Tuesday 5 February 2013

अब सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तरह बाल-उत्सव मेला




जब जिले के वरीय उप समाहर्ता संजीव कुमार ने गुनगान करने में खुद को रोक नहीं पायें
बनारस घराने से आये सुप्रसिद्ध कलाकारों ने पेश किये कत्थक नृत्य
मानपुर। सरकारी स्कूल के बच्चों ने बाल-उत्सव मेला में क्या किया? वह हर तरह के  कार्य किये जो निजी स्कूलों में आयोजित बाल-उत्सव मेला के दौरान होता है।  सर्वप्रथम बाल-उत्सव मेला में सरकारी स्कूल के बच्चो ने स्वागत गान पेश किये। बच्चों ने गोलगप्पे, चाय, रिंग, चौमीन, चित्रकला प्रदर्शनी, बेर, समोसा, झालमुड़ी, मानिहारी आदि 15 स्टॉल बनाया। इस स्टॉलों में महादलित समुदाय के बच्चों ने हिस्सा लिये। बच्चों ने संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत करके श्रोताओं का मन मोह लिये। इस अवसर पर बच्चों ने शिक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक भी पेश किये।
 जी हां, यह नजारा पहली बार बन्धुआ में स्थित संकुल संसाधन केन्द्र के परिसर में देखने को मिला। कई तरह के आयोजन किये गये। इस क्षेत्र में अपने ढंग से अजूबा कार्यक्रम था जिसे बच्चों के द्वारा पेश किया गया। इस तरह सरकारी स्कूलों के बच्चों ने अपने करतब के बल पर किसी निजी विघालय में पढ़ने वाले बच्चों से बीस पड़ गये। अपने सक्रिय सहभागिता और उत्साह पूर्ण कार्य करके सरकारी अधिकारियों, परिजनों,गुरूजनों,आयोजकों आदि का मन मोह कर दिल में समा गये। अब बच्चे हर जगहों से मुक्तकंठ से प्रसंशा प्राप्त कर रहे हैं। आप सोचते होंगे कि इन सरकारी स्कूल के बच्चों ने क्या कमाल कर दिखाया है?
  इस सिलसिले में जिले के वरीय उप समाहर्ता संजीव कुमार भी खुद अपने आपको रोक नहीं पायें। पहले की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में निजी विघालयों की तरह कार्यक्रम आयोजित होने लगे हैं। हमारे बच्चे पटना में जाकर ऐतिहासिक स्थलों का मुआयना कर रहे हैं। इसके कारण बच्चों के बौद्धिक स्तर में गुणात्मक वृद्धि होने लगा है। कलतक सरकारी स्कूल बदनाम था कि मास्टर साहब पढ़ाते नहीं हैं। मगर आज स्थिति में बदलाव गया है। षिक्षा का प्रसार और प्रचार सुदूर गांव के हरेक घर-घर में होने लगा है। कारण कि सभी लोगों को मालूम है कि शिक्षा से ही समाज में बदलाव और विकास संभव है।
    आज मुझे काफी गर्व और हर्ष हो रहा है कि इस बाल-उत्सव मेला का उद्घाटन करते हुए। प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा मानपुर प्रखंड बच्चों को स्कूल के द्वार तक पहंुचाने का बहुत ही प्रभावशाली ढंग से कार्य किया जा रहा है। आज समिति के कार्यकर्ताओं के द्वारा ही प्राथमिक विघालय,जमुआवाँ, मध्य विघालय, बन्धुआ, मध्य विघालय,अमरी, उत्क्रमिक मध्य विघालय, अमरा, मघ्य विघालय सिकहर, प्राथमिक विघालय, सोहैपुर, और प्राथमिक विघालय, परोरिआ के स्कूली बच्चों को समेटकर कर बाल- उत्सव मेला किया गया है। ऐसे आयोजनों से ग्रामीण बच्चों के अभिभावकों में जागरूकता बढ़ेगी और बच्चों के नेतृत्व क्षमता में निखार आयेगी। समय के अन्तराल में बच्चों के प्रतिभा और कौशलता में वृद्धि होगी।
   इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम रखा गया। बनारस घराने से आये हुए सुप्रसिद्ध कत्थक नर्तक राहुल कुमार, अजय सिंह उनके साथ सुर्या भारती स्कूल के बच्चों ने सरकारी स्कुल में आकर परम्परागत कत्थक नृत्य को बच्चों के सामने पेश किये। इस आयोजन सोहैपुर पंचायत के बच्चांे का मन मोह लिये। वहीं राहुल कुमार ने मोनो एक्टिंग एवं सोलो परफ़ारमेंस से बच्चों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। पटना से आये भारती चौहान ने बच्चो एवं शिक्षकों को बाल गीत गाने और उसे सही तरीके से याद करने की सबक दिये।
  बहरहाल,आज 7 स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मेले का जमकर लुफ्त उठाया। मेला का शुभारंभ 10 बजे किया गया। दिन भर शिक्षक- शिक्षिकाओ ने अपने बच्चो के द्वारा लगाये गये स्टॉल का घूमघूम कर आनंद लिये। उनके द्वारा बनाये गये खाद्य समानों को चटकार ले लेकर खाएं। बच्चों के साथ ग्रामीणों ने मेले का भरपुर आनंद उठाने में अपने आप को पीछे नहीं रखा। अंत में सोहैपुर पंचायत के सात विद्यालयों के बच्चों ने एक साथ मध्याहन भोजन का आनंद उठाया।
   इस अवसर पर उप समाहर्ता संजीव कुमार के अलाबे सरपंच अजीत कुमार सिंह, रामानंद सिंह, भारती चौहान, कुमार आशुतोष, राजकुमार, मुन्ना सिंह, अनिल पासवान, राजदेव, पिंकी, निर्मली देवी एवं अन्य लोग गणमान्य लोग उपस्तिथ रहे। 








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