Wednesday 13 February 2013

ईसाईयों की दुःखभोग आज से शुरू

ईसाईयों की दुःखभोग आज से शुरू
29 मार्च को है गुड फ्राइडे
गांधी मैदान में प्रार्थना सभा आयोजित करने की मांग शुरू
 गया। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रार्थना सभा आयोजित करने की मांग शुरू हो गयी है। यह इसलिए कि 3 फरवरी को मोकामा में राज्यभर के ईसाई धर्मावलम्बियों का जमावाड़ा हुआ था । मोकामा नगरी में माता मरियम के आदर में होने वाली तीर्थ यात्रा को सफल बनाने में सभी सम्प्रदाय के साथ दिये थे। पटना महाधर्मप्रांत के रिटायर आर्च बिशप  बेनेदिक्त ओस्ता और अपराधियों के निशाने पर आकर मौत को गला लगाने वाले विकर जेनरल स्व0 मैथ्यू उजुथाल के समय में गांधी मैदान में प्रार्थना सभा की जाती थी। उसके बाद आयोजन बंद कर दी गयी। ऐसा समझा जाता हैं कि उस समय होली त्योहार की धूम रहती है। इसलिए प्रशासन के द्वारा सहयोग देने में असमर्थता व्यक्त की जाती है। इस साल 28 मार्च को होली है।
   खैर,आज से ईसाईयों की दुःखभोग शुरू हो गयी। इस अवसर पर ईसाई धर्मावलम्बियों ने उपवास रखा। सुबह  पहर और शाम में गिरजाघर में गये। गिरजाघर के पुरोहितों धार्मिक अनुष्ठान अदा किये। इस अवसर पर परमप्रसाद वितरण किये गये। पवित्र राख बुधवार के दिन पुरोहित ने धर्मावलम्बियों की ललाट पर पवित्र राख से क्रूस का चिन्ह बनाकर यह स्मरण दिला दिये कि हे ! मनुष्य तू मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओंगे। इसके बाद दुनिया के मुक्तिदाता येसु मसीह की दुःखभरी दास्तानों पर निर्मित झांकी को 14 जगहों पर रखकर क्रूस का रास्ता तय किये। धार्मिक विधि के समापन पर धर्मावलम्बी घर गये और घर पर बने खाघ सामग्री का सेवन कर उपवास  तोड़ा।
     इसके पूर्व मंगलवार के दिन गोस्त और भूजा का पर्व मनाया। गोस्त और भूजा को खाकर 40 दिनों तक मांसाहारी ललीज खाने से कोसों दूर रहेंगे। बुधवार और शुक्रवार को उपवास रखेंगे। शेष दिनों में परहेज रखेंगे। पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा के अनुसार माता कलीसिया के अनुसार 18 से 60 साल तक के धर्मावलम्बी 40 दिनों तक उपवास और परहेज रखने को बाध्य हैं। 18 से नीचे और 60 से ऊपर पर किसी तरह की बाध्यता नहीं है। परहेज से काम चला सकते हैं। दुःखभोग की अवधि में सभी वय के लोगों को नशापान करने को मनाही है। अपने पड़ोसियों को प्यार करना और उनके द्वारा दुःख पहुंचाने वाले क्रिया पर क्षमादान कर देना है। इस अवसर गैरवाजिब खर्चों पर संयम बरतना है। इस राशि को गरीबों के बीच में वितरित कर देना है। धर्मावलम्बियों के द्वारा येसु मसीह की दुःखभरी दास्तानों पर आधारित दुःखभोग गीत गाते हैं। इसके लिए ईसाई बहुल्य क्षेत्र में जाकर गीत मंडलियों के द्वारा पेश किया जाता है। इस तरह की गीत गाने वालों में क्लारेंस हेनरी, जोसेफ फ्रांसिस, आल्फ्रेड पास्काल आदि प्रमुख हैं।
  आगामी 24 मार्च रविवार को खजुर एतवार पर्व मनाया जायेगा है। 28 मार्च को पवित्र वृहस्पतिवार को पवित्र संस्कार की स्थापना दिवस  को होगा। 29 मार्च को गुड फ्राइडे है। इस दिन येसु मसीह को सलीब पर चढ़ाकर मार दिया गया। सलीब पर लटकते और मृत्यु की गोद में जाने के पूर्व येसु मसीह ने कहा कि हे ! ये लोग जानते नहीं कि ये क्या कर रहे हैं। इनको माफ कर देना। इसके बाद सिर झुकाकर दम तोड़ देते हैं। इसके तीसरे दिन पूरे पराक्रम के साथ मृतकों में से जी उठते हैं। इसी को ईस्टर संडे कहा जाता है। ईस्टर संडे 31 मार्च को है।




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