से मिलना
तय किया
गया।
संपूर्ण घटनाक्रम
के बारे
में पालीगंज
के प्रखंड
समन्वयक बाबूलाल
चौहान कहा
कि पालीगंज
के मनरेगा
कार्यक्रम पदाधिकारी
के संग
दोस्ताना संबंध
था। इसी
लिए 14 अगस्त
2012 के तयशुदा कार्यक्रम
की जानकारी
13 अगस्त को कार्यक्रम
पदाधिकारी आनंद
कुमार को
मोबाइल से
दे दी।
इसके बाद
गांव पंचायत
के लोग
कार्यक्रम पदाधिकारी
के कार्यालय
में गये।
वहां पर
कार्यक्रम पदाधिकारी
नहीं थे।
लोगों ने
कहा कि
जब हमेंशा
की तरह
मोबाइल से
पूर्व खबर
दी गयी
उसके बावजूद
भी कार्यक्रम
पदाधिकारी कार्यालय
से फरार
हो गये।
उसके बाद
काफी समय
तक इतंजार
करने के
बाद अपने-अपने घर
लोग चले
गये।
खुद कार्यालय
के लोगों
ने कुर्सी
को इधरउधर
पलट दिये।
इसके बाद
वरीय पदाधिकारियों
को सूचना
दी गयी।
पालीगंज के
अनुमंडलाधिकारी के
दबाव में
पालीगंज थाना
में मामला
दर्ज कराया
गया।
अपने आवेदन
में कार्यक्रम
पदाधिकारी ने
लिखा कि
मैं आनंद
कुमार,पिता
परशुराम दास,
मो0- भीखनपुर,
पो0 - ई हमेंशा चक,जिला- भागलपुर
का निवासी
हूं तथा मैं
प्रखंड कार्यालय
में कार्यक्रम
पदाधिकारी के
पद पर
पदास्थित हूं ।
मैं आज
अपने समयानुसार
अपने कार्यालय
से होकर
पंचायत भ्रमण
में था।
करीबन दो
बजे मेरे
कार्यालय में
प्रगति ग्रामीण
विकास समिति/एकता परिषद
के 50-60 कार्यकर्ता
बाबूलाल चौहान,
पिता- ब्रहमदेव
नोनिया,गांव-बड़ी टंगरेला,थाना-नौबतपुर,जिला-पटना
के नेतृत्व
में बिना
किसी पूर्व
सूचना के
मजदूरी मांगने
के एवज
में मेरे
कार्यालय में
कार्यकर्ता के
साथ तोड़-फोड़ शुरू
कर दिया।
जिसमें कुर्सी-टेबुल क्षतिग्रस्त
के साथ
सरकारी दस्तावेज
को भी
नुकसान पहुंचाया
गया। इसके
पूर्व दिनांक
13/8/12 को रात्रि 7:52 बजे मोबाइल
सं0 9431661043 से
फोन कर
बाबूलाल चौहान
के द्वारा
इस संबंध
में धमकी
दी गयी
थी। इसके
आलोक में
पालीगंज थाना
में मामला
दर्ज किया
गया। केस
नम्बर 170/12 दिनांक
14/8/12 413 147/341/353/504/427 आईपीसी दर्ज
है। गिरीधर
प्रसाद को
केस का
आईओ बनाया
गया है।
इस पालीगंज
थाने का
मो0 नसीम
अहमद थानाध्यक्ष
हैं।
इस बीच
डीएसपी के
द्वारा सुपरविजन
किया जा
रहा है।
7 माह के
बाद भी
अभियोग पत्र
कोर्ट में
दाखिल नहीं
किया गया
है। जमानत
लेने का
प्रयास जारी
है। इस
बाबत बाबूलाल
चौहान का
कहना है
कि हमने
पूर्व की
तरह कार्यक्रम
पदाधिकारी को
14 अगस्त को जानकारी
दी थी।
अहिंसात्मक आंदोलन
चलाने वाले
कार्यकर्ताओं के
द्वारा किस
तरह से
किसी तरह
की धमकी
दी जा
सकती है?
आवेदन में
लिखा गया
है कि
पूर्व सूचना
के मजदूरी
मांगने के
एवज में
कार्यालय में
कार्यकर्ता के
साथ तोड़-फोड़ शुरू
कर दिये।
श्री चौहान
ने कहा
कि उस
दिन के
कार्यक्रम में
शामिल नहीं
थे। फिर
भी केस
ठोक दिया
गया है।
50-60 कार्यकर्ताओं का उल्लेख
किया गया
है मगर
किसी पर
केस नहीं
किया गया
है। इसका
मतलब पूर्व
नियोजित ढंग
से केवल
मुझ पर
ही निशाना
साधा गया
है।
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