Wednesday, 12 March 2014

भूमि अधिकार घोषणा पत्र को लागू करों


पटना। जल , जंगल , जमीन की जंग में वंचित समुदाय संग में नारा बुलंद करने वाली एकता परिषद के द्वारा भूमि अधिकार घोषणा पत्र जारी किया गया है। अभी राजनीतिक दलों के द्वारा 16 वीं आम चुनाव के अवसर पर घोषणा पत्र जारी करना है। इसके आलोक में भूमि अधिकार घोषणा
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पत्र जारी किया गया है।
भूमि पर व्यापक कार्रवाई करने के लिए नवान्तुक सरकार और सांसद को हाथ में मुद्दा थमा दिया गया है। भूमि अधिकार घोषणा पत्र में शामिल किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीनों और आवासहीनों को भूमि अधिकार सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति की घोषणा और अनुपालन। सामाजिक न्याय की पुर्नस्थापना  के लिए ' राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून ' तथा ' कृषि भूमि वितरण कानून ' के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण भूमिहीन तथा आवासहीनों को भूमि अधिकार सुनिश्चित करना। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक भूमिहीन और आवासहीन परिवारों को भूमि अधिकार देने के लिए ' न्यूनतम भूमि धारिता कानून ' भूमि अधिकार और सुधार को लागू करने के लिए राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर पूर्णकालिक भूमि सुधार आयोग का गठन करना। राज्य तथा जिला स्तर पर वैधानिक मार्गदर्शन देने तथा गरीबों को कानून मदद देने के लिए त्वरित न्यायालय तथा कानूनी मार्गदर्शन केन्द्र की स्थापना करना। आदिवासी तथा दलितों को अवैध भूमि हस्तांतरण को सख्ती से रोकने के लिए मौजूदा काननों को लागू करना। दलित भूमि हस्तांरण ( निरोधक ) कानून की घोषणा और अनुपालन ताकि दलित समाज को व्यक्तिगत और सामुदायिक। मानवाधिकार के वृहद , दृष्टिकोण से भूमि तथा कृषि सुधार नीतियां और कानूनों का अनुपालन। ' सामुदायिक संसाधन एवं संवर्धन बोर्ड ' की स्थापना के माध्यम से ग्राम सभा को सशक्त करना। पंचायत ( विस्तार उपबंध ) अधिनियम - 1996 को वैधानिक सर्वोच्चता प्रदान करना। नगरीय सीमा ( विस्तार उपबंध ) अधिनियम का निर्माण और लागू करना। राष्ट्रीय तथा प्रांतीय स्तर पर ' वनाधिकार आयोग ' का गठन करते हुए आदिवासियों और परंपरागत वनवासियों को अधिकार सुनिश्चित करना। ' राष्ट्रीय आदिवासी नीति ' की घोषणा और अनुपालन। ' महिला भूमि अधिकार कानून ' की घोषणा और अनुपालन ताकि आधी आबादी को उनका अधिकार सुनिश्चित किया जा सके।
Alok Kumar



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