Sunday 28 April 2013

पंचायती राज अधिनियम के अन्तर्गत


पंचायती राज अधिनियम के अन्तर्गत
ग्राम सभा के अधिनियमों के बारे में जानकारी
पालीगंज। प्रगति ग्रामीण विकास समिति के तत्वावधान में एक दिवसीय बैठक की गयी।पटना जिले के पालीगंज प्रखण्ड के रानीपुर कुरकुरी पंचायत के दरियापुर अनंत स्थित पुस्तकालय भवन में ग्राम सभा के अधिनियमों की जानकारी देने बैठक की गयी। इस बैठक की षुरूआत राजमणि देवी कृष्णा देवी के सामूहिक जागरण गीत से की गयी। इस बैठक में करीब 70 लोग उपस्थित थे।
 प्रगति ग्रामीण विकास समिति की कार्यकर्ता पूनम देवी ने आगत ग्रामीणों को बताया कि आज इस बैठक में ग्राम सभा के ऊपर व्यापक चर्चा की जाएगी। इसके बाद संजय यादव ने कहा कि अव्वल यह जाने कि क्यों ग्राम सभा की जाती है? गांव के कुल मतदाता संख्या के लगभग 201 की संख्या ग्राम सभा में होनी चाहिए, तभी ग्राम सभा को वैध माना जा सकता है। अगर कोरम पूर्ण नहीं होता है तो ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने के लिए अगली तिथि निर्धारित की जाती है। एक वर्ष में कम से कम चार बार तीन-तीन माह के अन्तराल पर ग्राम सभा की बैठक करना अनिवार्य है। इसकी अध्यक्षता ग्र्राम पंचायत के मुखियाजी करते हैं। अगर मुखियाजी किसी कारण से अनुपस्थित रहते हैं तो उस स्थिति में उप मुखिया ग्राम सभा की अध्यक्षता करके बैठक विधिवत समाप्त कराएंगें।
 इस ग्राम सभा में हम लोग अपने गांव की जरूरी योजनाओं को ग्राम सभा के सामने में रखते हैं। तब ग्राम सभा इसमें जरूरी योजनाओं को प्राथ्मिकता के आधार पर चयन किया करती है। ग्राम सभा की मंजूरी होने के बाद योजनाओं को पंचायत समिति के समक्ष अग्रसारित कर दिया जाता है। उन योजनाओं को पंचायत समिति के द्वारा पारित योजना को जिला परिषद में भेज दी जाती है।
इस अवसर पर रानीपुर कुरकुरी ग्राम पंचायत के मुखिया रजनीष कुमार ने कहा कि आम आदमी को ग्राम सभा के बारे में प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा जागरूक किया जा रहा है वह स्वागत योग्य कदम है।  इसके लिए हम इस संस्था के प्रति अभारी हैं। आप लोगों ने सभी ग्राम पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य एवं ग्रामीणों को ग्राम सभा के बारे में लोगों के घरों में जाकर सूचना किये हैं।
 आगे के वक्ताओं ने कहा कि ग्राम सभा एक वर्ष में चार बार करना है। होता भी है। लेकिन समाज में जागरूकता नही है। इसलिए लोगों को पता नही है। जो लोग भाग लेते है। वे सब जानते है। यहां पर सब दोष जनता के द्वारा मुखिया जी के सिर पर मढ़ दिया जाता है। सब काम नहीं हुआ है मुखिया जी ध्यान ही देल थीन ह। लोग अपनी गलती मानने के लिए तैयार ही नही होते हैं। आम आदमी ग्राम सभा में भाग ही नही लेते हैं। लेकिन बी.पी.एल. और .पी.एल.के चक्कर में पड़े रहते हैं। हमर नाम है बेटा के नाम ही है।
  मुखिया जी ने महत्वपूर्ण जानकारी दिये कि साल 2007 के बाद अभी तक हम लोगों को बी.पी.एल.में नाम जोड़ने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार एस.डी.. को है। हां, इस प्रखण्ड में दो बी.पी.एल.लिस्ट गया है। एक समान्य जाति का और दूसरी अनूसूचित जाति का है। जिससे सरकार स्थायी बी.पी.एल.सूची मानकर इन्दिरा आवास का चयन उसी लिस्ट से कर रही है। जिनका नाम गया था उसका पीछे चला गया इसमें मुखिया दोषी है। जबकि बी.पी.एल.चयन का काम ग्राम सभा में होनी चाहिए था। उसी तरह पेंशन मे अब लक्ष्मी बाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन (विधवामें अब पति की मृत्यु प्रमाण चाहिए। निषक्तता सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 40 प्रतिशन होना चाहिए। इसी तरह इंदिरा गांधी सामाजिक सुरक्षा पेंशन  में 60 वर्ष की उम्र और बी.पी.एल.का होना अनिवार्य है।