पटना। ‘ताड़
से
गिरा
खजूर
पर
अटका‘
कहावत
चरितार्थ
हुआ
है।
अनुराष्ट्रीय
पोलियो
टीकाकरण
कार्यक्रम
के
नोडल
प्रभारियों
ने
यह
स्पष्ट
तौर
से
कहा
कि
अभी
आदर्श
चुनाव
आचार
संहिता
लागू
है।
इसके
आलोक
में
किसी
तरह
के
योगदान
लेने
और
विरमित
करने
के
आदेश
संबंधी
कागजात
की
लेनदेन
नहीं
की
जाएगी।
ऐसा
करके
अपर
मुख्य
निर्वाचन
पदाधिकारी
आर.लक्ष्मणन
साहब
के
निशाने
बचा
दिए।
मगर
जिला
प्रतिरक्षण
पदाधिकारी,डी.आई.ओ.
पटना
के
निशाने
से
बचा
नहीं
सके।
सभी
को
अनुराष्ट्रीय
पोलियो
टीकाकरण
कार्यक्रम
में
योगदान
नहीं
करने
के
आरोप
लगाकर
कारण
बताओ
नोटिस
और
अप्रैल
2014 का
वेतन
देने
से
इंकार
कर
दिया
है।
इसका
शिकार
पटना
जिला
के
धनरूआ
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
के
8 से
अधिक
ए.एन.एम.दीदी
हो
गयी
हैं।
मजे की
बात
है
कि
नोडल
प्रभारियों
ने
डी़.आई.ओ.
की
कारामात
बता
दिया
है।
उनका
कहना
है
कि
केवल
राजवंशी
नगर
क्षेत्र
के
2 के
ही
स्वास्थ्यकर्मियों
को
ही
जाल
में
फंसाया
गया
है।
इस
तरह
के
कारमाने
करने
में
माहिर
हैं।
राजवंशी
नगर
क्षेत्र
के
1 के
स्वास्थ्यकर्मियों
को
घेरे
में
नहीं
लाने
से
डी.आई.ओ.
की
मनमानी
समझ
में
आने
लगी
है।
इस
तरह
के
भेदभाव
करने
से
स्वास्थ्यकर्मियों
के
सिर
पर
दोहरापन
का
भूत
सवार
हो
गया
है।
इनका
कहना
है
कि
सुबह
8 बजे
से
ए.एन.एम.दीदी
घर-घर
जाकर
बच्चों
को
पोलियो
की
खुराक
देती
हैं।
आज
हमं
लोगों
के
ही
चलते
देश
और
प्रदेश
से
पोलियो
उन्मूलन
हो
चुका
है।
पोलियो
उन्मूलन
हो
जाने
के
बाद
भी
मासूम
बच्चों
को
प्रत्येक
माह
पोलियो
की
खुराक
दी
जाती
है।
इसी के
आलोक
में
अनुराष्ट्रीय
पोलियो
टीकाकरण
कार्यक्रम
6 से
10 अप्रैल
2014 तक
चला।
खूब
ईमानदारी
से
काम
किए।
तब
भी
डी.आई.ओ.
के
मनमानी
के
शिकार
हो
गए।
यहां
पर
यह
खुलासा
किया
कि
स्वास्थ्य
विभाग
ने
माना
कि
पटना
जिला
के
अरबन
क्षेत्र
में
अनुराष्ट्रीय
पोलियो
टीकाकरण
कार्यक्रम
में
लगे
टीकाकारों
के
द्वारा
बेहतर
ढंग
से
कार्य
निष्पादन
नहीं
किया
जा
रहा
है।
सो
पटना
जिले
के
ही
रूरल
क्षेत्र
से
जनवरी
2014 से
ए.एन.एम.दीदी
को
बुलाकर
अरबन
क्षेत्र
में
कार्य
निष्पादन
किया
जाने
लगा।
जनवरी
और
फरवरी
में
बेहतर
ढंग
से
कार्य
निष्पादन
किया
गया।
और
अप्रैल
माह
में
पटना
सिविल
सर्जन
कार्यालय
में
पदस्थापित
डी.आई.ओ.
के
मनमानी
के
शिकार
हो
गए।
डी.आई.ओ.
साहब
को
नोडल
प्रभारी
से
जानकारी
लेनी
चाहिए
थी।
तब
जाकर
ए.एन.एम.दीदी
पर
वज्रपात
करते।
हम लोग
तो
बाजाप्ता
डी.आई.ओ.
