जलजला का अधिक असर बिहार और सिक्किम पर
पटना। नेपाल में 7.3 और अफगानिस्तान में 6.9 से
चलकर जलजला आया। नेपाल में एक के बाद एक 6 बार जलजला आया। प्रथम 12.35 बजे 7.3 की
तीव्रता ,द्वितीय 12 बजकर 47 बजे मिनट पर
5.6 की तीव्रता,तृतीय 01 बजकर 06 मिनट पर 6.3 की तीव्रता,चतुर्थ 01 बजकर 36मिनट
पर 5.0 की तीव्रता,पांचवी 01 बजकर 43 मिनट पर 5.1 की तीव्रता और छठी 01बजकर 51 मिनट
पर 5.2 की तीव्रता पर भूकंप के झटके महसूस किए गए।
एक बार
फिर 12 मई काला दिवस बनकर सामने आया। आज के ही दिन
2008 में चीन में भूकंप आया था। आज जलजला नेपाल,
चीन और अफगानिस्तान से उठा। भूकंप का केन्द्र नेपाल के
कोडारी बना।यह काठमांडू से 80 किलोमीटर की
दूरी पर भूकंप केन्द्र है । चीन से 22 किलोमीटर की
दूरी पर केन्द्र है।
इसका असर
पूरे उत्तर भारत और पूर्वी भारत के लोगों को हिला दिया। बिहार में भी पड़ा। सूबे के
विभिन्न जिलों में रहने वाले लोग भी जलजला का महसूस किए। प्रथम बार 12.35 मिनट, द्वितीय बार 12.47 और तृतीय बार 1 बजकर 6 मिनट पर आया। मात्र 31 मिनट के अंदर एक के बाद एक 4 झटके मजसूस किए।
इस तरह के भूकंप के झटके से 17 दिनों के अंदर
फिर से भूकंप आ जाने से लोग घबरा गए हैं। सभी लोग जान बचाने में जूट गए। स्थिति यह
हो गयी कि चिकित्सक और कर्मचारी फरार हो गए। सीटी स्केन करवाने वाली मरीज को स्केन
प्लेट पर ही छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गए। वहीं जलजला महसूस होने पर पश्चिम चम्पारण
में बैठक करने वाले पुलिसकर्मी फौरन सभास्थल से बाहर निकल गए। इसके आलोक में सीएम
नीतीश कुमार सचेत हैं। सभी अधिकारियों को मैदानी क्षेत्र में जाने का निर्देश दे
दिया है। पिछले बार की तरह अधिकारियों से कह दिए हैं कि गांवघर से सूचना लें। उसी
के अनुसार मुआवजा और राहत दें। लोगों को धैर्य का परिचय देने को कहा है। इस समय
साहस दिखाने की जरूरत है। रात में खुले जगह पर रहना चाहते हैं वहां पर बिजली और
पानी का प्रबंध कर दिया गया है। घरों में दरार होने के बारे में सूचना दें। सूचना
के बाद इंजीनियर जाकर छानबीन करेंगे। कुदरती चीज का सामना मिलजुलकर करना है।
अफवाहों पर ध्यान नहीं देंगे। भूंकप की भविष्यवाणी नहीं की जाती है। भूमि के नीचे
प्लेट में टकराव होता है। टकराने से उर्जा निकलता है। धरती को हिलने पर नियंत्रण
नहीं कर सकते तो मन पर नियंत्रण किया जा सकता है। आज रतजंगी करेंगे। आपलोगों की
तरह रात में जागे रहेंगे। चिंता के भाव है। इसी लिए मंत्रीमंडल की बैठक नहीं किए
हैं। कल से गर्मी की छुट्टी होगी। अभिभावक और बच्चों को ध्यान में रखकर निर्णय
लिया गया।
बिहार में
20 लोगों की मौत होने की खबर है। वहीं 46 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। नेपाल में 28 लोगों की मौत हो गयी है। सैकड़ों लोग घायल हैं। 25 अप्रैल के भूकंप के बाद नेपाल में 8 हजार से अधिक और भारत में 72 लोगों की मौत हो
गयी। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास जी का कहना है कि बिहार में 3 लोगों की ही मौत हो गयी है। मृतक पटना,सीवान और दरभंगा से हैं। मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रूपए दिए जा रहे हैं। घायलों का इलाज जारी है। कुछ लोगों को मलहम
पट्टी करके घर भेज दिया गया। उनका कहना है कि गया के कमिश्नर के मकान में दरार पड़
गयी है। इंजीनियरों को भेज दिया गया है। प्रधान सचिव का कहना है कि जलजला का
अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। जब जलजला आ जाए तो हिम्मत से मुकाबला करना है। भगदड़
और हंगामा करने की जरूरत नहीं है। भूकंप को महसूस करने के बाद तुरंत घर से बाहर
खुला आकाश में निकल जाना चाहिए। अगर घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो किसी टेबल
के नीचे जाकर बचाव करना चाहिए। गैस,बिजली के उपकरणों
को बंद कर देना चाहिए। बिजली प्लग को भी निकाल लें। लिफ्ट का प्रयोग नहीं करें।
सीढ़ी से ही आए।बच्चों और बुर्जुगों के निकाले और बाद में खुद निकले। सिर पर हाथ
रखकर निकले।
विशेषज्ञों
का कहना है कि यह 25 अप्रैल का ही असर है। उर्जा का
ट्रांस्फर होता है। जो एक सप्ताह से एक महीने तक बरकरार रहता है। बिहार और सिक्किम
पर अधिक खतरा है।
आलोक
कुमार
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