Tuesday 23 April 2013

जब महिलाओं ने जेसीबी मशीन को बैरंग वापस करा दी



                     जब महिलाओं ने जेसीबी मशीन को बैरंग वापस करा दी
दानापुर। जब महिलाओं ने जेसीबी मशीन को बैरंग वापस कराने में सफल हो गयी। पुनर्वास संघर्ष मोर्चा की ईकाई, हरिदासपुर के बैनर तले जेसीबी मशीन को आगे बढ़ने नहीं दिया।

 गत 21 अप्रैल को एक शख्स ने टेम्पों पर बैठकर लगातार घोषणा करते चला जा रहा था कि जो लोग रूपसपुर नहर से खगौल रेवले गुमटी तक सड़क और नहर के किनारे रहते हैं। आप लोग अपना घर तोड़ लें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो जिला प्रशासन के द्वारा जबरन जेसीबी मशीन से घर को ध्वस्त कर दिया जाएगा।

इस तुर्गलकी ऐलान से अभिमन्यु नगर, चुल्लाई चक, हरिदासपुर, प्रेम नगर आदि क्षेत्र में रहने वाले गरीब लोगों के बीच में हड़कम्प मच गया। प्रभावित विजय दास ने बताया कि कोई सात सौ की संख्या में घर है। इसकी जनसंख्या करीब 3678 है। हम लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करते हैं। इसी लिए सरकार ने इन्दिरा आवास योजना के तहत  घर निर्माण करा दी है। यहां पर दो स्कूल, दो सामुदायिक भवन, एक मंदिर, एक बालवाड़ी केन्द्र पर बुलडोजर चलना निश्चित है। प्रायः सभी लोगों के पास पहचान पत्र भी है।

गुंगू मांझी की पत्नी हेमंती देवी कहती हैं कि हम लोग बीस साल से अधिक दिनों से सड़क और नहर के किनारे रहते रहे हैं। पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा गंगा नदी पर गंगा सेतु निर्माण करायी जा  रही है। उसी समय से विस्थापन की तलवार लटकने लगी है। 10 सालों से संशय की स्थिति में रहते रहे हैं। इधर 5 वर्षों से जोरशोर से सिर्फ विस्थापित करने का प्रयास हो रहा है। जोर जर्बदस्ती से रूपसपुर  से खगौल तक सड़क चौड़ीकरण कर दी गयी अब तो पूर्ण रूप से हटाने का प्रयास जारी है। वर्तमान सड़क की चौड़ाई से अब और 20 फुट चौड़ी सड़क निर्माण करने की योजना है। अगर ऐसा होता है तो हम 700 गरीब परिवारों के सिर पर छत छीन ली जाएगी। रद्दी कागज चुनकर जीर्विका चलाने वाली हेमंती देवी आगे कहती है किघरवा टूटतई तो कहां रहबई ? बगीचवा में गैर मजरूआ जमीन हई, वहीं जमीनवा पर सरकार बसा देते हल

आज मंगलवार को तुर्गलकी फरमान को अमलीजामा पहनाने के लिए जेसीबी मशीन लायी गयी। मशीन को देखते ही विस्थापन की दंश झेलने वाली महिलाएं बौखला गयी। पहले पुनर्वास करो, सड़क चौड़ीकरण इसके बाद करो। पुनर्वास संघर्ष मोर्चा की ईकाई, हरिदासपुर के बैनर तले जेसीबी मशीन को आगे बढ़ने नहीं दिया। जेसीबी मशीन को बैरंग खदेड़ दिया।

इसके बाद अभिमन्यु नगर, चुल्लाई चक, हरिदासपुर, प्रेम नगर आदि क्षेत्र की महिलाओं की बैठक की गयी। मुठ्ठी बांधकर महिलाओं और अन्य लोगों ने जमकर नारा  बुलंद किये। आगे जमीन पीछे वोट, नहीं जमीन नहीं वोट, हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते, विस्थापितों को पुनर्वासित करना होगा, आवाज दो हम एक हैं। बैठक को संबोधित करने वालों में रेखा देवी, फूलापति देवी आदि ने संबोधित किया। इस असवर पर प्रभावितों ने जान देंगे और जमीन नहीं देंगे को लेकर सौगंध खाएं।

 इस अवसर पर प्रिया बिहार, के अभिताभ भूषण और अभिेषेककुमार झा, दलित मुक्ति मिशन के महेन्द्र कुमार रौशन और रामप्रवेश राम, असंगठित  क्षेत्र कामगार संगठन के विजयकांत सिन्हा, एकता परिषद बिहार के नरेश मांझी आदि संयुक्त रूप से विस्थापन की दंश झेलने वालों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर साथ रहने का वादा किये। इसके साथ मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से मांग की है कि विस्थापन के पहले पुनर्वास करने की नीति को लागू करके प्रभावितों के साथ न्याय करें।