मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय की परिकल्पना की सराहना करते हुए उस्ताद के पैतृक गांव डुमरांव में खोलने के लिए विवि के नाम की घोषणा भी श्री नंदन ने किया।
फिल्म
निर्देशक गिरीश रंजन ने
बताया की वर्ष
1934 से बिहार में फिल्म
निर्माण की नींव
पड़ चुकी है।
मगर इसके विकास
को लेकर कोई
कारगर कदम नहीं
उठाया जा सका।
मुझे खुशी है
कि बिहार के
बच्चे मुंबई से
आकर बिहार में
कला-संस्कृति के
विकास के साथ
आमदनी का जरिया
भी खड़ा कर
रहे हैं।
दूरदर्शन
की प्रमुख रत्ना
पुरकायस्था ने अपने
शुरुआती दौर में
किए गए थियेटर
के बारे में
बताया साथ ही
यह भी कहा
की इस तरह
के विकास में
मेरी सहभागिता जिस
रुप में खोजी
जाएगी मैं तैयार
हूं। अब तो
दूरदर्शन भी अपने
नए आयाम के
साथ आ रहा
है।
एकेडमी
के निदेशक संतोष
प्रसाद ने सिनेमा
के क्षेत्र में
रोजगारपरक योजनाओं को जल्द-से-जल्द
विकसित करने तथा
यहाँ के युवाओं
को बिहार में
ही काम करने
का अवसर मिलने,
बिहार में एक
राजकीय नाट्य संस्था का
निर्माण हो, स्कूल-कॉलेज में नाट्य
एवं सिनेमा की
तकनीकी विषयों की पढाई
शुरू करने की
व्यवस्था की सरकार
से मांग की।
प्रमोशन
बेल डॉट कॉम
के निदेशक प्रशांत
कुमार ने कहा
कि बिहार-झारखंड
की दबी हुई
कला-संस्कृति जो
गांव तक ही
सिमट कर रह
जाती हैं, उन्हें
निःशुल्क प्रमोट करने का
काम डॉट कॉम
के माध्यम से
करुंगा।

इस
मौके पर सैम्पटेक
इन्फोलाइन प्राइवेट लि., प्रमोशन
बेल डॉट कॉम
को जहां आमजन
के लिए लोकार्पित
किया गया।
समाजसेवी
रियाजुद्दीन जी, सुधा
सिंह राठौर, हेमंत
कुमार , रितेश राउत, मनोज
राउत, हिंमांशु झा,
शशांक शेखर , वरिष्ठ
पत्रकार निलांशु रंजन, पूनम
सिंह, प्रतिभा सिंह,
मोनिका भाटिया आदि प्रमुख
रहे जबकि मंच
का संचालन मुरली
मनोहर श्रीवास्तव ने
किया।
आलोक
कुमार