Sunday 18 May 2014

पैक्स कार्यक्रम समुदायों, सामाजिक संगठनों और सरकार के साथ मिलकर करता कार्य


गया। पूअरेस्ट एरिया सिविल सोसायटी (पैक्स ) कार्यक्रम का नारा है हमारा अधिकार,हमारी आवाज। इसको मूर्त रूप देने के लिए सामाजिक संगठनों का चयन किया है। पैक्स से सहयोग प्राप्त करके सामाजिक संगठनों ने भूमि,स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण आजीविका,कुशलता आदि मुद्दों का चयन करके कार्य करना शुरू कर दिया है।
यू.के.सरकार के अन्तर्राष्ट्रीय विकास योजना,डी.एफ.आई.डी का कार्यक्रम है। पैक्स कार्यक्रम सामाजिक रूप से बहिष्कृत समुदायों को उनके हक और अधिकारों को प्राप्त करने में सहायता के लिए काम करता है। यह कार्यक्रम भारत के सात सबसे गरीब राज्यों में फैला है। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों द्वारा स्वास्थ्य,शिक्षा, पोषण और आजीविका के अधिकार के मुद्दे पर काम करता है। इन मुद्दों को परिणाममूलक बनाने में समुदाय का भी सहयोग लिया जा रहा है। गांव और नगर में समुदाय आधारित संगठन का निर्माण किया जा रहा है। समय-समय पर समुदाय के साथ बैठक की जाती है। उनकी समस्याओं को लेकर प्रखंड से राज्य स्तर के अधिकारियों के संग वार्ता की जाती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में पैक्स कार्यक्रम समुदायों, सामाजिक संगठनों और सरकार के साथ मिलकर काम करता है।इस कार्यक्रम में सामाजिक संगठनों द्वारा समुदायों को योजना के बारे में जानकारी दी जाती है। योजना के कार्य और निगरानी में सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी के लिए पैक्स सरकार के साथ भी काम करता है। पैक्स का मानना है कि योजना में समुदायों और सामाजिक संगठनों की भागीदारी से केवल योजना तक समुदाय की पहुंच बढ़ेगी बल्कि योजना में जवाबदेही व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसी के आलोक में पूअरेस्ट एरिया सिविल सोसायटी (पैक्स) कार्यक्रम द्वारा चार पुस्तिका प्रकाशित किया है। इसमें सवाल और जवाब के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है। आप अगर चारों पुस्तक को पढ़ जाएंगे तो निश्चित तौर पर आर.एस.बी.वाई. के बारे में जानकारी रखने वाले हो जाएंगे।
आर.एस.बी.वाई.स्मार्ट कार्ड किन्हें मिल सकता है?
यह सवाल पूछा गया कि आर.एस.बी.वाई. क्या है? इसका जवाब दिया गया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय,भारत सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों के लिए एक स्वास्थ्य बीमा योजना आरंभ की है। जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कहते हैं। इसे आर.एस.बी.वाई. भी कहते हैं। आर.एस.बी.वाई. कार्ड किन लोगों का मन सकता है? इसके संबंध में बताया गया कि बी.पी.एल.लिस्ट में जिनका नाम हो, मनरेगा में जिसने कम से कम 15 दिन काम किया हो, बीड़ी मजदूर, बुनकर,शिल्पकार,मकान आदि बनाने का काम करने वाले मजदूरों का आर.एस.बी.वाई. स्मार्ट कार्ड बन सकता है। एक परिवार से अधिकतम पांच सदस्यों तक को नामांकित किया जा सकता है जिसमें पति या पत्नी तथा तीन आश्रित शामिल है। आश्रित बच्चे,माता-पिता अथवा परिवार के कोई और सदस्य हो सकते हैं जो लाभार्थी सूची में शामिल हो।यदि परिवार में तीन से अधिक बच्चे हो तो परिवार के मुखिया को निर्णय करना होगा कि किन-किन बच्चों का बीमा कराया जाए।क्या 5 साल से छोटे बच्चे का नाम कार्ड में जुड़वा सकते हैं? अगर बच्चे का नाम सूची में शामिल है तो उसका नाम भी कार्ड में जुड़ सकता है।लब्बोलुआब यह है कि बी.पी.एल.सूची में नाम रहने वाले लोगों का नाम जोड़ा जा सकता है। आयु और दो पत्नी मायने नहीं रखता है। यदि परिवार के पांच सदस्य पहले से ही कवर किए जा चुके हों तो क्या नवजात को भी कवर किया जाएगा? हां,चाहे नवजात छठा सदस्य हो,तो उसे कवल किया जाएगा। नवजात को उस वर्ष की आर.एस.बी.वाई. की शेष अवधि के लिए कवर किया जाएगा। किन्तु पॉलिसी के नवीनीकरण के समय परिवार को यह निर्णय करना पड़ेगा कि अगले वर्ष के लिए नवजात को शामिल करना है या नही।
आलोक कुमार

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