गया। जब सूबे के वृशिण पटेल शिक्षा मंत्री थे,तब उस समय गया जिले की गुड़िया नामक गरीब लड़की सर्म्पक में आयी थीं। खेत में काम करने वाली गुड़िया पढ़ना चाहती थीं। मगर परिजन समर्थ नहीं हो पा रहे थे। आखिर परिजन शिक्षा विभाग से सर्म्पक किये। गुड़िया पढ़ने लगीं। यह सौभाग्य देखे कि यूनिसेफ ने मेहनती गुड़िया को चयन करके विदेश कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए चुन ली गयीं। आज गुड़िया काफी शोहरत हासिल कर ली हैं। आज जब परिवहन, सूचना एवं जन-सर्म्पक मंत्री वृशिण पटेल हैं। एक बार फिर गुड़िया से रू-ब-रू होना पड़ रहा है। दोनों गुड़िया अल्पसंख्यक समुदाय की हैं। इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों बार गुड़िया को ही महिमामंडित किया जा रहा है। इसे अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के दायरे में लाकर गुड़िया के बढ़ते कदमों में जंजीर नहीं लगाया जा सकता है। दोनों गुड़िया को सलाम है।
एक कार्यक्रम में परिवहन, सूचना एवं जन-सर्म्पक मंत्री वृशिण पटेल ने कहा कि 1971 के चुनाव में जीत मिली। 7 बार विधायक बने। 5 बार मंत्री बने। 5 बच्चों के पिता हैं। दो अल्पसंख्यक गुड़िया से सर्म्पक हुआ। और तो और 1 बार सांसद बने। आगे कहा कि गया जिले की गुड़िया खातून पढ़ना चाहती थीं। मगर मां-बाप ने गुड़िया को पढ़ाई करने के बदले खेत में ही काम करने को कहते रहे। गुड़िया हिम्मत नहीं हारी। वह खेत में काम करके पढ़ना शुरू कर दी। इसको देखकर परिजन ने पढ़ने जाने की अनुमति दे दिये। बाकी कार्य शिक्षा विभाग ने करना शुरू कर दिये। यूनिसेफ की खोज हो रही थी कि आधी आबादी की बात और रिपोर्ट इंगलैंड में जाकर पेश कर सके। इसी गया जिले की गुड़िया खातून का चुनाव हुआ। वह देश का नेतृत्व किया। उस समय शिक्षा मंत्री के नाते काफी खुश हुए।
पटना जिले में गुड़िया खातून रहती हैं। गुड़िया खातून ने अन्तर धार्मिक विवाह किया है। उसने मनोज कुमार सिन्हा से लव मैरेज की हैं। पटना जिला ऑटो रिक्शा चालक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष नवीन कुमार मिश्रा जी के कहने पर ऑटो रिक्शा चलाने सीखी। शबनम से गुड़िया बनी। गुड़िया से ऑटो टेम्पो चालक और ऑटो टेम्पो चालक से एंकर बन गयी हैं। कार्यक्रम के दौरान ऑटो टेम्पो चालक गुड़िया ने कहा कि पटना जंक्शन के पास महिला टेम्पो चालकों के लिए अलग से पार्किग जोन बना देना चाहिए। वहां पर पुरूष ऑटो चालक फब्तिया कंसते हैं।
इसके बाद मंत्री वृशिण पटेल ने कहा कि सुशासन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार और उनके नौकरशाहों के द्वारा महिलाओं की इज्जत आबरू को सुरक्षित रखने का ख्याल और इस ओर प्रयासरत हैं। इस सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में काफी कार्य किया है। त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के चुनाव में महिलाओं को पचास फीसदी आरक्षण दे रखा है। आपने जो इशारा किये हैं उसका समाधान कर दिया जाएगा। आप ऑटो चालक के साथ नौ देवियां का एंकरिंग कर रही हैं। इसमें भी पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। नौ देवियां में अलग-अलग जगहों में महिलाओं के द्वारा जो एकांगी प्रयास से कार्य हो रहा है। उसे लाइव स्टाइल टी.वी.के माध्यम से नौ देवियां धारावाहिक प्रस्तुत किया जाएगा।
आलोक कुमार