पहले झोपड़ी तोड़ा और अब झोपड़ी के सामने गड्ढा खोद दिया
विस्थापन की दंश
झेलने वालों को आवासीय भूमिहीनों की श्रेणी में लाकर 20 हजार रू0 दें

माननीय पटना उच्च न्यायालय का आदेश को पालन करें सरकार:
पूमरे के अधिकारियों
ने पटना जिला
के जिलाधिकारी डा.एन.सरवन
कुमार को झोपड़पट्टी
हटाने का दायित्व
सौंप दिया है।
जिलाधिकारी पसोपेश में पड़
गये हैं। टेसलाल
वर्मा नगर के
विस्थापन की दंश
झेलने वाले भी
जिलाधिकारी के समक्ष
जाकर फरियाद करते
हैं कि हुजूर,
पुनर्वास की व्यवस्था
कर दें। मगर
जिलाधिकारी के द्वारा
स्पष्ट नहीं करने
के कारण लोग
परेशान हो रहे
हैं। लोगों के
पास माननीय पटना
उच्च न्यायालय के
द्वारा पारित आदेश है
जिसमें सरकार को पुनर्वास
करने के बारे
में निर्णय लेने
को कहा गया
है। फिलवक्त सरकार
भी अभी तक
किसी नतीजे पर
नहीं आ सकी
है। जिसके कारण
विस्थापन की तलवार
लटकने वालों को
जाए तो जाए
कहां की स्थिति
बन गयी है।
गरीब लोगों के
पास पर्याप्त राशि
नहीं है कि
माननीय न्यायालय के आदेश
को पालन नहीं
करने के कारण
सरकार पर अवमानना
का मामला दाखिल
कर सके।
पहले झोपड़ी तोड़ा और अब गड्ढा बना दियाः
माननीय पटना उच्च
न्यायालय का आदेश
को पालन को
बिहार सरकार पालन
नहीं कर रही
है। वहीं जिलाधिकारी
महोदय के द्वारा
ठोस कदम नहीं
उठाने के कारण
रेलवे खंड के
किनारे झोपड़ी बनाकर रहने
वालों को जेसीबी
से तोड़कर हटाया
गया। इससे भी
गरीब लोग नहीं
माने तो उनके
झोपड़ी के सामने
ही गड्ढा खोद
दिया गया। पूम
रेलवे के द्वारा
गरीबों की झोपड़ी
के सामने कब्र
ही खोद दिया
गया है। अभी
तक कोई बच्चा
गिरकर परलोक नहीं
सिधारे हैं। परन्तु
किसी तरह की
हादसा और संभावना
से इंकार नहीं
किया जा सकता।
ऐसी स्थिति में सरकार को क्या करना चाहिएः

आलोक कुमार