यह देखकर अजूबा लगा। धीरे-धीरे पटना शहर से बैलगाड़ी विलुप्त होने के कगार पर है,तब दीघा कृषि भूमि-आवास बचाओ संघर्ष समिति के लोगों ने बैलगाड़ी का ही सहारा ले लिया। 4 बैलगाड़ी पर बैठकर लोग जनतंत्र रैली में भाग लिये। बाकी लोग टेम्पों का सहारा लिये।
खैर,अविभाजित दीघा ग्राम पंचायत के मुखिया और बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा अधिग्रहित की गयी जमीन के जमीन मालिक चन्द्रवंशी सिंह ने कहा कि 27 जनवरी को भूतपूर्व थल सेनाध्यक्ष एवं इंडिया अगेंस्ट करप्शन के प्रमुख नेता जेनरल वी0के0सिंह राजीव नगर दीघा में आकर आमसभा किये थे। कोई दस हजार की संख्या में प्रभावित लोगों ने जेनरल को वादा किये कि हम लोग आपके साथ हैं और जरूर ही जनतंत्र रैली में हिस्सा लेंगे। अपने वादे के अनुसार सैकड़ों लोग रैली में शिरकत किये।
बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा दीघा में 10.24 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। अधिग्रहण करने के बाद 1974 से दीघा के लोग परेशान और हलकान हैं। सन् 74 के आंदोलन के छात्र नेता लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर संघर्ष में भाग लिये। इसके बाद भाजपा के विधायक स्व0ठाकुर प्रसाद के साथ रहें। इधर युवा कांग्रेस के साथ भी मिलकर जमीन की जंग में लगाये।अब जनतंत्र मोर्चा के साथ जोड़ रखा है। दीघा के लोग 38-39 साल से नेताओं के आश्वासन और उनके वैशाखी पर चलने को बाध्य हैं।
बहरहाल, बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा इस साल के जनवरी माह में मकान तोड़ने के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे थे। तीन-चार दिनों के जनांदोलन के बाद पटना के जिलाधिकारी महोदय की नींद टूटी तो आवास बोर्ड को आदेश निर्गत कर दिये कि जो मकान निर्माण किया गया है उसपर हथौड़ा नहीं चलाया जाए। तब जाकर जनाक्रोश खत्म हुआ था।
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