इस दरबार में आने वाले मुंह मीठा करके ही जाते हैं। बाहर आने पर ईख से रस निकालकर बेचने वाले ने कहा कि काफी भीड़ लगती है। कुछ रकम तो जरूर ली लाती हैं हसरत साहब के दरबार में आने वाले निराश नहीं होते हैं। इसी लिए साहब और मेम साहब लोग गाड़ी पर चढ़कर आते हैं। उसमें सरकारी गाड़ी भी रहती है।
पटना। आजकल सुशासन राज में हरेक लोग जनता दरबार लगाने में व्यस्त है। मुख्यमंत्री से लेकर संतरी तक जनता दरबार लगाते हैं। उसमें कैसे जिले के जिलाधिकारी महोदय पीछे रह सकते हैं। प्रत्येक वृहस्पतिवार को जनता दरबार लगाते हैं। आम से खास लोग समस्याओं का समाधान करवाने जाते हैं। अगर समस्याओं का समाधान करने में कसर हो जाता है और जनता दरबार से संतुष्ट हो जाते हैं तो ऐसे हजरत टीपू सुल्तान के दरबार में आ जाते हैं। यह पटना जिले के जिलाधिकारी महोदय के आवासीय कार्यालय परिसर में है। यहां पर खुलेआम झार-फंूक किया जाता है। हालांकि हजरत टीपू सुल्तान का जनता दरबार 24x7 है। यहां पर जुम्मा के दिन अधिक भीड़ लग जाती है। इस दरबार में कदम रखने वालों को मुंह मीठा भी करवाया जाता है।
ऐतिहासिक गांधी मैदान के समीप और अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के सामने पटना-दीघा मुुख्य मार्ग पर पटना जिले के जिलाधिकारी महोदय का आवास है। यहीं से जिलाधिकारी महोदय का आवासीय कार्यालय संचालित होता है। इसी के बगल में हजरत टीपू सुल्ताना का जनता दरबार चलता है। एक शख्स रहते हैं। जो दरबार में आने वालों की समस्या जानकर ताबीज देते हैं। और समस्याओं से ग्रसित लोगों को झार- फूंक करते हैं। हरदम अगरबर्त्ती जलाया जाता है। अगरबर्त्ती जलाने से माहौल सुगंधमय बन जाता है। लोग आकर शांति से बैठ जाते हैं। इंतजार करते हैं तबतक उक्त शख्स के द्वारा बुलावा नहीं आये।
एक मध्यम वर्गीय परिवार की महिला आयी थीं। जब यहां के शख्स थूक फेंकने के लिए बाहर आये। तब उनसे महिला बोलने लगीं कि वह आजकल लड़की के चक्कर में पड़ गया है। ऐसा झार दें कि लड़की के चक्कर से मुक्त हो जाए। इतना सुनकर कह गये। सब ठीक हो जाएगा। इसी बीच सरकारी वाहन से एक ओर महिला उतरती हैं। सीधे दरबार के द्वार पर पहुंचकर ओढ़नी से सिर ढंकने लगती हैं। ऐसा करके दरबार के अंदर प्रवेश कर गयी। एक मुस्लिम महिला ने समय देने की मांग की थी तो उनका कहना है कि अभी काफी व्यस्त है। समय मिलने से समस्याओं को दूर कर देंगे।
उत्सुकता
से दरबार में जाने के बाद निकलने पर शख्स ने कहा कि साहब मुंह मीठा करके जाइयेगा। इस दरबार में आने वाले मुंह मीठा करके ही जाते हैं। बाहर आने पर ईख से रस निकालकर बेचने वाले ने कहा कि काफी भीड़ लगती है। कुछ रकम तो जरूर ली लाती हैं हसरत साहब के दरबार में आने वाले निराश नहीं होते हैं। इसी लिए साहब और मेम साहब लोग गाड़ी पर चढ़कर आते हैं। उसमें सरकारी गाड़ी भी रहती है।
आलोक कुमार