Wednesday 25 June 2014

‘इस समुदाय को एस.टी.कोटि में शामिल करने की मांग मजबूत से करना होगा’


           

Country भर में अपवाद स्वरूप डॉक्टर , जज , वकील , इंजीनियर , आई . . एस . पदाधिकारी तथा विषय विद्र पी . एच . डी . मिल पाते हैं।मुसहर समुदाय को कमजोर करने के उद्देश्य से मांझी , सदा , सदाय , ऋषि , ऋषिदेव , भुईया , मुसहर , राजवंशी , रजवार , मंडल , राम , महतो , तथा वनवासी आदि उपनामों में विभाजित कर दिया गया है। इस समुदाय के 98 प्रतिशत महिलाएं तथा 90 प्रतिशत पुरूष वर्ग आज भी अशिक्षित है।

 किसी भी समाज के उत्थान - पुर्नजागरण एवं बदलाव में उसके छात्र - नौजवान , प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण है। ठीक उसी तरह आज मुसहर भुईया समाज के छात्र - नौजवान , बुद्धिजीवियों के द्वारा जागृति और प्रबोधन की अति आवश्यकता है। इस समुदाय को कमजोर करने के उद्देश्य से मांझी सदा , सदाय , ऋषि , ऋषिदेव , भुईया , मुसहर , राजवंशी , रजवार , मंडल , राम , महतो , तथा वनवासी आदि उपनामों में विभाजित कर दिया गया है। इस समुदाय के 98 प्रतिशत   महिलाएं तथा 90 प्रतिशत पुरूष वर्ग आज भी अशिक्षित है।राज्य ही नहीं बल्कि देश भर में अपवाद स्वरूप डॉक्टर , जज , वकील , इंजीनियर , आई . . एस . पदाधिकारी तथा विषय विद्र पी . एच . डी . मिल पाते हैं। हर परिवर्तन का मूल छात्र - नौजवानों पर निर्भर करता है। कहा जाता है जिस ओर छात्र - युवा चलता है उस ओर जमाना चल देता है। समाज के नई पीढ़ी हमलोगों से कुछ प्रश्नों का उत्तर जानना अवश्य Would.
आज गैर सरकारी तथा केन्द - राज्य सरकार द्वारा चलाये जाने वाली योजनाओं के हकीकत लाभ से हम सब परिवार कोसों दूर क्यों है ? सैकड़ों कल्याण छात्रवास , राजकीय आवासीय बालक / बालिका विघालय , कस्तुरबा गांधी आवासीय विघालय , तथा अन्य छात्रावासों में हमारी संख्या नगण्य क्यों है ? जुर्म , शोषण , हत्या अत्याचार एवं बलात्कार आदि की शिकायत सबसे ज्यादा यही समाज के साथ क्यों है। हमारे समाज का शिक्षा प्रतिशत दुनिया में सबसे कम क्यों है ? मुसहर भुईया समुदाय के , प्रबुद्ध छात्र - नौजवान , बुद्धिजीवियों का संगठन अभी तक अपने गांव - टोला , पंचायत , प्रखण्ड , जिला राज्य देश स्तर तक संगठन क्यों नहीं है।
My according resolve these kind of is ?
Society 's enlightened students - young and बुद्धिजीवियों का एक मजदूत संगठन गांव से लेकर देश स्तर पर बनाना होगा , जिसका उद्देश्य अपने समुदाय को शिक्षित करना , संगठित करना तथा इसके सर्वांगीण विकास कि लिए एक जूट होकर संघर्ष करना होगा। नश मुक्ति अभियान चलाकर इसके बुराईयों को जन - जन तक पहुंचाना होगा। यह समाज में फैले असंख्य कुरीतियों अंधविश्वास के विरूद्ध आवश्यक कदम उठाना होगा। सामाजिक , आर्थिक , नैतिक - शैक्षणिक एवं राजनैतिक विकास हेतु जन जागरूकता कार्यक्रम चलाना होगा।परिवार से ज्यादा समाज के लिए त्याग मूल्यों का स्थापना कर सबों के बीच सादगी भावना जगाना होगा।अपने पूर्वनों का इतिहास खोज करना तथा उनके जन्म - मृत्यु पर उत्सव शोक समारोह   मनाना होगा।व्याप्त अशिक्षा रूपि अंधकार को एनजीओ तथा कोई दूसरा दूर नहीं कर सकता है। इसके लिए आवश्यकता अनुसार जगह - जगह पर निः शुल्क शिक्षा केन्द्र , अनौचपारिक शिक्षा केन्द्र तथा सरकार द्वारा संचालित शिक्षा केन्द्रों के संचालन में सहयोग करना होगा।हमारे बीच के अत्यंत निर्धन , मेघावी , तथा श्रेष्ठतम छात्र - छात्राओं को समय - समय पर पुरस्कृत करना चाहिए। सरकार द्वारा संचालित विकास के विभिन्न योजनाओं से लोगों को अवगत कराना तथा सफल कार्यान्वयन हेतु सजग रहने की प्रेरणा देना होगा।दशरथ मांझी स्मृति संस्थान , माता शबरी अध्ययन आश्रम , दीना - भद्री निःशुल्क शिक्षा केन्द्र , अनाथालय एवं परित्यक्त , विधवा महिलाओं का निः शुल्क आश्रम निर्माण कर इन्हें स्वावलम्बी बनाने होंगे। अपने   आवश्यकतानुसार  वाचनालय , पालनाघर , छात्रावास तथा निःशुल्क पुस्तकालय की व्यवस्था करना होगा।
बेरोजगार अनियोजित पुरूष एवं महिलाओं के लिए भी स्वच्छ स्वरोजगार   का अवसर प्रदान करना होगा। जैसे जैव उर्वरक , पत्तल , ठोना , कालीन , दरी मोमबत्ती , अगरबत्ती , टोकरी आदि बनाना तथा मत्स्य पालन , पशु पालन , मधुपालन , रेशम कीट पालन आदि करना होगा। प्रत्येक जन तक साक्षरता , शौचालय , शुद्ध पेयजल का उपयोग तथा जन स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर , खेल शिविर आदि लगाना होगा।समाज से जुड़ी प्रेरक इतिहास , परम्परागत लोक संस्कृति , खेल - कहानी , दृष्टांत , पत्र - पत्रिकाओं का सृजन एवं प्रकाशन हम सबों के द्वारा किया जाना चाहिए।प्रतिवर्ष समाज के श्रेष्ठ पद पर विराजमान प्रबुद्ध गार्जियनों का एक संपूर्ण परिचय - डायरी का निर्माण होना चाहिए। प्रत्येक वर्ष जगह - जगह पर माता शबरी , पर्वत - पुरूष दषरथ मांझी तथा वीर दीना भद्री मिलन समारोह का आयोजन किया जाना चाहिए। तत्काल राजधानी पटना में प्रधान कार्यालय अर्थात दशरथ मांझी स्मृति संस्थान बनवाने की मांग होगी चाहिए।जल्द - जल्द से सरकार विभिन्न विभागों में समायोजन तथा नियोजन की मांग होनी चाहिए।
उपरोक्त उद्देश्यों के पूर्ति हेतु इस समाज को आपस में अर्न्तसंबंध जुड़ाव अन्य सभी विकसित समाजों के साथ प्रतिस्पर्धात्मक स्थापित करना होगा। इस समुदाय को एस . टी . कोटि में शामिल करने की मांग मजबूत   से करना होगा।

Da . Hulesh Rafter
    Research Students
Mobile - 08986020982





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