Thursday, 6 February 2014

प्रगति ग्रामीण विकास समिति के पच्चीस वर्ष पूरे होने के अवसर पर जुटेंगे नये-पुराने कार्यकर्ता



गया। बोधगया के मठाधीशों के द्वारा हड़पी जमीन को भूमिहीनों के बीच में वितरण करने के सवाल पर जेल जाने तथा चौहतर आंदोलन में अहम किरदार निभाने वाले हस्ती प्रदीप प्रियदर्शी के द्वारा संचालित प्रगति ग्रामीण विकास समिति देखते ही देखते 25 साल पूरी कर ली है। इसके आलोक में आगामी 22 एवं 23 फ़रवरी,2014 को पटना में रजत जयंती समारोह मनाया जाएगा। इसमें नये-पुराने 500 सामाजिक कार्यकर्ता,स्वयंसेवक एवं सहयोगी शिरकत करेंगे। बीते दिनों के और वर्तमान में संचालित कार्यों का लेखाजोखा के वक्त सकारात्मक और नकारात्मक बाते सुनने में आएगी। 

गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा आयोजित दो दिवसीय रजत जयंती समारोह में सूबे के 32 जिलों के 38 प्रखंडों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले 500 सामाजिक कार्यकर्ता,स्वयंसेवक एवं सहयोगी शिरकत करेंगे। जिन्होंने प्रारंभिक काल से ही आजतक समाज के पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के विशेष कर महिलाओं एवं बच्चों के सशक्तिकरण के लिए सतत क्रियाशील है। इस समय विशेष तौर पर आजीविका सुरक्षा,सम्मान एवं विकास के मुद्दे पर वंचितों के साथ सामाजिक ,आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास के लिए कार्य किया जा है। इसमें सरकार एवं गैर सरकारी संस्थाओं से निरंतर सहयोग एवं मार्गदर्शन मिल रहा है। 

पहले अतरी प्रखंड के नरावट ग्राम पंचायत के वनवासी गांव में कार्य किया जा रहा था। अभी फतेहपुर प्रखंड में वाटर एड इंडिया के सहयोग से जल एवं स्वच्छता को लेकर कार्य किया जा रहा है। अभी बोधगया,बाराचट्टी और मोहनपुर प्रखंड में पैक्स के सहयोग से भूमि अधिकार अभियान और स्वास्थ्य को कार्य किया जा रहा है। मानपुर प्रखंड में शिक्षा के अधिकार को लेकर कार्य किया जा रहा है। वहीं रजत जयंती समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता जगत भूषण, राम लखन, राधेश्याम प्रियदर्शी, जानकी दास, शत्रुध्न कुमार, वृजेन्द्र कुमार आदि भाग लेंगे?
मुख्य रूप से प्रगति ग्रामीण विकास समिति की पहचान जल-जंगल-जमीन मुद्दे को लेकर सरकार के साथ संवाद करना है। आवासीय भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन देने, वासभूमि पर रहने वालों को वासगीत पर्चा, अनाज बैंक खोलना, महिला किसानों को किसानी का दर्जा दिलवाना, बटाईदारों को अधिकार दिलवाना, बकरी पालन, पट्टा पर लेकर खेती करना, किचन गार्डेन के अवधारणा को प्रसार करना आदि कार्य किया जाता है।

आलोक कुमार