7 साल से मुसहर समुदाय मझधार में
स्वयं सहायता समूह निष्क्रिय और ठप पड़ गया
अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय का नेतृत्व करने वाले फादर और सिस्टरों के द्वारा किसी खास मिशन के लिए संस्था बनाते हैं। जो कालान्तर में विशुद्ध पेशेवर रूख अपना लेते हैं। खुद के मतलब को लेकर गरीबों के द्वार पहुंचने वाली गैर सरकारी संस्था बाद में खुद ही अपने निर्णय में परिवर्तन करके गरीबों को मझधार में छोड़कर गरीबों से रूखसत कर लेते हैं। इसी तरह के ए.एन.जी. के कारनामे के शिकार महादलित मुसहर हो गये हैं। उनको अभी काफी दिक्कत होने लगी है।

पार्वती देवी का कहना है कि यहां पर 16 स्वयं सहायता समूह बनाया गया है। हर समूह को नामकरण किया गया है। दुर्गा माता स्वयं सहायता समूह बनी है। नियम बनाये गये है। प्रसव,बीमारी,शादी और मरने के बाद काम करने के लिए राशि दी जाती है। एक साल के बाद समूह की सदस्य कर्ज लेने के पात्र होते हैं। ली गयी राशि को आठ माह के अंदर लौटा देना है। 100 रू. में सिर्फ 2 रू0 सूद देता पड़ता है। अगर ऐसा नहीं करने पर नौवें महीने से अतिरिक्त 1 रू.ब्याज लगना शुरू हो जाता है।
शारदा देवी कहती कहती हैं कि एस.बी.आई.,दीद्या में खाता खोला गया। भारतीय स्टेट बैंक में पासबुक क्रमांक 01190009532 है। बैंक ऑरेटरी में अध्यक्ष मतिया देवी,सचिव सीता सुन्दर देवी और कोषाध्यक्ष दुखनी देवी हैं। इनके द्वारा 15.10.2003 में
2397.00,16.10.2003 को 36.00 और 27.1.2007 में 50.30 पै0 जमा किया गया। कुल 2483.30 पै0 जमा है।
स्वयं सहायता समूह के पासबुक देखने से जाहिर हुआ कि सदस्य आपस में जमा 29.7.05 तक किये हैं। इसके बाद स्वयं सहायता समूह निष्क्रिय और ठप पड़ गया है।
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