अपने पिता से पुत्र 15 साल बड़ा हो गया है। वहीं अपने पुत्र से पिता 15 साल छोटा हो गये हैं। अभी तक किसी तरह के सुधार करने का आश्वासन नहीं मिलने से उदास मन से रामभवन मोची जहानाबाद लौट गये हैं।
पटना। खेत खाए गदहा और मार खाए जोलहा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। हुआ यह कि स्मार्ट कार्ड बनाने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती का खामियाजा पिता और पुत्र भुगत रहे हैं। स्मार्ट कार्ड से परेशानी झेलने वाले जहानाबाद जिले के निवासी रामभवन मोची पटना में आयोजित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना पर राज्य स्तरीय जन संवाद में शिरकत करने आये थे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड पिता और पुत्र का बना है। निर्मित स्मार्ट कार्ड में पिता की उम्र को बेटे में और पुत्र की उम्र को पिता में अंकित कर दिया गया है। ऐसा करने से रामभवन मोची के पुत्र विरेन्द्र दास अपने पिताश्री रामभवन मोची से 15 साल बड़े हो गये हैं। वहीं पिता रामभवन मोची अपने पुत्र विरेन्द्र दास से 15 साल छोटे हो गये हैं। ऐसा हो जाने से किसी तरह के प्रमाणित दस्तावेज बनाने में खासा परेशानी हो रही है।
जहानाबाद जिले के जहानाबाद सदर प्रखंड में सिकरिया ग्राम पंचायत है। इस पंचायत में कड़ौना गांव है। इस गांव में चमन बीघा है। इसी चमन बीघा में रामभवन मोची रहते हैं। रामभवन मोची के नाम से स्मार्ट कार्ड बना है। स्मार्ट कार्ड की संख्या 10330120012000817 है। इसमें जन्म वर्ष 1967 दिखाया गया है। उसी तरह विरेन्द्र दास का भी स्मार्ट कार्ड बना हैं स्मार्ट कार्ड की संख्या 10330120012000840 है। इसमें जन्म वर्ष 1952 अंकित किया गया है। इस तरह अपने पिता से पुत्र 15 साल बड़ा हो गया है। वहीं अपने पुत्र से पिता 15 साल छोटा हो गये हैं। अभी तक किसी तरह के सुधार करने का आश्वासन नहीं मिलने से उदास मन से रामभवन मोची जहानाबाद लौट गये हैं।
आलोक कुमार