Thursday 12 September 2013

महादलितों के साथ महाधोखा



35 परिवारों को तीन डिसमिल जमीन का पट्टा दिया
पट्टाधारी जमीन को देखे और ही जमीन पर ही पैर पसारे
 मोस्मात दुलिया कुंवर,मोस्मात राजेश्वरी कुंवर,मोस्मात नगीया देवी, मोस्मात सुमित्रा देवी,मोस्मात कुन्ती देवी और मोस्मात कांति देवी की सिर पर से पति की छाया उठ गयी है। इसके बाद सरकार ने सिर पर छत देने प्रयास किया। अब उसके द्वारा भी सिर पर छत देने का वादा को निभाया नहीं  जा रहा है। सरकार ने इन विधवाओं को तीन डिसमिल जमीन दी है। उक्त जमीन पर दबंगों का कब्जा बरकरार है। विधवा और नट समुदाय के लोगों ने सरकारी दरवाजा को खटखटाते हार गये हैं। तब भी महादलित परिवारों को न्याय नहीं मिला
लाख गाल बजा लें सरकार । परन्तु यह हकीकत है कि वर्तमान सरकार आकड़ेबाजी और कागजी कार्रवाई करने वाली सरकार साबित हो रही है। जो प्रमाण उपलब्ध है इससे तो साबित हो जा रही है कि सरकार ने 35 महादलित परिवारों को 3.3 डिसमिल का पर्चा दी परन्तु सरकार ने महादलित परिवारों को कब्जा दिलवाने में नामकायब रह गयी।   तब अपना बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम जी को बार-बार कहना पड़ता है कि जिनको पर्चा निर्गत किया गया हैं। उनको जमीन पर कब्जा दिलवाने के लिए सरकार कटिबद्ध है। हां, मंत्री महोदय जरूर ही दिल खोलकर बात करते हैं। जब कोई बासगीत पर्चा मिलने के बाद भी भूमिहीनों का जमीन पर कब्जा नहीं होने की बात करने लगते हैं। तब तो बुजुर्ग मंत्री जी ताव में जाते हैं। मौखिक और अखबारों में बयान देकर कहते रहते हैं कि तमाम पर्चाधारियों को हर हाल में जमीन पर कब्जा दिलवा देंगे। इसके लिए विभाग के नौकरशाह भी प्रयासरत हैं। उनके द्वारा कार्य किया भी जा रहा है। ने की बात जोरदार ढंग से करते हैं उनका हक है जमीन पर कब्जा मिलने का वह जरूर ही दिलवाया जायेगा। श्री राम ने कहा कि जिनके पास पर्चा है वे पर्चा दिखाएं। उन्हें हर हाल में जमीन पर कब्जा दिलाया जायेगा। अगर माननीय राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम और उनके विभाग के नौकरशाह सूची मांगे तो जरूर सूची उपलब्ध करा दिया जाएगा। केवल शर्त है कि इन पर्चाधारी महादलित परिवारों को जल्द से जल्द जमीन पर कब्जा करा दिया जाए।      
  खैर, जल,जंगल और जमीन की जंग लड़ने वाली जन संगठन एकता परिषद के दबाव पर अथवा सुशासन बाबू के इमेज बढ़ाने के ख्याल से आवासहीनों को 3 डिसमिल जमीन देने का ऐलान किया जाता है। वह चाहे 1 डिसमिल जमीन क्यों हो ? राजधानी से मात्र 45 किलोमीटर की दूरी पर बिक्रम प्रखंड है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी है। यहां पर काफी गरीबी और लाचारी भी है। आवासहीनों की भी संख्या अधिक हैं। सो स्थानीय पदाधिकारियों ने मिलकर गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले महादलित परिवारों को चिन्हित करके तीन-तीन डिसमिल जमीन देने का निश्चय  किया। इस प्रक्रिया में वर्ष 2009.2010 में 13 और 2010.2011 में 12 महादलित परिवारों को पर्चा दिया गया। दिनांक 17.1.12 को अंचलाधिकारी,उप समाहर्ता,भूमि सुधार और अनुमंडल पदाधिकारी के हस्ताक्षर किया गया। यहां यह विडम्बना है कि जमीन का पर्चा किसी के साथ है और जमीन किसी और के हाथ में है। नौकरशाहों ने कागजी कार्रवाई करके कागजी शेर दौड़ाकर सरकारी दायित्व का अंजाम तो दे दिये। मगर उनके साथ यानी महादलितों के साथ महाधोखा कर दिये। 35 परिवार के लोगों ने तीन डिसमिल जमीन का पर्चा को सीने से सटाकर रख लिये है। मगर पर्चाधारी जमीन को देखे और ही जमीन पर ही पैर पसारने में कामयाब हो सके हैं।
