पटना। आज रविवार
को दीघा दियारा
कृषि भूमि बचाओ
समिति के बैनर
तले दीघा, कुर्जी,
गोसाई टोला, राजापुर,
मैनपुरा और दुजरा
के किसानों की
आम सभा की
गयी। इसमें रैयती
जमीन को खासमहल
जमीन कहकर किसानों
को किनारा कर
देने पर चिन्ता
व्यक्त की गयी।
रैयती जमीन का
पर्याप्त मुआवजा देने की
मांग की गयी।
अगर ऐसा नहीं
होता है तो
जमीन की जंग
छेड़ दी जाएगी।
पुराने खिलाड़ी से नये
खेलः
बिहार सरकार के बिहार
राज्य आवास बोर्ड
के द्वारा राजीव
नगर के किसानों
की 10.24 एकड़ जमीन
का अधिग्रहण कर
लिया गया है।
राजीव नगर के
किसानों की जमीन
बचाने वाले पुराने
खिलाड़ी अब दीघा
दियारा की जमीन
को बचाने की
कवायद शुरू कर
दिये हैं। अब
देखना है कि
क्या किसानों की
रैयती जमीन का
मुआवजा दिलवाने में सफल
पा रहे है
? या मात्रः खिलाड़ी
बनकर जमीन की
जंग की खेल
खेलते रहेंगे।
जब पूर्व मुख्यमंत्री लालू
प्रसाद यादव ने
रैयती जमीन को
खासमहल घोषित करा दियेः
राजधानी के लोगों
से रूटकर गंगा
नदी काफी दूर
चली गयी थी।
उसको राजधानी के
करीब लाने का
प्रयास पूर्व मुख्यमंत्री और
झारखंड जेल में
कैद लालू प्रसाद
यादव ने प्रयास
किये थे। दीघा
से लेकर पटना
तक कटाई की
गयी थी ताकि
गंगा नदी की
धारा को मोड़ा
जा सके। परन्तु
इस कार्य को
करने में असफल
हो गये। मगर,
लालू प्रसाद यादव
के प्रभाव में
आकर जिनकी रैयत
की जमीन पर
खुदाई की जा
रही थी। उस
समय किसी ने
आवाज बुलंद नहीं
किये। आवाज नहीं
बुलंद करने के
कारण लालू प्रसाद
यादव ने सभी
जमीन को खासमहल
घोषित करने में
सफल हो गये।
इस समय जब
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के
द्वारा फोर लाइन
सड़क निर्माण करने
की योजना बना
ली गयी है।
अब उनके सामने
बवाल खड़ा किया
जा रहा है।
यहां के किसानों
का कहना है
कि हम लोगों
के पास जमीन
का कागजात है।
मालगुजारी आदि जमा
करते हैं। तो
किस आधार पर
सरकार के द्वारा
खासमहल जमीन घोषित
कर दी गयी
है। मैनपुरा के
बुद्धू राम का
कहना है कि
एक एकड़ से
अधिक जमीन है।
कागजात भी दिखाया
। इसी तरह
जमीन का कागजात
किसानों के पास
है। जो किसी
भी हालात में
रैयती जमीन को
खोना नहीं चाहते
हैं।
‘हर
दम किसानों की
जमीन को लेकर
किसानों को फटेहाल
बना दिया जाता
है’ः
राजद के सक्रिय
नेता रामानन्द राय
उर्फ शिवबालक राय
ने कहा है
कि हम किसानों
की जमीन को
लेकर किसानों को
फटेहाल बना दिया
जाता है। पाटलिपुत्र
औघोगिक आंगन बनाया।
राजीव नगर में
नौकरशाहों का आशियाना
बना दिया। अब
दीघा दियारा क्षेत्र
के रैयती जमीन
पर फोर लाइन
रोड निर्माण कराया
जा रहा है।
धोखे से रैयती
जमीन को भी
खासमहल जमीन में
जोड़कर सभी जमीन
को ही खासमहल
जमीन घोषित कर
दी गयी है।
अभी रैयती जमीन
का कागजात कार्यालय
में उपलब्ध ही
नहीं है। मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने
रैयती जमीन का
कागजात रखने वालों
को बिना किसी
तरह का मुआवजा
दिये ही फोर
लाइन सड़क बनाने
पर उतारू हैं।
इसका हम लोग
विरोध करते हैं।
मुख्यमंत्री 11 अक्तूबर,2013 को दीघा
में आकर फोर
लाइन सड़क का
शिलान्यास करने वाले
हैं। उस समय
किसानों के प्रतिनिधि
मिलकर स्मार पत्र
पेश करेंगे। अगर
प्रेषित स्मार पत्र को
मुख्यमंत्री अनदेखी कर देते
हैं तो जमीन
की जंग छेड़
दी जाएगी।
इस अवसर पर
रामानंद राय, पशुराम
सिंह, रामपदारथ सिंह,
शिवशंकर शर्मा, बुद्धू राम
आदि किसान उपस्थित
थे।
आलोक कुमार