तीन
गांवों के
307 लोगों को
लाभान्वित कराया
गया
महादलितों
को सीमांकन
करके जमीन
दी गयी
वर्ष 2009 में
96 महादलितों को
जमीन दी
गयीः
हिलसा प्रखंड के अंचलाधिकारी सतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2009 में रविन्द्र जी सीओ थे। उनके कार्यकाल में 96 आवासीय भूमिहीनों को जमीन दी गयी। इसके बाद मेरे काल में 211 आवासीय भूमिहीनों को जमीन दी गयी। इस तरह कुल 307 लोगों को जमीन दी गयी है। यह जमीन इंदौत,मोबिनपुर और पोसंडा गांव के महादलित मुसहरों को दी गयी है।
इस
पर आवासीय
भूमि पाने
वालों ने
आपत्ति दर्ज
कियाः

कुछ
चौंकाने वाले
रहस्य को
सीओ साहब
ने खोलाः
बिहार सरकार के द्वारा पंचायत में गैरमजरूआ जमीन नहीं होने की स्थिति में महादलितों को जमीन खरीदकर दी जा रही है। मगर महादलित भ्रम में पड़ गये हैं। अन्य व्यक्तियों के बहकावे में आ गये हैं। देख लो आपकी जमीन के ऊपर से ही बिजली का तार प्रवाहित हो रहा है। कुछ भी हो सकता है। बस इसी बहकावे में महादलित पड़ गये हैं। कई गांव में जमीन से ऊपर तार दौड़ाया गया है। महानगरों और शहरों में स्वयं आप देख सकते हैं। इन लोगों को समझाने एवं बुझाने की जरूरत है। ऐसा न हो कि महादलित अपनी जमीन खो दें। दबंग कब्जा कर लेंगे। उसके बाद आकर महादलित शिकायत करेंगे कि दबंग जमीन हथिया लिया है।
अब सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका बढ़ गयी है। अब उन्हें महादलितों की शिकायत और सीओ साहब के रहस्य को जांचना और परखना पड़ेगा। इसके बाद ही वास्तविक हकीकत सामने आएगी। अगर सच में सरकार के द्वारा महादलितों के सिर पर मौत का तार रखकर महादलितों को मरने का प्रमाण रूपी जमीन का कागजात हाथ में थमाया जा रहा है। तो जरूर ही महादलितों के साथ मिलकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करनी पड़ेगी।
आलोक कुमार