 मोस्मात दुलिया कुंवर ग्राम-रघुनाथपुर, थाना-रानी तालाब, (कनपा) जिला-पटना की स्थायी निवासी है। इनको दोहरी मार पड़ गयी है। दो जून की रोटी जुगाड़ करने वाले दुलिया कुवंर के पति रामजी नट का देहांत हो गया है। अब सरकार के द्वारा दी गयी 3 डिसमिल जमीन पर कब्जा हो जाने से अपना मकान का  सपना पूरा नहीं हो पा  रहा है। इसके कारण अभी खुले आकाश के नीचे रहने को बाध्य हैं। इनकी दुखभरी दास्तान को देखकर ही अनुमंडल कार्यालय, पालीगंज,अंचल कार्यालय विक्रम से 3 डिसमिल जमीन मिली है। यह जमीन  2010.2011 के वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुआ। अंचलाधिकारी, उप समाहर्ता ,भूमि सुधार और अनुमंडल पदाधिकारी के हस्ताक्षर और दिनांक 17.1.12 के बाद परवाना मिला है। यह पटना जिला के पालीगंज अनुमंडल के बिक्रम अंचल  ग्राम रघुनाथपुर थाना नं. 34 खाता नं. 105 खेसरा संख्या 215 है। किन्तु आजतक हम उक्त जमीन को नहीं देखी है और जमीन ही मिल पायी है। यह कहा जा सकता है कि जमीन का पर्चा मेरे साथ है और जमीन किसी और के हाथ में है।
इस तरह की अकेली घटना सिर्फ मो0दुलिया कुवंर की ही नहीं है। बल्कि 35 महादलित परिवारों की है। जिसे सरकार ने कागजी पर्चा देकर ठगाकर रख दिया है। इसमें नट परिवार के 19, चौधरी परिवार के 13 और मुसहर के 3 परिवार की है। बिक्रम प्रखंड के रानी तालाब थानान्तर्गत 19 परिवारों को और बिक्रम थाना के 16 परिवारों को पट्टा दिया गया है। रघुनाथपुर गांव के 19 गांव, अराप गांव के 13 और वसीरपुर के 3 लोगों को महादलित परिवारों को पट्टा मिला। वर्ष 2009.2010 में 13 और 2010.2011 में 12 लोगों को पर्चा मिला।
बिहार सरकार के अनुमंडल कार्यालय पालीगंज का हाल बेहाल है। गृह स्थल योजना अन्तर्गत गैरमजरूआ मालिक/आम भूमि की बन्दोबस्ती का पर्चा निर्गत किया है। बन्दोबस्ती केस नं0 01 वर्ष 2010.2011 है। श्री/श्रीमती मो0 दुलिया कुंवर वल्द /पति स्व0रामजी नट ग्राम रघुनाथपुर, थाना रानी गंज तालाब जिला पटना के साथ शून्य एकड़ 3(तीन) डिसमिल गैरमजरूआ मालिक/आम जमीन, जिसका सम्पूर्ण विवरण नीचे दिया हुआ है, की बन्दोबस्ती की जाती है। बन्दोबस्तदार को 20/- सालाना प्रति एकड़ लगान देना होगा। इसके अतिरिक्त समय-समय पर सरकार द्वारा निर्धारित विभिन्न प्रकार के सेस एवं सरचार्ज ( अधिभार) का भी भुगतान बन्दोबस्तीदार को करना होगा। लगान एवं सेस दिनांक से देय होगा। बन्दोबस्तीदार को बन्दोबस्त की गयी जमीन को बेचने / अन्तरण करने का अधिकार नहीं होगा और बन्दोबस्त की गई जमीन को आवास से संबंधित अन्य प्रयोजनों को छोड़कर, किसी अन्य कार्य के लिए प्रयोग में नहीं लाया जा सकेगा। सरकार को आवष्यकतानुसार बिना मुआवजा दिये ही बन्दोबस्त की गई जमीन का आयात कर लेने का अधिकार होगा। जमीन का विवरण इस प्रकार है। पटना जिला के पालीगंज अनुमंडल के बिक्रम अंचल ग्राम रघुनाथपुर थाना नं. 34 खाता नं. 105 खेसरा संख्या 215 है।
इस बीच महादलित परिवारों ने एकता परिषद,बिहार के बिक्रम प्रखंड के प्रभारी उमेश कुमार से मिलकर अपनी समस्याओं को उनके समक्ष रखे। उन्होंने व्यक्तिगत आवेदन मिलने को कहे हैं। सभी प्रभावित राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, बिहार सरकार का आवेदन लिख रहे हैं।
आलोक कुमार