Tuesday 5 February 2013

चंबल में दंगल करने वाले डकैत रमेश सिकवार का आत्म समर्पण


  


  मध्यप्रदेश। गांधी,विनोबा,जयप्रकाश के मार्ग पर चलनी वाली एकता परिषद के साथ कदमताल करने वाली गैर सरकारी संस्था महात्मा गांधी सेवा आश्रम के इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया है। आज चंबल में दंगल करने वाले डकैत रमेश सिकवार आश्रम में आकर आत्म समर्पण किये। साल 2012 के फरवरी माह में भूमि विवाद के कारण दो लोगों की हत्याकर फरार चल रहे थे। पूरे एक साल के बाद आत्म समर्पण किये। इस अवसर पर विख्यात गांधीवादी विचारक और जन संगठन एकता परिषद के अध्यक्ष पी0व्ही0राजगोपाल जी ने सौगंध दिलवाये कि जेल की सजा काटने के बाद चंबल में दंगल नहीं मचाएंगे। उनको संगठन की ओर से 10 हजार रूपये दिये गये।
   इसके पहले कतिपय कारणों से चंबलघाटी में बने बागियों ने विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण, युवातुर्क नेता सुब्बाराव ,पी0व्ही0राजगोपाल आदि के समक्ष आत्म समर्पण किये थे। आज बागी सामान्य नागरिकों की तरह जीवन व्यक्त कर रहे हैं। इनमें से कोई दो दर्जन से अधिक बागी जन सत्याग्रह 2012 सत्याग्रह पदयात्रा में शिरकत किये थे।
  आज से तीस साल पहले सनसनी के रूप में चंबलद्याटी में डकैत रमेश सिकवार का पर्दापर्ण हुआ था। अपने बाहु और गन बल पर बस में सवार 17 मुसाफिरों को अगवा कर लिया। काफी जद्दोजद करके के बाद ही डकैत रमेश सिकवार पुलिस के हत्थे चढ़ने के पहले आत्म समर्पण किये थे। आत्म समर्पण के बाद पुलिस ने कई गंभीर मामलों को उनके सिर पर गढ़ दिया। आरोप तय होने के बाद काफी समय तक जेल में जीवन बीताया। इसके बाद जेल के सलाखों से मुक्त हो पाये थे।
  गत साल के फरवरी माह में भूमि विवाद में दो व्यक्तियों की हत्या कर दी थी। आज आत्म समर्पण किये। महात्मा गांधी सेवा आश्रम में आत्म समर्पण करने बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसी समय रमेश ने वचन दिया कि जेल से मुक्त होने के बाद अपराध को टा-टा-बाई-बाई कर देगा।


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