Sunday 7 April 2013

42936 परिवार योजना के लाभ से वंचित

                        जहानाबाद जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना  

                                                42936 परिवार योजना के लाभ से वंचित

जहानाबाद। जहानाबाद जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कुल 110581 परिवारों को लक्षित किया गया। 23 मई 2011 तक कुल 68645 परिवारों को ही निबंधित किया गया। योजना के तहत सीमित समय निर्धारित रहने से 42936 परिवार योजना के लाभ से वंचित रह गये। ऐसे परिवारों को स्मार्ट कार्ड बन नहीं सका।
श्रम एवं नियोजन मंत्रालय के द्वारा 2008 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की घोषणा की गयी थी। बी.पी.एल.सूची में रहने वाले परिवारों से 30 रूपये में निबंधन करके 30 हजार रूपये का स्वास्थ्य बीमा किया जाता है। इसमें एक साल के अंदर 5 लोगों का चिकित्सा किया जाता है। इस योजना में केन्द्रीय सरकार के 75% और राज्य सरकार के 25% प्रीमियम है। कल्याणकारी राज्य की सरकार की चाहत है कि इसे जल्द से जल्द 600 जिलों में प्रसार किया जा सके ताकि  26%  आबादी कवर हो सके।

बहरहाल श्रम एवं नियोजन की बेवसाइट से पता चला है कि इसको बेहतर ढंग से अप टू डेट अपलॉड नहीं किया जा रहा है। इसे जरूर ही 20 फरवरी 2013 को बेवसाइट अपलॉड की गयी है। इसको 31 अक्तूबर 1012 तक ही अप टू डेट करके दिखायी जा रही है। इसमें जहानाबाद जिले में कुल 110581 को लक्ष्य किया गया और केवल 68645 को निबंधित किया गया। इस तरह 42936 परिवार हाशिये पर ही रह गया। 3296 को भर्ती कर ऑपरेशन किया गया। यह 1.6.11 से 31.10.12 के बीच में हुआ। इसके बाद बेवसाइट को अप टू डेट ही नहीं की गयी है। रिपोर्ट 20 फरवरी 2013 को किया गया। केवल 9 प्रायवेट और 2 पब्लिक हॉस्पीटल और क्लिनिकों के सहारे स्मार्ट कार्डधारी का इलाज होता है।

यह जहानाबाद जिले के जहानाबाद प्रखंड में पड़ता है। इस प्रखंड में मांदेबीघा ग्राम पंचायत है। इसका मुखिया तेज प्रताप सिंह हैं। सरकरी उपेक्षा का दंश झेलता टोला अमियां बीघा मुसहरी टोला है। जो सुखनंदन चक गांव का टोला है। सोनामति देवी कहती हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के द्वारा सभी परिवार के मुखिया के नाम से 30 स्मार्ट कार्ड बना है। 30 रू. देकर स्मार्ट कार्ड बनाया गया। इस बार नवीकरण करवाने में महादलित पीछे रह गये कोई 10 लोग ही नवीकरण कराये। 30 हजार पर 30 रू. भारी पड़ गया। राशि के अभाव में स्मार्ट कार्ड लेने नहीं गये। गरीबी के बीच से उम्मीद की किरण सामने आयी। नागा मांझी की पत्नी क्रांति देवी को अपेंडिक्साइटिज हो गया था। अशिक्षित होने के बाद भी लकड़ी के बॉक्स में रखे स्मार्ट कार्ड को निकालकर जहानाबाद के डाक्टर एस.जीत के पास जाकर अपेंडिक्साइटिज का ऑपरेशन करवाने में सफल हो गयी। खासकर स्मार्ट कार्ड के द्वारा सिर्फ-सिर्फ बच्चादानी का ही ऑपरेशन किया जाता है। इस पर लगाम लगाने पर आम लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। इससे स्वास्थ्य विभाग को राहत मिलेगी। एक बार फिर सरकारी कर्मियों एवं बीमाकर्मियों के क्रियाकलाप के ऊपर सवाल उठ गया। नागा मांझी को अप्रैल 2010 में स्मार्ट कार्ड निर्गत किया गया। 0000260110807046 8 है। उसमें उम्र 50 साल दर्शाया गया। अगर यह उम्र सही है तो नागा मांझी 38 साल में पिताश्री बने थे। इसके बाद नवीकरण करने के बाद 2012 में नागा मांझी को 1.1.1985 उम्र दिखाया दिया गया। इस तरह सिर्फ 27 साल के हो गये। अगर उम्र सच मान लिया जाए तो 15 साल में नागा पिताश्री बन गये थे। 1033011371200018.1 वाले स्मार्ट कार्ड में पांच लोगों का नाम है। नागा मांझी, क्रांति देवी, चंदन कुमार(11 साल), कंचन कुमारी (9 साल) और रेणु कुमारी (3 साल ) है।