एक तरफ आहर, दूसरी तरफ सड़क और बीच में इसमाइलपुर मुसहरी
महादलित मुसहर
समुदाय के
लोगों का
कहना है
कि एक
तरफ आहर
और दूसरी
तरफ सड़क
के बीच
में रहते
हैं। सदैव
बाल-बच्चों
को अग्नि
परीक्षा की
दोर से
गुजरना पड़ता
है। सड़क
पर वाहनों
से डर
बना रहता
है। उसके
बगल में
खेत है।
खेत वाले
हमेंशा गाली
गल्लौज किया
करते हैं।
यहां पर
7 कट्टा जमीन
है। इसी
जमीन पर
70 घर बनाकर महादलित
2 पुश्त से
रहते आ
रहे हैं।
यहां की
जनसंख्या 400 के
करीब है।
गरीबी रेखा
के नीचे
रहने वाले
महादलितों के
साथ भेदभाव
किया गया
है। सर्वे
करने वाले
ठीक तरह
से सर्वे
नहीं किये
हैं। नतीजन
सिर्फ 20 लोगों
को पीला
और 30 लोगों
को लाल
कार्ड उपलब्ध
करवाया गया
है। इसके
कारण लाल
कार्ड वाले
पीला पड़
गये हैं।
जहानाबाद जिले
के जहानाबाद
प्रखंड में
मांदेबिगहा पंचायत
में इसमाइलपुर
गांव है।
इस गांव
में इसमाइलपुर
मुसहरी है।
मुसहरी की
एक ओर
आहर तो
दूसरी ओर
सड़क है।
इसके बीच
में महादलित
मुसहर समुदाय
रहते हैं।
कष्टमय जीवन
बीताने वाले
महादलितों का
सर्वेक्षण नहीं
किया गया
है कि
कितने आवासीय
भूमिहीन हैं।
यहां पर
रहने वाले
महादलितों को
किसी तरह
की जमीन
का पर्चा
नहीं है।
महादलितों का
आग्रह है
कि जिलाधिकारी
महोदय तत्काल
ही वासगीत
पर्चा निर्गत
करें। इसके
बाद आवासहीन
महादलितों को
आवास हेतु
जमीन उपलब्ध
कराकर इंदिरा
आवास योजना
के तहत
मकान निर्माण
करा दें।
अभी तक
हरिहर मांझीएवकील
मांझीएसत्येन्द्र मांझीएभूपेन्द्र मांझी
और मंटू
मांझी मैट्रिक
उर्त्तीण हैं।
हरिहर मांझी
की किस्मत
साथ दी
और विजयी
होकर पंचायत
समिति के
सदस्य बने
थे। अभी
भूतपूर्व हो
गये हैं।
पूर्व पंचायत
समिति के
सदस्य हरिहर
मांझी का
कहना है
कि जिनको
1 से 9 तक
का स्कोर
होता है
उनको पीला
कार्ड उपलब्ध
कराया जाता
है। जिनको
10 से 13 तक का
स्कोर होता
है उनको
लाल कार्ड
उपलब्ध कराया
जाता है।
पीला कार्डधारियों
को मात्र
90 रू. में 35 किलो और
लाल कार्डधारियों
को 165 रू.
में 25 किलो
अनाज मिलता
है। दोनों
कार्डधारियों को
समान रूप
से ढाई
लीटर किरासन
तेल मिलता
है। इसी
के कारण
लाल कार्ड
वाले पीला
पड़ जाते
हैं। कुछ
लोगों को
इंदिरा आवास
योजना के
द्वारा मकान
निर्माण कराया
गया है।
इस योजना
के अंदर
दलाल सक्रिय
हो जाते
हैं। करीब
5 हजार रू.
डकार जाते
हैं। अभी
मांदेबिगहा पंचायत
के मुखिया
तेज प्रताप
सिंह हैं।
इनके कार्यकाल
में इंदिरा
आवास योजना
के तहत
मकान निर्माण
नहीं कराया
गया है।
ये वोट
लिये और
कुर्सी से
जाकर चिपक
गये वाले
मुखिया हैं।
वोट देने
और न
देने के
आधार पर
काम करने
वाले मुखिया
हैं। यहां
पर 4 चापाकल
है। सभी
चालू है।
खराब होने
पर चंदा
करके चापाकल
बनवा लेते
हैं।
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