पटना।
जन संगठन एकता
परिषद,बिहार के
द्वारा राजनीतिक दलों पर
दबाव बनाने की
तैयारी करने के
सिलसिले में प्रखंड
और जिले के
बाद अब प्रमंडल
स्तरीय कार्यक्रम करने की
संभावना तलाशी जा रही
है। हालांकि मगध
प्रमंडल, तिरहुत प्रमंडल, पटना
प्रमंडल, कोसी प्रमंडल,दरभंगा प्रमंडल,भागलपुर
प्रमंडल,मुंगेर प्रमंडल और
पूर्णिया प्रमंडल में आसानी
से कार्यक्रम किया
जा सकता है।
केवल सारण प्रमंडल
में थोड़ी दिक्कत
के बाद कार्यक्रम
किया जा सकता
है। अभी तक
संगठन का विस्तार
सारण प्रमंडल तक
नहीं किया जा
सका है। अन्य
संस्थाओं से सहयोग
लेकर सारण प्रमंडल
में कार्यक्रम किया
जा सकता है।
चुनाव
पूर्व राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्र में जनोपयोगी मुद्दों को शामिल करवाने का
प्रयास जारी है। यह स्पष्ट तौर से घोषित है कि आगे जमीन पीछे वोट नहीं जमीन नहीं वोट
के फार्मूले पर कार्य किया जा जाएगा। दोनों को लेकर जगह-जगह बैठक और जन जागरण कार्यक्रम
आयोजित किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण
बैठक में बताया
गया कि अभी
दरभंगा जिले के
990 आवासीय भूमिहीनों की सूची
हायाघाट प्रखंड के सीओ
को प्रेषित कर
दिया गया है।
दरभंगा के डीएम
को 16 जनवरी को
मेल से सूची
भेज दिया गया
है। सीओ और
डीएम को प्रेषित
सूची के आलोक
में नियमित फोलोअप
किया जा रहा
है। एकता परिषद,
बिहार के संचालन
समिति के सदस्य
बीके सिंह ने
कहा कि मसले
को लेकर 24 जनवरी
को डीएम, दरभंगा
से मिलने का
असफल प्रयास किया
गया।
आरएसबीवाई
को बेहतर अंजाम
देने को आतुर
चाम नामक संस्था
से बातचीत हुई
थी। प्रत्येक सीबीओ
से 2 की संख्या
में 100 लोगों को अस्पताल
भ्रमण करवाना था।
इस तरह 100 लोगों
को तैयार किया
गया। यह कार्यक्रम
न हो सका।
उनको उसी गांवघर
के बच्चों को
टीकाकरण दिलवाना को प्रोत्साहित
करने के लिए
कार्य किया गया।
संस्थागत प्रसव करवाने के
लिए आंगनबाड़ी केन्द्र
में गर्भवर्ती महिलाओं
को पंजीकृत करवाया
गया। विकलांग प्रमाण
पत्र बनाया गया।
इन्दिरा आवास योजना
पर कार्य किया।
आजकल शिविर लगाकर
मनरेगा का जॉबकार्ड
बन रहा है।
उसी समय काम
का भी आवेदन
दिया जाता है।
नालंदा
जिले से 71 आवासीय
भूमिहीनों का आवेदन
पेश किया गया।
मोर्चा गठन किया
गया। 4 गांव में
भूमि अधिकार मोर्चा
की मुहर बनायी
गयी है। अब
से भूमि अधिकार
से संबंधित आवेदनों
पर भूमि अधिकार
मोर्चा की मुहर
लगेगी। उसके बाद
ही कार्यालय में
पेष किया जाएगा।
यह अपने आप
में नयापन कृत्य
हैं। भोजपुर जिले
में विभिन्न प्रकार
के मुद्दे को
लेकर 122 बार बैठक
की गयी। बैठक
के बारे में
विस्तृत जानकारी नहीं दी
गयी। चालू माह
फरवरी में टीम
के साथ रिव्यू
करना है। जहानाबाद
के 173 लोगों का वासभूमि
का पर्चा लेने
के लिए आवेदन
तैयार किया गया।
इसके अलावे 80 आवासीय
भूमिहीनों का भी
आवेदन तैयार किया
गया है। यहां
पर 17 बार भूमि
अधिकार और आरएसबीवाई
को लेकर बैठक
की गयी। सेवनन
पंचायत के सलेमपुर
में दबंग ने
63 जॉब कार्ड दबाये हुए
था। संगठन और
सरकार के सहयोग
से जॉब कार्ड
वापस लिया गया।
गया
जिले में भूमि
मुद्दा को लेकर
52 गांव में बैठक
की गयी। बाराचट्टी
और मोहनपुर प्रखंड
से 296 आवेदन वासगीत पर्चा
के लिए प्रेषित
किया गया। मुख्यमंत्री
के जनता दरबार
में बोधगया प्रखंड
के शेखवारा गांव
भूमि समस्या को
लेकर आवेदन पेश
किया गया। यह
भूमि गैर मजरूआ
आम है। जो
आयुक्त स्तर के
अधिकारियों के द्वारा
निष्पादन किया जाता
है। रैयती जमीन
को सीओ और
गैर मजरूआ भूमि
को डीसीआरएल निष्पादन
करते हैं।
एकता
परिषद के राष्ट्रीय
समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी ने
कहा कि जन
संगठन को मजबूतीकरण
और जनवकालत पर विशेष ध्यान देना
होगा। जिला प्रशासन
से अनिवार्य रूप
से संवाद करना
ही होगा। संवाद
डीएम,डीडीसी,डीसीआरएल
और सीएस से
किया जा सकता
है।
वासगीत
पर्चा वितरण करो
अभियान को लेकर
मुहिम को सशख्त
करने की जरूरत
है। एक माह
के अंदर एक
प्रखंड से 500 लोगों का
वासगीत पर्चा के लिए
आवेदन पत्र तैयार
करना है। आवेदन
पत्र महिला के
नाम से लिखा
जाएगा। जो व्यक्ति
मालिक की भूमि
पर रहते आ
रहे हैं तो
उनको वासगीत पर्चा
देकर मालिका हक
देना और वैसे
व्यक्ति को जो
सरकार के द्वारा
दी गयी जमीन
है उनको परवाना
देने के लिए
आवेदन पत्र तैयार
करना है।
आलोक
कुमार