Thursday, 6 February 2014

एन.बी.एस.यू. को चालू नहीं किया, मुख्यमंत्री ने 24 फरवरी,2009 को किये थे उद्घाटन


मखदुमपुर। शिलान्यास और उद्घाटनकर्ता बनकर रह गए हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। यह हम आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि उनका क्रियाकलाप साबित कर रहा है। शासक के द्वारा महज एक न्यूरोलॉजिस्ट और एक कॉर्डियोलॉजिस्ट चिकित्सक नहीं उपलब्ध करा सकने के कारण 47 लाख रूपए से निर्मित न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेसन यूनिट (एन.बी.एस.यू.) शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है। राजधानी में बैठकर मुख्यमंत्री जी ने 24 फरवरी,2009 को एन.बी.एस.यू. का उद्घाटन किये थे। अगर आने वाले 17 दिनों के अंदर एन.बी.एस.यू. को चालू नहीं किया गया तो 24 फरवरी को चालू होने का 5 साल हो जाएगा।
विकास की गंगा बहाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा नक्सल प्रभावित मखदुमपुर प्रखंड के लोगों और बच्चों के अन्याय कर रहे हैं। जहानाबाद-गया मुख्य पथ के बगल में ही सुखदेव प्रसाद रेफरल अस्पताल है। इसी अस्पताल के कोने में न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेसन यूनिट बनाया गया है।
काफी संख्या में गर्भवर्ती महिलाएं संस्थागत प्रसव कराने अस्पताल में आती हैं। अगर किसी को सामान्य प्रसव हो सके तो उसको ऑपरेशन करके प्रसव कराया जाता है। जच्चा-बच्चा कारिकवरकरने के लिए एन.बी.एस.यू. में रखा जाता है। यहां पर वातानुकूलित सिस्टम उपलब्ध है। वेंटिलेटर,सेन्टलली सेक्शन मशीन,सेन्टलली ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी गयी है। केवल स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक न्यूरोलॉजिस्ट और एक कॉर्डियोलॉजिस्ट चिकित्सक को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। यह तो जहानाबाद जिले के असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के एक आदेश पर चिकित्सक उपलब्ध हो जाते। मगर योग्य चिकित्सक नहीं हैं तो अवकाश प्राप्त चिकित्सकों को मोटी रकम देकर सेवा में लगाया जा सकता है।
संस्थागत प्रसव कराने के बाद जननी सुरक्षा योजना से लाभ उठाने की अभिलाषी आते हैं। ऑपरेषन के बाद जच्चा-बच्चा कारिकवरबेहतर ढंग से नहीं होता है। इसके अभाव में नवजात शिशुओं की अकाल मौत भी हो जा रही है। यहां दिन प्रति दिन मृत्युदर में बढ़ोतरी होती जा रही है। वहीं सरकार ने रोड मैप बनाकर 2017 तक बाल मृत्युदर में कमी लाने की घोषणा कर दी है।
इस समय नव नवेली दुल्हन की तरह एन.बी.एस.यू.का हाल है। उसे किसी की नजर नहीं लगे। इसी लिएकक्षको ताला से बंद करके रखा जाता है। शीशा वाला द्वार होने के कारण अंदर के सामान दिखे नहीं इसके लिए बाहर से पर्दा लगा दिया गया है, ताकि बाहर से अंदर और अंदर से बाहर की असलियत का पर्दाफाश हो जाए। पर्दाफास होते ही सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कलई खुल जाएगी। हमाम में नंगा हो जाएंगे।
यहां के एन.बी.एस.यू. में जो संसाधन की जरूरत होती है। जो इकाई में उपलब्ध करा दिया गया है। अब तो जंग लगकर बेकार साबित भी होने लगा है। बताते चले कि इस जिले में डीएफआईडी पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा जहानाबाद जिले में भूमि अधिकार और स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य किया जाता है। जहानाबाद जिले के जिला समन्वयक नागेन्द्र कुमार कहते हैं कि रोगी कल्याण समिति के एक सदस्य के द्वारा एन.बी.एस.यू. निर्माण किया गया है। अब माननीय सदस्य के द्वारा किसी तरह का दबाव जहानाबाद जिले के असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के ऊपर दबाव नहीं डाला जा रहा है ताकि जनहित में एन.बी.एस.यू.को चालू किया जा सके। श्री कुमार ने कहा कि किसी तरह के ऑपरेशन होने के बाद किसी मरीज कोरिकवरके लिए रखा जा सकता है। जो नहीं हो पा रहा है। इसके अभाव में नवजात शिशुओं की अकाल मौत भी हो जाती है। यह जननी सुरक्षा योजना के महत्वपूर्ण कार्यों में एक है। जो बाल मृत्युदर में बढ़ोतरी नहीं होने में सहायक है। अगर जिला प्रशासन के द्वारा एन.बी.एस.यू.को स्टार्ट नहीं नहीं की जाती है तो उसे लोकसभा के आम चुनाव के समय में उठाया जाएगा और आने वाले उम्मीदवारों को स्टार्ट करने का भरोसा मिलने पर ही वोट डाला जाएगा। 
 आलोक कुमार