Wednesday 18 February 2015

ईसाई समुदाय का दुखभोग आज से शुरू


आज ‘राख बुधवार’ भी है

पटना। आज से ईसाई समुदाय का दुखभोग शुरू हो गया। ईसाई समुदाय निकटवर्ती चर्च गए। चर्च के पुरोहित ने ईसाई धर्मावलम्बियों की ललाट पर पवित्र राख से क्रूस का चिन्ह बनाकर कहा कि हे! मानव तुम मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओंगे। आज के दिन ने माता कलीसिया ने उपवास और परहेज का दिन ठहराया है। इसके आलोक में सयाने उपवास और बच्चे परहेज किए। एक बार फिर शाम में चर्च गए। वहां पर ईसा मसीह के दुखों से संबंधित 14 झांकियों से सामने प्रार्थना किए। इसे क्रूस का रास्ता कहा जाता है। इसमें भाग लेकर घर लौटने पर सयानों ने उपवास और बच्चों ने परहेज तोड़ा गया।

इसके पहले ईसाई समुदाय ने 17 फरवरी को गोस्त और भूजा का पर्व मनाया।बिहार के पश्चिमी चम्पारण के ईसाई समुदाय ने गोस्त और भूजा का पर्व का लुफ्त उठाया।अब पश्चिमी चम्पारण से निकलकर गोस्त और भूजा पर्व का प्रसार देश-प्रदेश-विदेश में हो गया है। इसके साथ ही ईसाई समुदाय 18 फरवरी से 4 अप्रैल तक (रम) को छोड़ देंगे और ईसा मसीह के दुखभोग के गम में समा जाते हैं। दुखभोग की अवधि में प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को दोपहर में क्रूस का रास्ता होता है। इसके बाद 29 मार्च को खजूर इतवार आता है। 3 अप्रैल को गुड फ्राइडे है। इस दिन ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाकर मार दिया जाता है। पवित्र बाइबिल के अनुसार ईसा मसीह मृतकों में से तीन दिनों के बाद पुनःजीर्वित हो जाते हैं। इसे ईस्टर कहा जाता है। ईस्टर संडे 5 अप्रैल को है।

आलोक कुमार


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