गया।तब
केन्द्रीय मंत्रियों के द्वारा
जनादेश 2007 और जन
सत्याग्रह 2012 के सत्याग्रहियों
को आश्वासन दिए
गए। अब लोकसभा
चुनावों के लिए
कांग्रेस ने अपना
घोषणा पत्र में
सबके लिए आवास
के अधिकार और
स्वास्थ्य के अधिकार
का वादा किया
गया है।इस तरह
जन संगठनों के
द्वारा जन सरोकारों
को घोषणा पत्र
में शामिल करने
की मांग को
कांग्रेस ने शामिल
कर लिया है।
भूमिहीनों और गरीबों
के लिए आवास
का वादा किया
गया हैं।
यूपीए
एक और यूपीए
दो की सरकार
ने नागरिकों को
अधिकार देने में
कंजूसी नहीं है।
कल्याणकारी शासक होने
के बावजूद भी
सूचना का अधिकार
2005, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी
अधिनियम 2006, वनाधिकार कानून 2006 और
शिक्षा का अधिकार
2009 को दिया। अगर 2014 के
आम चुनाव में
यूपीए तीन की
सरकार सत्तासीन होती
है। तो इस
बार यकीनन आवास
के अधिकार और
स्वास्थ्य के अधिकार
मिलेगा ?
बताते
चले कि सामाजिक
संगठनों के द्वारा
गांवघर में जाकर
बैठक किए। इसके
बाद सभागारों में
प्रस्ताव पारित कर राजनीतिक
दलों के सामने
मुद्दे को रखे।
वहीं हवाबाजी करने
के ख्याल से
संगठनों ने दीवारों
पर नारा भी
लिखें। जन संगठन
एकता परिषद ने
भूमिहीनों एवं गरीबों
को आवास के
अधिकार देने की
वकालत की। इसका
परिणाम सामने है कि
कांग्रेस ने घोषणा
पत्र में शामिल
कर लिया है।
जन
एकता मंच के
संचालक उमेश कुमार
ने कहा कि
कांग्रेस की घोषणा
पत्र में गरीबों
का ख्याल किया
गया है। इसके
आलोक में जन
सरोकारों के मुद्दों
को शामिल किया
है। श्री कुमार
ने कहा कि
मंच के कार्यकर्ता
घोषणा पत्र में
उल्लेखित बातों को जनजन
के बीच में
प्रसार और प्रचार
करेंगे। ऐसा करने
से कांग्रेस और
उनके साथी दल
चुनावी भवर को
पार करने में
सफल हो जाएंगे।
वहीं बिहार प्रदेश
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संयोजक
सिसिल साह ने
कहा कि बकौल
सोनिया , राहुल , मनमोहन आदि
के नेतृत्व में निर्मित
घोषणा पत्र देश
के लोगों की
आवाज है। सरकार
ने जो 2009 में
जनता से वादे
किए थे , उनमें
करीब 95 फीसदी वादे पूरे
किए गए। आगे
कहा कि कांग्रेस
सदर सोनिया जी
ने जो कहा
कि हम इस
चुनाव में एकता
के लिए काम
करेंगे। जाति धर्म
से ऊपर उठकर
हम काम करेंगे।
दूसरे दलों के
लिए घोषणा पत्र
महज रस्म है
जबकि हमारे लिए
यह एक पवित्र
दस्तावेज है। उसपर
कांग्रेसी परिवार चलने को
बाध्य हैं। इस
संदेश को सुदूर
गांव तक पहुंचाने
का वादा किए।
Alok
Kumar
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