Thursday 14 February 2013

शुक्रवार को है उपवास दिवस


शुक्रवार को है उपवास दिवस
3 और 5 बजे से क्रूस रास्ता
दो दिन उपवास रखने के लिए माता कलीसिया का नियम है। बुधवार और शुक्रवार को। इस लिए अब शुक्रवार को भी उपवास दिवस है। इस दिन भी धर्मावलम्बी उपवास रखेंगे। सुबह में नियमित रूप से होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया जा सकता है। यह नियमित 6 बजे शुरू की जाती है। ऐसे लोगों के लिए दोपहर में 3 बजे और अन्य लोगों के लिए शाम 5 बजे क्रूस रास्ता होगा। इसके बाद पवित्र धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किया जाएगा। परमप्रसाद वितरण किया जाएगा। धार्मिक अनुष्ठान खत्म होने के बाद धर्मावलम्बी घर जाकर उपवास तोड़ेंगे। यह सिलसिला 40 दिनों के चालीसा के दौरान होते रहेगा।
 पवित्र राख बुधवार के दिन सुबह में ईसाई धर्मावलम्बियों ने धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिये। इस पुरोहित ने अनुष्ठान में भाग लेने वाले धर्मावलम्बियों की ललाट पर पवित्र राख से क्रूस का चिन्ह बनाया और स्मरण दिलाया कि हे! मनुष्य तू मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओंगे। इस अवसर पवित्र परमप्रसाद वितरण किया गया। बड़ी भक्ति भाव से धर्मावलम्बी परमप्रसाद को ग्रहण किये। इसके बाद 18 से 60 साल के लोगों ने उपवास रखा। 18 साल से नीचे और 60 साल से ऊपर वाले परहेज किये।
   जो सुबह में धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिये थे उनके लिए 3 बजे से येसु मसीह की दुःखभरी दास्तानों पर निर्मित 14 मुकाम पेश किया गया। इसमें भाग लेकर घर चले गये और शाम में जाकर उपवास तोड़े। जो सुबह में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में भाग नहीं लिये। मगर सुबह से ही उपवास पर थे।  उनके लिए शाम में 5 बजे से येसु मसीह की दुःखभरी दास्तानों पर निर्मित 14 मुकाम पेश किया गया। इसके बाद पुरोहित ने धर्मावलम्बियों की ललाट पर पवित्र राख से क्रूस का चिन्ह बनाकर यह आभास दिलाया कि हे! मनुष्य तू मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओंगे। इसके बाद पुरोहित ने धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किया। गया। धर्मावलम्बियों के बीच में पवित्र परमप्रसाद वितरण किया गया। गिरजाघर के बाद धर्मावलम्बी घर जाकर दिनभर किये गये उपवास उपवास को शाम में जाकर तोड़ा।
   




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