Monday, 24 June 2013

27 जून को महिला किसान और सरकारी पदाधिकारी होंगे आमने-सामने बैठक नौबतपुर प्रखंड में

27 जून को महिला किसान और सरकारी पदाधिकारी होंगे आमने-सामने बैठक नौबतपुर प्रखंड में

पटना। प्रगति ग्रामीण विकास समिति की संकुल समन्वयक सिंधु सिन्हा का स्पष्ट रूप से कहना है कि हम लोग बिहार स्तर पर छोटे जोत की महिला किसानों के साथ कार्यशील हैं। जो आवासहीन और खेतिहर भूमिहीन हैं। फिलवक्त सूबे में 62 महिला किसानों का समूह है। जो सरकारी योजनाओं से पूरी तरह से महरूम हैं। सरकारी योजनाओं से जमीन की कागजात रखने वाले किसान मालेमाल हो रहे हैं। महिला किसान समूहों की समस्याओं को लेकर 27 जून,2013 को 11 बजे से नौबतपुर स्थित प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यालय में महिला किसान और सरकारी पदाधिकारी आमने-सामने होंगे।

 उन्होंने कहा कि छोटे जोत की महिला किसानों को विभिन्न तरह के नवाचारों से जोड़ा   गया है। पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड के दो पंचायतों के पांच गांवों में जमकर नवाचार देखा जा सकता है। छोटे जोत की महिला किसानों के द्वारा सामूहिक खेती और कीचन गार्डेन तो  वहीं पुरूषों के द्वारा सामूहिक मछली पालन किया जा रहा है।

नौबतपुर प्रखंड के खजुरी पंचायत के खजुरी गांव में गुड़िया एकल बचत समूह बनाया गया है। इन लोगों ने मजबूर किसानों से 20 हजार रू0 में 10 कट्टा जमीन गिरवी रखे हैं। गिरवी वाली जमीन पर सामूहिक खेती करते हैं। इस क्षेत्र में रहने वाले किसानों की माली हालत खस्ता है। जो अपने सामाजिक दायित्व को निर्वाह करने के लिए खेत को गिरवी रख देते हैं। आमदनी होने के बाद ही खेत को गिरवी रखने वालों से छुड़ाते हैं। मजबूर किसान शादी,बीमारी आदि के समय खेत को गिरवी रखते हैं। वहीं इसी पंचायत के डिहरा गांव के 10 पुरूष सदस्यों ने 1 साल से सरकार से पचोहुआ को 7 साल के लिए 12 हजार रू0 में बंदोबस्ती कर मछली पालन कर रहे हैं। मछली पालन से होने वाले फायदे को आपस में वितरित करते हैं। इसी पंचायत के शेखपुरा में महिला समूह के द्वारा सामूहिक खेती की जाती है। समूह के सदस्यों के द्वारा 10 रू0 प्रतिमाह जमा करके जमीन पट्टा पर लिया गया है। 3 हजार रू0 प्रति 10 कट्टा व्यय किया गया है। कुछ दिनों के बाद महिला किसानों के द्वारा धान के बीज रोपन किया जाएगा। मित्तन चक गांव में भी सामूहिक खेती की जाती है। महिला समूह के द्वारा 5 कट्टा खेत लेकर सामूहिक खेती शुरू की गयी। इसके बाद चालू साल में 5 कट्टा और खेत खरीदकर बढ़ाना है। अभी बड़ी टंगरैला पंचायत के छोटी टंगरैला में महिलाओं के द्वारा कीचन गार्डेन तैयार किया गया है। अपने घरेलू पानी से ही कीचन गार्डेन कर सब्जी उत्पादन करती हैं।

   प्रगति ग्रामीण विकास समिति की संकुल समन्वयक सिंधु सिन्हा ने कहा कि छोटे जोत की महिला किसानों के द्वारा सामूहिक खेती की जाती हैं। आवासीय भूमिहीनों एवं खेतिहर भूमिहीन महिला किसानों के द्वारा स्थानीय किसानों से पट्टा, बटाईदारी और मन्नी पर खेत लेकर कार्य करती हैं। किसी तरह से आपदा होने पर आवासीय भूमिहीनों एवं खेतिहर भूमिहीन महिला किसानों को सरकारी लाभ से वंचित कर दिया जाता है। इनके बदले खेत के कागजात रखने वाले किसानों को सरकारी लाभ मिल जाता है। हम लोग सरकार से मांग करते हैं कि प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा गठित 62 महिला किसानों के समूह को आपदा के समय मिलने वाले लाभ से लाभान्वित कराया जाए।  27 जून,2013 के आमने-सामने बैठक के समय मुस्तैदी से उठाएंगे।

Alok Kumar