(जिला
प्रतिरक्षण
पदाधिकारी)
के
आदेश
पत्र
के
आलोक
में
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र,धनरूआ
और
अन्य
केन्द्रों
के
प्रभारी
के
़द्वारा
भेजे
गये।
इसमें
न्यू
गार्डिनर
हॉस्पीटल,पटना
में
एक
दिवसीय
पोलियो
खुराक
संबंधी
प्रशिक्षण
3 अप्रैल
को
देने
की
जानकारी
दी
गयी
थी।
इस
प्रशिक्षण
में
राजवंशी
नगर
क्षेत्र
के
नोडल
प्रभारी
1 और
2 के
अंदर
कार्य
करने
वाले
टीकाकार,
पर्यवेक्षक
और
डीपो
होल्डर
के
लोग
शामिल
हुए।
राजवंशी
नगर
क्ष्ेात्र
1 के
नोडल
प्रभारी
श्री
दीपाकर
और
2 के
श्री
उपाध्याय
हैं।
इन
दोनों
के
द्वारा
प्रशिक्षण
दिया।
नोडल
प्रभारियों
ने
यह
स्पष्ट
तौर
से
कहा
कि
अभी
आदर्श
चुनाव
आचार
संहिता
लागू
है।
इसी
तरह
के
योगदान
लेने
और
विरमित
करने
के
आदेश
संबंधी
कागजात
की
लेनदेन
नहीं
होगी।
अगर
सरकारी
रस्म
अदायगी
किया
जाएगा
तो
अपर
मुख्य
निर्वाचन
पदाधिकारी
आर.लक्ष्मणन
साहब
के
निशाने
पर
आ
जाएंगे।
नोडल
प्रभारियों
ने
अपर
मुख्य
निर्वाचन
पदाधिकारी
से
बचाने
में
सफल
हो
गए।
मगर
जिला
प्रतिरक्षण
पदाधिकारी,
पटना
के
निशाने
से
पटना
जिला
के
धनरूआ
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
की
ग्रामीण
क्षेत्र
की
ए.एन.एम.दीदी
को
बचा
नहीं
पाए।
सभी
को
कारण
बताओं
नोटिस
जारीकर
अप्रैल
माह
2014 का
वेतन
देने
से
इंकार
कर
दिया।
जब
ए.एन.एम.दीदी
को
26 अप्रैल
को
पता
चला
कि
डीआईओ
ने
अनुराष्ट्रीय
पोलियो
टीकाकरण
कार्यक्रम
में
योगदान
नहीं
करने
के
कारण
वेतन
देने
से
इंकार
कर
दिया
है।
इसको
लेकर
परेशान
होने
लगे
हैं।
2 नोडल प्रभारी ने आदर्श
चुनाव
आचार
संहिता
लागू
होने
के
कारण
योगदान
और
विरमित
आदेश
की
रस्म
अदायगी
नोडल
प्रभारी
श्री
उपाध्याय
ने
पालन
नहीं
किया।
अब
इसका
खामियाजा
दो
बूंद
जिंदगी
की
पोलियो
खुराक
पिलाने
वाली
ए.एन.एम.
दीदी
को
भुगतना
पड़
रहा
है।
पोलियो
खुराक
पिलाने
से
इंकार
करने
वाले
परिवार
को
इंकार
तोड़वाने
का
प्रयास
किया
जाता
है।
जिससे
कोई
मइया
रूठे
नहीं
और
कोई
बच्चा
छूटे
नहीं
को
झेलना
नहीं
पड़े।
अब
पोलियो
खुराक
देने
वाली
ए.एन.एम.दीदी
को
कर्त्तव्य
निर्वाह
करने
के
बाद
भी
वेतन
देने
से
इंकार
करने
वालों
से
कौन
इंकार
तोड़वाने
का
कार्य
करेंगा?
सर्वविदित है
कोई
मइया
रूठे
नहीं
और
कोई
बच्चा
छूटे
नहीं
के
आलोक
में
कोई
परिजन
अपने
बच्चों
को
पोलियो
की
खुराक
नहीं
दिलवाती
हैं।
तो
काफी
मशक्कत
करने
ए.एन.एम.दीदी
परिजनों
के
द्वारा
जारी
इंकार
को
तोड़वाकर
पोलियो
की
खुराक
देने
में
सफल
हो
जाती
हैं।
अब
जबकि
खुद
ए.एन.एम.दीदी
ही
मुसीबत
में
फंस
गयी
हैं।
डी.आई.ओ.
ने
अप्रैल
माह
का
वेतन
देने
से
इंकार
कर
देने
वाला
आदेश
जारी
कर
दिया
है।
अब
कौन
ए.एम.एम.दीदी
के
समर्थन
में
आकर
अप्रैल
माह
के
वेतन
देने
से
इंकार
संबंधी
आदेश
को
निरस्त
करवाने
में
सफल
हो
पाते
हैं?
आलोक कुमार
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