गया। कई
संस्थाओं को मिलाकर अनुसूचित जाति-जनजाति विशेष घटक योजना राष्ट्रीय गठबंधन तैयार किया गया है।
इसके द्वारा आजकल राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर
अभियान चलाया जा
रहा है। वंचित समुदाय और अन्य लोगों के द्वारा किये गये लाखों हस्ताक्षर को प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह को
सौंपा जाएगा।
संपूर्ण
देश की कई संस्थाओं से मिलकर बने
अनुसूचित जाति-जनजाति विशेष घटक योजना राष्ट्रीय गठबंधन अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी)पर न्यायोचित हक प्राप्त
करने के लिए कटिबद्ध है। इस राष्ट्रीय गठबंधन की ओर
अनुसूचित जाति उप
योजना (एससीएसपी)एवं
जनजाति उप योजना (टीएसपी) से संबंधित कुछ तथ्य एवं
आकड़े आपके समक्ष रखना चाहते हैं।
वर्तमान
वित्तीय वर्ष
2013-14 के बजट में,अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) और जनजाति उप योजना(टीएसपी) के तहत 41,561
करोड़ रू. और 24,598
करोड़ रू. आवंटित किये गये है जिसकी प्रतिशत मात्रा
9.92 (एससीएसपी) और 5.8
(टीएसपी) है। एससी और एसटी और
सामान्य के बीच
की विकासात्मक अन्तर को
भरने के लिए कुल
योजना में से
(एससीएसपी) के लिए
कम से कम 16.2
प्रतिशत और (टीएसपी) के लिए 8.2
प्रतिशत का विधिवत आवंटन होना चाहिए। 2013-14 के बजट में
एससीएसपी में 26,327
करोड़ और टीएसपी में
9,765 करोड़ का बजटीय आवंटन नहीं किया है।
नीतिगत दिशानिर्देशों
के अनुपात एससीएसपी
और टीएस को कम
से कम एसी और
एसटी जनसंख्या के प्रतिशत के अनुपात
(एससीएसपी के लिए
16.2 और टीएसपी के लिए
8.2 ) में होना चाहिए। एसी
और एसटी के लिए
योजनाओं की प्रकृति पर किये गये
शोध के आधार पर
, एक बहुत बड़ा हिस्सा केवल कागज पर
और ‘ सांकेतिक’ है। लगभग 70 प्रतिशत आवंटन उत्तरजीविता के लिए
है और केवल 20
प्रतिशत विकास के
लिए है जिससे पता
चलता है कि एससी और एसटी के
आर्थिक विकास की
ओर सरकार सबसे कम
ध्यान दे रही
है।

अन्त में आशा व्यक्त की गयी है हम अनुसूचित जाति-जनजाति विशेष घटक योजना राष्ट्रीय गठबंधन की ओर से यूपीए सरकार से सकारात्मक एवं निर्णायक कारवाई की उम्मीद की गयी। सामाजिक कार्यकर्ता अजय मांझी ने कहा कि बिहार के 38 जिलों में जोरशोर से हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।