आवासीय
भूमिहीनों की समस्या
वर्ष 2009 से ही
उठाती रही है
एकता परिषद
आखिर
नौकरशाहों का ध्यान
बाढ़ प्रभावित मुरलीगंज
प्रखंड की ओर
क्यों नहीं जाती
मुरलीगंज।
रोम में पोप
और मधेपुरा में
गोप का संसद
में नेतृत्व करने
वाले जदयू के
अध्यक्ष शरद यादव
हैं। इनके संसदीय
क्षेत्र के लोग
विभिन्न तरह की
समस्याओं से जूझ
रहे हैं। हालांकि
जन संगठन एकता
परिषद की पहुंच
गांव स्तर पर
है। इस संगठन
के द्वारा संवाद
पर विश्वास किया
जाता है। अधिकारियों
से संवाद करके
हार-थककर लोगों
ने 3 अक्तूबर,2013 से
बेमियादी धरना देने
का फैसला किये
थे। एक बार
फिर आश्वासन मिलने
के बाद धरना
को समाप्त कर
दिया गया। इस
बीच 16 सूत्री मांगों को
जिलाधिकारी को स्मार
पत्र पेश किया
गया है।
स्मार
पत्र में कहा
गया है कि
मुरलीगंज प्रखंड की आवासीय
भूमि संबंधी एवं
अन्य समस्याओं पर
2009 से ही एकता
परिषद के द्वारा
प्रशासन का ध्यान
आकृष्ट करती आ
रही है। लेकिन
वंचित वर्ग की
समस्या के प्रति
प्रशासन पूर्ण रूप से
उदासीनता का ही
परिचय दिया है।
इस बेमियादी धरना
के माध्यम से
प्रखंड का वंचित
समुदाय एक एक
बार फिर आपके
सम्मुख अपनी समस्या
रख रहा है।
स्मार पत्र में
आशा व्यक्त किया
गया है कि
प्रखंड के गरीबों,
वंचितों,दलित और
आदिवासियों की धैर्य
की परीक्षा अब
और नहीं ली
जायेगी। आपके नेतृत्व
में प्रशासन संवेदनशीलता
के साथ हमारी
समस्याओं के निदान
में रूचि लेगी।
क्या
है समाज के
किनारे रहने वालों
की मांग ?
स्रकारी
कार्यालयों में एवं
कर्मचारियों द्वारा किसी तरह
के आवेदन की
पावती तुरंत दी
जाये।, टाल मटोल
नहीं किया जाय।
जन सत्याग्रह समझौता
के अनुरूप आवासीय
भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन
देना प्रारंभ हो।
फिरहाल बिहार सरकार द्वारा
घोषित रकवा के
हिसाब से कब्जा
के साथ आवासीय
भूमि का आवंटन
हो। एक और
आधा डिसमिल जमीन
देने की खानापूर्ति
बंद हो। विशेष
टास्कफोर्स गठित कर
प्रखंड के सभी
पंचायतों के हजारों
आवासीय भूमिहीन परिवार के
लिए अभियान चलाकर
जमीन तलाशने और
खरीदने का कार्य
प्रारंभ हो। अगले
तीन माह में
सभी आवासीय भूमिहीन
को निश्चित तौर
पर जमीन मुहैया
कराई जाये। ।
प्रखंड में बचे
भूदान भूमि का
पता करके इसे
भूमिहीनों में वितरित
किया जाये। ।
आवंटित जमीन पर
भूदान किसानों को
कब्जा दिलाई जाय,
परेशान करने वालों
पर कार्रवाई हो।
भूमिहीन जोत की
भूमि उपलब्ध कराई
जाय। बटाईदारों को
वैधता मिले। मजूदरों
का महिला-पुरूष
किसान समूह बनवाकर
उन्हें लिज पर
सामूहिक खेती के
लिए प्रेरित किया
जाये। । प्रखंड
के 40 प्रतिशत गरीबों
का नाम बीपीएल
सूची में नहीं
है। अभियान चलाकर
इसे ठीक किया
जाये। मनरेगा में
पूर्ण जॉब कार्ड
बनाने का अभियान
चलाया जाये। ।
काम के लिए
मौखिक या लिखित
आवेदन पर पावती
नहीं देने वाले
रोजगार सेवकों को तत्काल
दंडित किया जाये।
। मनरेगा कार्य
का साप्ताहिक भुगतान
हो। इसमें बिचौलियागीरी
खत्म हो। स्वास्थ्य
पर कार्य करने
वाले निकायों को
अधिक गतिशील और
सक्षम बनाया जाये।
। इंदिरा आवास
कोटा में वृद्धि
की जाय। नम्बर
का मनमाना खेल
बंद हो। लाभुकों
की पात्रता वाले
भूमिहीन के लिए
तत्काल जमीन खरीद
कर आवास आवंटित
हो। गरीबों-दलितों
के प्रत्येक टोला
तक पहुंच पथ
बनाने की समयबद्ध
योजना बने। दलितों
के श्मशान की
व्यवस्था हो ताकि
पीड़ा की स्थिति
में वो प्रताड़ना
से बच सके।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के
अहर्ताओं की खोज
एवं उनसे उचित
आवेदन प्राप्त करने
का काम सरकारी
कर्मचारी गरीबों के टोला
में जाकर करें।
लाभुकों के कोटे
में वृद्धि की
जाये। । तरह-तरह के
पेंशनों का भुगतान
प्रत्येक माह किया
जाये। । वृद्धावस्था
एवं अन्य योजनाओं
के विलम्बित पेंशनों
का भुगतान 15 दिनों
के अंदर किया
जाये। । बचे
गांव तक बिजली
पहुंचाई जाय। आपूर्ति
नियमित हो गरीबों
के टोले तक
अनिवार्य रूप से
बिजली पहुंचाई जाये।
। राशन-किरासन
की पूर्ण और
नियमित आपूर्ति उचित मूल्य
की दुकान पर
हो। अंत में
जनता को काम
कराने में भ्रष्टाचार
से बचाने के
लिए गुप्त सूचना
तंत्र को सक्रिय
किया जाये।
ध्रुव
प्रसाद श्रीवास्तव
मुरलीगंज,मधेपुरा।