Thursday 14 March 2013

ऐसा नहीं होता है?


                                 ऐसा नहीं होता है?

ऐसा जरूर ही नहीं होता है। जहां रेल लाइन पर जानवर बंधे हो और हॉल्ट पर ही शराब बेची जा रही हो। यह सब पूर्व-मध्य रेलवे के पटना-दीघा पीडी रेलवे खंड पर हो रहा है। आपको यकीन होता हो तो आप इस तस्वीर को जरूर ही गौर से देखेंगे। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। साथ ही आपका भ्रम भी धाराशाही हो जाएगा।

अंग्रेजों के समय में पटना घाट से दीघा घाट तक रेलखंड निर्माण किया गया था। इस रेलखंड पर मालगाड़ी चलाया जाता था। दीघा में गोदाम होने के कारण बालू, सिमेंट, छड़ आदि उतरता था। इसके बाद ट्रकों से अन्यत्र ले जाया जाता था। इसी तरह भारतीय खाद्य निगम का भी गोदाम था। रेलखंड से अनाज का भंडारण होता था। बाद में बंद कर दिया गया। इसके कारण रात्रिचर सक्रिय हो गये। उन लोगों ने रात के अंधेरे में फिस्स प्लेट ले उड़े।

जब राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री बने तो पूरी लगन से अंग्रेजों के समय  निर्मित जर्जर रेलखंड को दुरूस्त करके रेलखंड पर रेलगाड़ी चलाने में सफल हो गये। पटना घाट से दीघा घाट तक पटना-दीघा रेलखंड पर शहीद सवारी रेलगाड़ी चलायी गयी। दीघा से पटना रेलवे स्टेशन के बीच में 7 हॉल्ट बनाया गया। सभी हॉल्ट की हालत खराब है। बेली रोड रेलवे हॉल्ट के रेलखंड पर जानवर और दीघा हॉल्ट पर सरेआम दारू बेचा जाता है। आवाजाही करने वाले नाक पर रूमाल रखकर आवाजाही किया करते हैं। वहीं अनियमित रेलचालन होने से मुसाफिरों का भी मोहभंग हो गया।

इसके आलोक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेलमंत्री से आग्रहपूर्ण प्रस्ताव प्रेषित कर दिये कि अगर आप इस रेलखंड को सरकार को देगी तो उसके बदले में जमीन सरकार जमीन उपलब्ध करा देगी। इस रेलखंड में फोरलाइन रोड बना देगी। फिलवक्त इस ओर काम आगे नहीं बढ़ा है। लेकिन पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा खास ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है। अभी यह हाल है कि रेलखंड पर चलने वाली गाड़ी को वन वे कर दिया गया  है। सुबह में आती है और शाम को नहीं आती है। आरंभ में सुबह-शाम गाड़ी अप-डाउन करती थी।

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