जिला समन्वयक नागेन्द्र कुमार का कहना है कि आजकल बच्चादानी का ऑपरेशन करने से चिकित्सक घबड़ाते हैं। सरकारी उम्र 40 वर्ष तय करने के बाद भी जहानाबाद के चिकित्सक बच्चादानी निकालने से हड़कते हैं। इसी के आलोक में तानाबाना बुना जा रहा है।
जहानाबाद।
जहानाबाद सदर प्रखंड
के सिकरिया गा्रम
पंचायत में कड़ौना
गांव के चमनबीघा
टोला में सत्येन्द्र
दास नामक मजदूर
रहते हैं। इस
मजदूर की पत्नी
का नाम सुदमिया
देवी है। जो
15 साल से घेंघा
रोग से बेहाल
हैं। गांव के
लोगों के द्वारा
दिये गये परामर्श
को मानकर घेंघा
पर ही गोधना
गोधवा ली हैं।
गोधना गोधवाए 10 साल
हो गया है।
तब भी घेंघा
रोग खत्म होने
के बजाए बढ़ते
ही चला जा
रहा है। लोकलाज
के ख्याल से
सुदमिया घेंघा रोग को
छुपाने का असफल
प्रयास भी करती
है। परन्तु उसमें
सफल नहीं हो
पाती हैं।
आयोडिनयुक्त
नमक के सेवन
नहीं करने के
कारण घेंघा रोग
होता है। इससे
साबित होता है
कि इस टोला
में आयोडिनयुक्त नमक
का प्रचार और
प्रसार कम है।
इसके कारण अज्ञानता
से पहले ही
की तरह साधारण
नमक सेवन करते
हैं। साधारण नमक
की कीमत हैं।
वहीं पैकेट वाले
नमक की कीमत
अधिक है। टाटा
नमक की कीमत
16 रू. है। टाटा
नमक पैकेट में
नकली पैकेट उतार
दिया गया है।
वहीं आर्शीवाद नमक
की कीमत 15 रू.
है।
बताते
चले कि अभी
हाल में नमक
बाजार से गायब
कर दिया गया।
बाजार से नमक
गायब होने की
अफवाह उड़ते ही
नमक की कीमत
काफी बढ़ गयी
थी। एक पॉकेट
की कीमत 75 से
100 रू. तक हो
गयी। एक पॉकेट
के बदले पांच-पांच पॉकेट
नमक लेकर भंडारण
करने पर उतारू
हो गये। अफवाह
को लेकर सरकार
और मीडिया सक्रिय
हो गये। जल्द
ही अफवाह पर
नियंत्रण पाया जा
सका।
गरीब
सुदमिया देवी के
पास दवा करवाने
के लिए रकम
नहीं है। अब
दवा से नहीं
रोकने की कोशिष
करने के बदले
ऑपरेशन करने की
जरूरत पड़ेगी। इस
संदर्भ में प्रगति
ग्रामीण विकास समिति के
जहानाबाद जिले के
जिला समन्वयक नागेन्द्र
कुमार का कहना
है कि उनका
यह प्रयास हो
रहा है कि
जिनके पास राष्ट्रीय
स्वास्थ्य बीमा योजना
के तहत स्मार्ट
कार्ड हैं। ऐसे
लोगों को एक
जगह में बैठाकर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना
के बारे में
जानकारी दें। उस
अवसर पर रोग
से बेहाल लोगों
से जानकारी लेंगे।
इसके बाद निश्चित
समय में बुलाकर
स्थानीय चिकित्सकों के पास
ले जाएंगे। उसमें
सुदमिया देवी के
घेंघा रोग का
ऑपरेशन करवा देंगे।
जिला समन्वयक नागेन्द्र
कुमार का कहना
है कि आजकल
बच्चादानी का ऑपरेशन
करने से चिकित्सक
घबड़ाते हैं। सरकारी
उम्र 40 वर्ष तय
करने के बाद
भी जहानाबाद के
चिकित्सक बच्चादानी निकालने से
हड़कते हैं। इसी
के आलोक में
तानाबाना बुना जा
रहा है।
आलोक
कुमार