जहानाबाद। इस जिले के जिला पदाधिकारी मो. सोहैल के आदेश को जन प्रतिनिधि ठेंगा दिखाने पर अमादा हैं। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत महात्मा गांधी नरेगा में विशुद्ध महिला मेट का चयन करना है। मगर मनमौजी बने जन प्रतिनिधियों ने महिला मेट के साथ-साथ पुरूष मेट को ग्राम सभा के माध्यम से चयन कर लिये हैं। कुल 930 में से अभी तक 870 मेट चयन किये जा चुके हैं। इसमें 270 पुरूष हैं।
ग्राम सभा के द्वारा चयन करना हैः
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निर्धारित कार्यक्रम के क्रियान्वयनः
निर्धारित कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सबसे पहले मनरेगा योजना में मेट के रूप में काम करने वाली इच्छुक महिला जॉब कार्डधारियों का चयन करना है। कम से कम 50 प्रतिशत महिलाएं महादलित समूह से हो। सभी इच्छुक महिलाओं के पास जॉब कार्ड होना चाहिए। यदि इच्छुक महिला जॉब कार्डधारी नहीं हैं तो संबंधित पंचायत रोजगार सेवक तुरंत ही उनके लिए जॉब काड्र निर्गत करेंगे। सामान्य श्रेणी में आने वाली महिलाएं कम से कम 7 वीं उर्त्तीण होनी चाहिए एवं महादलित समूह की महिलाएं कम से कम 5 वीं उर्त्तीण होनी चाहिए। शारीरिक रूप से विकलांग एवं विधवा महिलाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। सभी ग्राम पंचायत कम से कम दो महिला को प्रतीक्षा सूची में रखेंगे। सभी इच्छुक महिला उम्मीदवारों को जिला प्रशासन द्वारा तय कार्यक्रम स्थल पर आवासीय प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए तैयार होना चाहिए।
चयन और प्रशिक्षण के उपरांत महिला मेट का कार्यः
चयन और प्रशिक्षण के उपरांत महिला मेट का महत्वपूर्ण कार्य होगा। एक महिला मेट के जिम्मे 32 जॉब कार्डधारी रहेंगे। मेट के द्वारा जॉब कार्डधारियों को उत्प्रेरित करके काम की मांग करवाएंगी। अगर कोई जॉब कार्डधारी लिखित आवेदन देने में असमर्थ हैं। तो आवेदन लिखने में सहायता प्रदान करेंगी। प्राप्त सभी आवेदन पत्र को ग्राम पंचायत के मुखिया अथवा रोजगार सेवक या कार्यक्रम पदाधिकारी के पास अग्रसारित करेंगी। एक प्रति आवेदन पत्र देने के बाद दूसरे प्रति में हस्ताक्षर करवाकर सुरक्षित प्राप्ति रसीद को रखेंगे। इस आवेदन के आलोक में काम सृजन करके आवेदकों को कार्य उपलब्ध कराया जाएगा। अगर 15 दिनों के अंदर कार्य उपलब्ध नहीं करवाया गया तो आवेदक बेरोजगारी भत्ता की मांग कर सकते हैं। पूर्व में मिले प्राप्ति रसीद को आधार बनाकर आवेदन पत्र लिखकर बेरोजगारी भत्ता की मांग की जाएगी।
मस्टर रोल में हाजिरी लेनाः
मनरेगा में काम करने वालों को मस्टर रोल में हाजिरी बनाना। छोटी-बड़ी तबीयत खराब होने पर दवा उपलब्ध करवाना। मिट्टी की कटाई के बारे में जानकारी रखना। महिलाएं मिट्टी 168 सीएफटी और पुरूष 180 सीएफटी मिट्टी काटते हैं। स्थल पर आकर मिट्टी की नापी करने वालों को सही जानकारी देना और सही माफ करने को कहना। वर्तमान समय में मनरेगा कर्मियों को तयशुदा मजदूरी 162 रू.दिलवाना। मेट को 172 रू. मिलता है।
प्रगति ग्रामीण विकास समिति के जिम्मेः
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आलोक कुमार