Thursday 12 September 2013

कल्याणकारी सरकार की नये पैतराबाजी से लोग हलकान



पहले झोपड़ी तोड़ा और अब झोपड़ी के सामने गड्ढा खोद दिया

विस्थापन की दंश झेलने वालों को आवासीय भूमिहीनों की श्रेणी में लाकर 20 हजार रू0 दें

दानापुर। पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा पाटलिपुत्र स्टेशन निर्माण किया गया है। इसे चालू करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। इसमें कुछ अड़चन गया है। जिसके कारण पाटलिपुत्र स्टेशन को गतिशील नहीं बनाया जा सक रहा है। अव्वल पाटलिपुत्र स्टेशन से लेकर फुलवारीशरीफ और दानापुर रेलखंड तक लोग झोपड़ी बनाकर रहते हैं। इनको हटाना टेड़ी खीर साबित हो रही है। वहीं बीच में पुल है जिसे बंद करने की योजना है। इसे स्थानीय लोग बंद करने नहीं दे रहे हैं। वैकल्पिक राह की मांग कर रहे हैं। बहरहाल दोनों समस्याओं को लेकर पूमरे अधिकारी बैचेन हैं।
माननीय पटना उच्च न्यायालय का आदेश को पालन  करें सरकार:
पूमरे के अधिकारियों ने पटना जिला के जिलाधिकारी डा.एन.सरवन कुमार को झोपड़पट्टी हटाने का दायित्व सौंप दिया है। जिलाधिकारी पसोपेश में पड़ गये हैं। टेसलाल वर्मा नगर के विस्थापन की दंश झेलने वाले भी जिलाधिकारी के समक्ष जाकर फरियाद करते हैं कि हुजूर, पुनर्वास की व्यवस्था कर दें। मगर जिलाधिकारी के द्वारा स्पष्ट नहीं करने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। लोगों के पास माननीय पटना उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेश है जिसमें सरकार को पुनर्वास करने के बारे में निर्णय लेने को कहा गया है। फिलवक्त सरकार भी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं सकी है। जिसके कारण विस्थापन की तलवार लटकने वालों को जाए तो जाए कहां की स्थिति बन गयी है। गरीब लोगों के पास पर्याप्त राशि नहीं है कि माननीय न्यायालय के आदेश को पालन नहीं करने के कारण सरकार पर अवमानना का मामला दाखिल कर सके। 
पहले झोपड़ी तोड़ा और अब गड्ढा बना दियाः
माननीय पटना उच्च न्यायालय का आदेश को पालन को बिहार सरकार पालन नहीं कर रही है। वहीं जिलाधिकारी महोदय के द्वारा ठोस कदम नहीं उठाने के कारण रेलवे खंड के किनारे झोपड़ी बनाकर रहने वालों को जेसीबी से तोड़कर हटाया गया। इससे भी गरीब लोग नहीं माने तो उनके झोपड़ी के सामने ही गड्ढा खोद दिया गया। पूम रेलवे के द्वारा गरीबों की झोपड़ी के सामने कब्र ही खोद दिया गया है। अभी तक कोई बच्चा गिरकर परलोक नहीं सिधारे हैं। परन्तु किसी तरह की हादसा और संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। 
ऐसी स्थिति में सरकार को क्या करना चाहिएः
पाटलिपुत्र स्टेशन से गाड़ी परिचालन करना है। इस रेलखंड के किनारे स्थित झोपड़पट्टी को हटाना भी है। सरकार को चाहिए कि सभी विस्थापन की दंश झेलने वाले लोगों का सर्वे करके आवासीय भूमिहीनों की श्रेणी में लाकर जमीन खरीदने के लिए 20 हजार रू0 दे दें ऐसा करने से विस्थापन के दंश झेलने वाले भी सरकार से नाखुश चलने वाले खुश हो जाएंगे।  इस तरह का कार्य सरकार कर सकती है।सरकार के पास संसाधन भी है। सुनील कुमार ने सरकार से उम्मीद किये हैं कि विस्थापितों के पक्ष में सरकार कदम उठाएगीं।

आलोक कुमार