Thursday 19 September 2013

आगे जमीन पीछे वोट नहीं जमीन नहीं वोट का नारा लगाने लगे




एक दिवसीय आवासीय भूमिहीनों का सम्मेलन
राष्ट्रीय संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि आपकी समस्याओं को शांतचित होकर सुने


पालीगंज। पटना जिले के पालीगंज प्रखंड में स्थित डा0भीमराव अम्बेदकर छात्रावास में एक दिवसीय आवासीय भूमिहीनों का सम्मेलन संपन्न हो गया। प्रगति ग्रामीण विकास समिति, महिला एकता मंच और मुसहर विकास मंच के संयुक्त प्रयास से किया गया। महिला एकता मंच की प्रखंड अध्यक्ष और सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाली सूर्यमणि देवी ने दीप जलाकर सम्मेलन की विधिवत शुरूआत की गयी।
 गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के पालीगंज प्रखंड के प्रखंड समन्वयक बाबूलाल चौहान ने घोशणा की कि इस प्रखंड के रहने वाले महादलित मुसहर के सभी गांव और टोले में जाकर सर्वे करके सूची तैयार कर ली गयी है। इस सूची को सम्मेलन से पारित कराकर पालीगंज के अंचलाधिकारी को सौंप दिया गया। इस अवसर उपस्थित 30 गांव और टोले के आगत महिला और पुरूषों से आग्रह किया गया कि आप लोगों के पास भूमि संबंधित किसी तरह का सवाल और शंका हो तो उसे प्रस्तुत करेंगे।
मुसहर विकास मंच के जिला संयोजक ने मंच संभालाः
इस अवसर पर मुसहर विकास मंच के जिला संयोजक विजय कुमार भारती ने सम्मेलन का संचालन करने लगे। उन्होंने अव्वल महिलाओं को भूमि की समस्या और उसका समाधान पर ही घ्यान क्रेन्दित करने पर बल दिया।
दरियापुर की शांति देवी उवाचः
दरियापुर की शांति देवी ने कहा कि पहले की सरकार महिला और पुरूष के नाम से संयुक्त पर्चा निर्गत किया जाता था। जो कालान्तर में बंद कर दिया गया है। इसका असर महिलाओं को सीधे पड़ता है। जमीन के बिना ही हर समस्याओं का समाधान करना पड़ता है। पितृसत्तात्मक चलन के कारण जैसे ही महिला की शादी हो जाती है। तो मां के घर से धन की रिश्ता समाप्त हो जाती है।  ससुराल में जाने से ताना मारा जाता है। बाप के घर से क्या लायी हो? जमीन नहीं रहने से ससुरात में प्रताड़ित किया जाता है। इस लिए जरूरी है कि जमीन में पत्नी और पति के नाम से संयुक्त पर्चा निर्गत हो।
मुविमं का अध्यक्ष मुन्ना मांझी ने कहाः
मुसहर विकास मंच के अध्यक्ष मुन्ना मांझी ने कहा कि हम लोग स्वतः पीछे पड़ गये हैं। हम आगे बढ़ने का प्रयास नहीं करते हैं। अगर हम खुद्दार बनने का प्रयाय करेंगे तो कोई शक्ति रोक नहीं सकेगा। औरों की तरह मुन्ना मांझी ने इस अवसर पर सरकार से 10 डिसमिल जमीन देने की मांग की है। 3 डिसमिल जमीन से आवासीय समस्या हल हो पाती है। उसमें आजीविका को जोड़ नहीं पाते हैं। उन्होंने अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की वकालत किये। काम धंधा छोड़कर मुख्यमंत्री से मिलने चल पड़ना है।
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक बोलेः
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि आपकी समस्याओं को शांतचित होकर सुन रहे थे। आपकी मांग जायज है। यह सर्वविदित है कि जब छोटा बच्चा रोता है तब ही मां दूध पिलाती है। जब वह चलने लगता है तो खुद ही मां के पास जाकर भूख लगने की बात करता है। उसी तरह अब हम लोग खुद ही चलने लगे हैं। प्रखंड में चले जाते हैं। यहां पर सुनवाई नहीं होने पर एसडीओ साहब के पास चल जाता है। इसी तरह आगे बढ़कर सत्याग्रह करने लगे हैं। जो शुभ सकेंत है। आगे जमीन पीछे वोट नहीं जमीन नहीं वोट का नारा लगाने लगे हैं। इस नारा को दीवार पर लिखें। दीवार लेखन से फायदा होगा कि वोट मांगने वाले सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। तब जाकर आपकी मांग के समर्थन में कार्य करने लगेंगे।
आलोक कुमार