Sunday 10 August 2014

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी झंडा लहराएंगे

बिहार में आवासीय भूमिहीनों को घर का अधिकार कानून बना
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मिसाल पेश करें

पटना। ऐतिहासिक गांधी मैदान में 15 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी झंडा लहराएंगे। इसको लेकर तैयारी शुरू है। विभिन्न विभागों के कृत कार्य उपलब्धि को झांकी के माध्यम से प्रदर्शन किया जाएगा।  कार्य उपलब्धियों की झांकी को वाहन में सजाया जाएगा। वाहनों को कतार में खड़ा किया गया है। अब कुशल कारीगरों के द्वारा कला दिखाने का प्रयास होगा।
एक मायने में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के लिए यादगार पल होगा। मुख्यमंत्री की हैसियत से झंडा फहराएंगे। इस पल को और अधिक यादगार बना सकते हैं। जब समाज के किनारे ठहर गए लोगों के हित में योजनाओं की घोषणा कर दें। वहीं आवासीय भूमिहीनों के साथ लगातार छलावा हो रहा है। सरकार के द्वारा दी जाने वाली जमीन को कतरकर छोटा कर दी जा रही है। 12.5 डिसमिल से कम करके 3 डिसमिल जमीन कर दी गयी है। अब सरकारी भाव में जमीन खरीदकर देने की बात हो रही है। जो आदेश प्रखंड स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। 
कई संस्था-संगठनों की मांग है कि आवासीय भूमिहीनों को घर का अधिकार दिया जाए। इसके लिए कानून बना दी जाए। जिस प्रकार बिहार ने भूमि सुधार को लेकर कानून बनाकर मिसाल कायम किया था। वहीं मिसाल मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पेश करें। बिहार में आवासीय भूमिहीनों को घर का अधिकार कानून बना दें। ऐसा करने से महादलितों को खास  फायदा होगा। 
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कहना है कि 20 पसेरी चावल के बदले पूरी जिंदगी की गुलामी करने वाली शर्त थी। खैर, साहब आप तो बच निकले। आज भी हजारों की संख्या में गुलामी करने वाले मुसहर समुदाय के लोग हैं। जो गुलाम बनकर रह गए हैं। ऐसे लोग मालिक के खुट्टे में बंधे हैं। जरूरत है कि ऐसे लोगों को निकाल बाहर करना। मगर मालिक के डर से मुंह भी नहीं खोलते हैं। उनको डर है। मालिक लोक से परलोक न भेज दें। आपके नौकरशाह और आयोग में दरखास्त देने के बाद भी कार्रवाई न होने पर जान चली जाती है। सो खौफ बरकरार है। अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। अपराधी मस्त हैं और पुलिस पस्त हैं।
आलोक कुमार

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