आलोक
कुमार
पटना।
महानगर पटना
के बगल
में एल.सी.टी.घाट मुसहरी
है। यहां
पर महादलित
मुसहर समुदाय
के लोग
रहते हैं।
यहां के
सुदेश्वर मांझी
की पत्नी
चंदा देवी
को टी.बी.बीमारी
हो गयी।
इसके कारण
21 मार्च को
5 बजे शाम
को मौत
हो गयी।
22 मार्च को
गंगा किनारे
में ले
जाकर दफन
कर दिया
गया। मां
को धर्मेन्द्र
कुमार ने
अंतिम रस्म
अदायगी किया।
कई लोग टी.बी.बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ेः इस मुसहरी
का दुर्भाग्य
है। यहां
के अनेक
लोग टी.बी.बीमारी
की चपेट
में आकर
दम तोड़
दिए। मोती
मांझी और
उनकी पत्नी,
उनके दामाद
सुरेन्द्र मांझी और उनकी पत्नी
सीता देवी
की मौत
हो गयी।
अभी हाल
में ललित
मांझी भी
मर गया।
इस क्षेत्र
में कई डाट्स सेन्टर हैः
अव्वल कुर्जी
होली फैमिली
अस्पताल के
सामुदायिक स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास
समिति के
परिसर में
डाट्स सेन्टर
है। यहां
पर पंजीकृत
रोगियों को
दवा के
साथ एक
अंडा फ्री
में दिया
जाता है।
यहीं से
टी.बी.रोगी चन्दा
देवी दवा
खा रही
थीं। कुछ
दिन दवा
खायी। कुछ
स्वस्थ होने
के बाद
चन्दा देवी
दवा छोड़
दी। इसके
बाद फिर
से बीमार
पड़ी तो
राजापुर-मैनपुरा
में जाकर
टी.बी.की दवाई
आरंभ की।
मगर उसे
बचाया नहीं
जा सका।
डाट्स सेन्टर
पर सवालः
डाट्स सेन्टर
के द्वारा
सिर्फ दवा
खिलाने की
जिम्मेवारी मानकर रोगी के साथ
व्यवहार किया
जाता है।
परामर्श देने
के बारे
में गंभीर
नहीं होते
हैं। इसी
के कारण
रोगी कुछ
बेहतर महसूस
करते हैं
तो बीच
में ही
दवा छोड़
देते हैं।
जो घातक
साबित होता
है।
पहल के निदेशक
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहाः
एक्सडीआर ( एक्सटंसिवली ड्रग रेजिस्टेंट ) एवं
एमडीआर ( मल्टी
ड्रग रेजिस्टेंट)
टी.बी.
स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी
चुनौती है।
विशेषकर, एक्सडीआर
टीबी की
भयावहता का
अंदाजा इस
बात से
लगाया जा
सकता है
कि यह
एड्स से
भी अधिक
खतरनाक है।
पब्लिक अवेयरनेस
फॉर हेल्थफुल
एपरोच फॉर
लिबिंग ( पहल)
के निदेशक
डॉ. दिवाकर
तेजस्वी बताते
हैं कि
बिहार एवं
देश में
नए टीबी
के रोगियों
में तीन
से चार
प्रतिशत एमडीआर
टीबी एवं
रिलैप्स टीबी
के रोगियों
में करीब
-करीब पन्द्रह
प्रतिशत एमडीआर
टीबी पाई
जा रही
है। आगे
कहा कि
इसका घातक
पहलू यह
है कि
इस बीमारी
से होने
वाले संक्रमित
व्यक्ति को
भी इसी
कैटोगरी की
बीमारी होती
है, जिनपर
दवाओं का
प्रभाव नहीं
पड़ता है।
प्रतिरोधक टीबी की जांच के
लिए बलगम
को कल्चर
एवं सेंसीटीविटी
के लिए
भेजा जाता
है, जिससे
छह से
आठ सप्ताह
का समय
लगता है।
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