कोथवां मुसहरी में बने जर्जर मकान को तोड़कर नये सिरे से मकान बनाने की जरूरत है। इसी तरह पटना सदर प्रखंड के नाच बगीचा मुसहरी है। यहां के मुसहर झोपड़ी में रहते हैं। आजतक किसी तरह के सरकारी स्तर पर मकान बनाने का प्रयास नहीं किया गया है। क्या जिलाधिकारी महोदय सुध लेंगे?
दानापुर। पटना जिले
के दानापुर प्रखंड
में कोथवां ग्राम
पंचायत है। इस
ग्राम पंचायत के
मुखिया रामाशीष यादव है।
फिलवक्त मुखिया जी के
पुत्र रीतलाल यादव
जेल में हैं।
हालांकि दानापुर विधान सभा
की सदस्या आशा
सिन्हा के पति
की हत्या के
सिलसिले में पटना
उच्च न्यायालय के
द्वारा जमानत मिल गयी
है। उनपर अन्य
संगीन मामले दर्ज
होने के कारण
बेऊर जेल में
ही रहना पड़ेगा।
खैर,
कोथवां ग्राम पंचायत में
कोथवां मुसहरी है। यहां
पर कुछ दिन
पहले उमेश मांझी
के पुत्र विजय
मांझी की मौत
हो गयी है।
इस असंगठित मजदूर
को मुखिया रामाशीष
यादव ने कबीर
अंत्येष्ठि योजना के तहत
15 सौ रूपए नहीं
दिये। इसका नतीजा
यह हुआ कि
हिन्दु रहने के
बाद भी शव
को दफना दिया
गया। इसके बावजूद
सुशासन सरकार के द्वारा
कबीर अंत्येष्ठि योजना
की राशि को
वितरण करने की
प्रक्रिया को दुरूस्त
नहीं की जा
सक रही है।
ऐसे अनेकों की
घटना है जिसमें
मुसहर समुदाय के
लोग हिन्दू धर्मावलम्बी
होने के बाद
भी मृतक को
मिट्टी तले दफनाने
को मजबूर हो
जाते है। जो
महादलितों के साथ
अन्याय हो रहा
है और तो
और मानवाधिकार का
हनन भी हो
रहा है।
कौथवां
मुसहरी में बहुत
दिनों से महादलित
मुसहर समुदाय के
लोग रहते हैं।
लालू-राबड़ी शासनकाल
में झोपड़ी के
बदले इंदिरा आवास
योजना से मकान
बना था। जो
मकान जर्जर हो
गया है। कुछ
मकान तो रहने
लायक ही नहीं
है। कुछ के
छत गिर जाने
के बाद पुआल,
प्लास्टिक आदि लगाकर
रहते हैं। इसी
तरह के एक
मकान में कर्कट
लगाकर आंगनबाड़ी केन्द्र
चलाया जाता है।
सरकार के द्वारा
बतौर किराये के
रूप में दो
सौ रूपए व्यय
किया जाता है।
वैसे तो कुछ
लोगों को इंदिरा
आवास योजना से
राशि मिली है।
जो पूर्ण नहीं
हो सका हैं
इस मुसहरी
में जन संगठन
एकता परिषद और
गैर सरकारी संस्था
नारी गूंजन का
दावा है। दोनों
महादलितों के लिए
कार्यरत हैं। फिर
महादलितों की समस्याएं
विकराल रूप धारण
कर लिया है।
ऐसे में पटना
जिले के जिलाधिकारी
डा. एन. सरवण
कुमार से मिलकर
मुसहरों की समस्याओं
को लेकर संवाद
करने की जरूरत
है। वर्तमान के
जिलाधिकारी डा.एन.सरवण कुमार
महादलितों के हित
में कार्य करने
वाले अधिकारी है।
अगर यह खबर
जिलाधिकारी को मिल
जाए तो इन
मुसहरों की समस्याओं
को दूर करने
में कौताही नहीं
बरतेंगे।
कोथवां मुसहरी में
बने जर्जर मकान
को तोड़कर नये
सिरे से मकान
बनाने की जरूरत
है। इसी तरह
पटना सदर प्रखंड
के नाच बगीचा
मुसहरी है। यहां
के मुसहर झोपड़ी
में रहते हैं।
आजतक किसी तरह
के सरकारी स्तर
पर मकान बनाने
का प्रयास नहीं
किया गया है।
क्या जिलाधिकारी महोदय
सुध लेंगे?
आलोक कुमार